इंग्लैंड के खिलाफ होने वाले 5 टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले 3 मैच के लिए भारतीय टीम की घोषणा हो गयी है। दोनों ही टीमें 1 अगस्त से बर्मिंघम के मैदान पर भिड़ेंगी। भारतीय टीम इस समय टीम की नंबर एक टीम है इसी वजह से खिलाड़ियों र बेहतर प्रदर्शन करने का दबाव रहेगा। अभी तक इंग्लैंड के इस दौरे में टीम इंडिया का प्रदर्शन मिलाजुला रहा है। महमानों ने जहाँ टी20 सीरीज पर अपना कब्जा जमा लिया वहीं वनडे सीरीज में पहला मैच हारने के बाद मेजबान इंग्लैंड ने वापसी करते हुए अगले दोनों मैच जीतकर सीरीज अपने नाम कर लिया। भारतीय टीम का इंग्लैंड में पिछला दोनों दौरा बेहद ख़राब रहा है। जहाँ 2011 में भारतीय टीम 4 टेस्ट मैचों की सीरीज 4-0 से हार गयी थी वहीं 2014 में 5 मैचों की सीरीज में 3-1 से मात मिली थी। इस बार सभी भारतीय खेल प्रेमियों को उम्मीद है कि उनकी टीम इंग्लैंड को उसी के घर में पटखनी देकर सीरीज पर कब्जा कर लेगी। यह भारतीय टीम पिछले दोनों दौरों से मजबूत बताई जा रही है। ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं कि क्यों भारतीय टीम इस टेस्ट सीरीज को जीत सकती है: #5 कप्तान का बदलाव पिछले दोनों दौरे में भारतीय टीम की कमान महेंद्र सिंह धोनी के हाथ में थी लेकिन इस बार विराट कोहली टीम के कप्तान हैं। कोहली के कप्तानी का तरीका धोनी से अलग है और वह आक्रामक कप्तानी के लिए जाने जाते हैं। जहाँ धोनी बल्लेबाज की गलती का इंतजार करते थे वहीं कोहली आक्रामक फील्डिंग और तेज गेंदबाजों से बल्लेबाजों पर धावा बोलते हैं। इसके साथ ही कोहली के पास कलाई के गेंदबाज का भी विल्कप है। यो-यो टेस्ट के आ जाने के बाद खिलाड़ियों की फिटनेस में काफी सुधार आया है और यह भारतीय टीम के लिए इंग्लैंड में मददगार हो सकता है।#4 तेज गेंदबाजी चोट की वजह से भुवनेश्वर कुमार भले ही पहले 3 टेस्ट मैचों से बाहर हो गये हैं लेकिन बावजूद भी भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण काफी मजबूत है। इशांत शर्मा, उमेश यादव और मोहम्मद शमी ने भारत के लिए पिछले कुछ समय से लगातार बेहतर प्रदर्शन किया है। इशांत शर्मा ने हाल ही में काउंटी क्रिकेट में ससेक्स के लिए जबरदस्त गेंदबाजी की है और उन्हें इंग्लैंड की कंडीशन का अच्छा अनुभव है। 2014 वाले उमेश यादव के पास गति तो थी लेकिन उनकी लाइन लेंथ काफी खराब थी लेकिन 2018 वाले उमेश यादव के गति के साथ लाइन लेंथ है और उन्हें पता है कि बल्लेबाजों को की तरह आउट करना है। इसके अलावा टीम के पास हार्दिक पांड्या जैसा ऑलराउंडर है जिसकी तलाश काफी वर्षो से थी। पिछले दौरे में टीम के पास स्टुअर्ट बिन्नी थे और उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा था। हार्दिक बिन्नी से बिल्कुल अलग तरीके के खिलाड़ी है। वह गेंद और बल्ले दोनों से एक जैसा खेल दिखा सकते हैं।#3 अनुभव इंग्लैंड में जाकर आपको अच्छा प्रदर्शन करना है तो इसके लिए आपको वहां की परिस्थितियों का अनुभव होना चाहिए। बल्लेबाजों के लिए इंग्लिश कंडीशन काफी मुश्किल है और कई अच्छे बल्लेबाज इसी वजह से वहां फेल हो जाते हैं। चेतेश्वर पुजारा और इशांत शर्मा ने वहां काउंटी क्रिकेट खेला है और यह उनके लिए काफी मददगार साबित होगा। 2014 दौरे में सिर्फ 4 ही ऐसे खिलाड़ी थे जो 2011 दौरे में वहां गये थे लेकिन इस बार इस बार 9 खिलाड़ी ऐसे हैं जो 2014 की टीम का हिस्सा थे। इन खिलाड़ियों का इंग्लैंड में पहले खेला होना टीम के लिए मददगार होगा।#2 बल्लेबाज विराट कोहली अब तक टेस्ट मैचों में इंग्लैंड की धरती पर 10 पारियों में कोहली के बल्ले से मात्र 134 रन निकले हैं। इसमें न कोई शतक शामिल है और न ही कोई अर्धशतक लेकिन जॉन पॉवेल ने कहा है “अगर आप मुझे कल जानते थे, तो आज मिलने पर कृपया ये नहीं सोचे कि यह वही इंसान है।” यह लाइन भारतीय कप्तान विराट कोहली पर बिल्कुल फिट बैठती है। 2014 के कोहली और आज के कोहली में जमीन आसमान का अंतर है। इस सीरीज के बाद से अभी तक कोहली ने 55 पारियों में 61 की शानदार औसत से 3200 रन बनाये हैं। इसमें पिछले दो सालों में लगाये गए 6 दोहरे शतक भी शामिल हैं। कोहली अगर अपना हालिया फॉर्म बरकरार रखते हैं तो इंग्लैंड टीम के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी हो सकती है।#1 टीम का संतुलन भारतीय टीम पिछले कुछ से में काफी संतुलित दिख रही है जो 2014 के दौरे के समय नहीं थी। सलामी बल्लेबाज लगातार रन बना रहे हैं। टीम की पेस बैटरी अनुभवी और धारदार है। कप्तान लगातार अच्छी बल्लेबाजी कर रहा है। टीम के पास पांड्या जैसा फ़ास्ट बॉलिंग ऑलराउंडर हैं। इन सब के अलावा इस बार टीम के पास कुलदीप यादव जैसा गेंदबाज है। यह चाईनामैन गेंदबाज टेस्ट सीरीज में टीम इंडिया के लिए एक्स फैक्टर साबित हो सकता है। कुलदीप ने टी20 और वनडे वनडे मिलाकर 5 मैचों में 14 विकेट चटकाए हैं। टीम इंडिया के पास पिछले दोनों दौरों में ऐसा स्पिनर नहीं था जो इंग्लिश बल्लेबाजों का विकेट निकल सके। इस तरह टीम इंडिया इस बार काफी संतुलित दिख रही है और खिलाड़ियों ने अपने नाम के अनुरूप प्रदर्शन किया तो इंग्लैंड टीम के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है। लेखक: ख्यात देसाई अनुवादक: ऋषिकेश सिंह