[caption id="attachment_12274" align="alignnone" width="594"] ख़राब फॉर्म के बावजूद जडेजा टीम में बने रहे[/caption]
कप्तान कूल को खिलाडियों में विश्वास रखने के लिए जाना जाता है। अगर कोई अच्छा खिलाडी ख़राब प्रदर्शन करें तो भी धोनी उसके साथ खड़े रहते हैं। इसका एक अच्छा उदाहरण हैं रोहित शर्मा। रोहित के ख़राब प्रदर्शन के बावजूद उन्होंने रोहित के चयन का समर्थन किया और उन्हें बल्लेबाज़ी करने के लिए ओपनिंग पर भेजा। रोहित अपने आलोचकों का मुँह बंद करते हुए धोनी के विश्वास पर खरे उतरे। ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए उन्होंने दोहरा शतक भी जमाया।
लेकिन सभी रोहित की तरह नहीं निकले। धोनी ने रविन्द्र जडेजा पर पूरा विश्वास जताया, लेकिन वे उम्मीदों के मुताबिक परिणाम नहीं ला सके। 2013 आईसीसी चैंपियंस ट्राफी में कमाल का प्रदर्शन करने के बाद जडेजा के फॉर्म में भरी गिरावट आई। भारत के न्यूज़ीलैंड और इंग्लैंड के दौरे के लिए जब जडेजा को चुना गया तो सभी को आश्चर्य हुआ।
सौराष्ट्र का यह ऑलराउंडर विपक्षी खिलाडियों पर दबाव बनाने में असमर्थ रहे थे। वें गेंदबाज़ी में रन लुटाए जा रहे थे। विदेशी पिचों पर उनकी गेंदबाज़ी की सभी ने आलोचना भी की। इसके बावजूद धोनी ने जडेजा में विश्वास बनाये रखा। इस वजह से पूर्व खिलाडियों धोनी से नाराज़ होते गए। बाद में जडेजा को टीम से निकाल दिया गया।