#2 सीम बॉलिंग ऑलराउंडर की मौजूदगी
महान क्रिकेटर कपिल देव के 1994 में संन्यास लेने के बाद टीम सीम बॉलिंग ऑलराउंडर गेंदबाज़ों की तलाश जारी थी लेकिन टीम मैनेजमेंट को कोई ख़ास क़ामयाबी नहीं मिली थी। कई खिलाड़ी को मौक़ा दिया गया था लेकिन ज़्यादा दिन तक कोई भी खिलाड़ी कामयाब ऑलराउंडर नहीं बन पाया। सीम बॉलिंग ऑलराउंडर के तौर पर हार्दिक पांड्या का उदय विराट कोहली के लिए एक अच्छा विकल्प साबित हुआ है। 3 टेस्ट मैचों में पांड्या ने 59.66 की औसत से 178 रन बनाए हैं जिसमें 3 अर्धशतक शामिल हैं। इसके अलावा पांड्या ने 23.75 के औसत से 4 विकेट भी हासिल किए हैं। हांलाकि टेस्ट क्रिकेट में पांड्या के भविष्य को लेकर कोई भी राय बनाना जल्दबाज़ी होगी, लेकिन उनमें एक आर्दश पेस ऑलराउंडर बनने की पूरी क़ाबिलियत है। टीम में उनकी मौजूदगी विराट कोहली को 5 गेंदबाज़ों के चुनाव में मदद कर सकती है।