[caption id="attachment_12273" align="alignnone" width="594"] धोनी एक शानदार फिनिशर हैं[/caption]
एम एस धोनी को क्रिकेट का एक शानदार फिनिशर माना जाता है। कई बार धोनी ने आखिरी ओवरों में भारत को जीत दिलाई है, इसलिए उन्हें विश्व का नंबर 1 फिनिशर भी माना जाता है।
उल्लेखनीय मैच है आईसीसी 2011 विश्व कप का फाइनल। जब धोनी ने छक्का लगा कर भारत को दूसरी बार विश्व विजेता बनवाया था। वेस्ट इंडीज में त्रिकोणीय श्रृंखला के फाइनल में धोनी आखिर तक विकट पर जमे रहे और 45 रनों की नाबाद पारी खेल कर भारत को एक विकट से मैच जितवाया। इससे कप्तान ने वाहवाही अर्जित की।
लेकिन कई ऐसे भी मौके आये जब धोनी मैच को सही ढंग से खत्म नहीं कर सके। पिछले कुछ महीनों में धोनी की फिनिशिंग एबिलिटी में काफी कमी देखी गयी है। 2014 के इंग्लैंड दौरे में एकमात्र T20 में भारत 180 रनों का पीछा कर रहा था। भारत का स्कोर 131 पर 2 विकेट थे और जीत के लिए 34 गेंदों पर 50 रन की जरुरत थी। फिर कोहली और रैना के आउट होने के बाद सब जिम्मेदारी धोनी पर आ गयी। आखिरी ओवर में टीम को 17 रनों की जरुरत थी। ओवर की शुरुआत तो अच्छी हुई, लेकिन धोनी ने एक रन लेने से इंकार कर दिया। वह मैच भारत 3 रनों से हार गया। धोनी के ऐसे व्यवहार की कड़ी आलोचना हुई। हालांकि पिछले एक वर्ष से धोनी ने अपनी फिनिशर वाली क्षमता फिर से प्राप्त कर ली है।
लेखक: रोहन नागराज, अनुवादक: सूर्यकांत त्रिपाठी