5 कारण जिसकी वजह से विराट कोहली भारत के सर्वश्रेष्ठ कप्तान बन सकते हैं

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विराट कोहली जब से भारतीय टीम में आये है तभी से ही उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया हैं। कोहली जिस तरह लगातार रन बनाते हैं ये उन्हें बाकी सभी खिलाड़ियों से काफी आगे खड़ा करता है। उनकी सबसे बड़ी खासियत है कि दबाव में उनका खेल और निखर जाता है। इसी वजह से आज लक्ष्य का पीछा करने में वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज हैं और उनके रिकॉर्ड इस बात की गवाही देते हैं। विराट कोहली ने अभी तक खेले अपने 60 टेस्ट मैचों में 49.55 की औसत से 4658 रन बनाए है, जिसमें 17 शतक और 14 अर्धशतक शामिल है। वहीं एकदिवसीय मैचों में भारतीय कप्तान ने 202 मैचों में 55.45 की औसत से 9030 रन बनाए है, जिसमें 32 शतक के साथ-साथ 45 अर्धशतक भी शामिल है। जहां टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों की बात है तो इसमें कोई कोहली के आसपास भी नहीं है। अब तक खेले 54 टी20 अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में कोहली ने 53.97 की और 137.50 के स्ट्राइक-रेट से बल्लेबाजी की है। कप्तानी की बागडोर संभालने के बाद कोहली का खेल और निखर गया है और टीम भी काफी अच्छा प्रदर्शन कर रही है। अगर कोहली और उनकी टीम ऐसा ही प्रदर्शन करती रही तो कोहली भारतीय क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ कप्तान बन सकते है।आज हम आपको इसीके बारे में बताएंगे कि क्यों कोहली भारत के सर्वश्रेष्ठ कप्तान बन सकते है #1. कप्तान के रूप में अच्छी शुरुआत क्रिकेट के तीनों ही प्रारूपों में टीम की कमान संभालने के बाद से कोहली के खेल में काफी निखार आया है। उनकी बल्लेबाजी पहले से नियमित हो गयी है और अब वो लगातार रन बनाकर टीम के बाकी खिलाड़ियों के लिए उदाहरण बन रहे हैं। अगर आंकड़ों के हिसाब से बात करे तो कोहली का रिकॉर्ड 60 या उससे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय मैचों में कप्तानी कर चुके किसी भी कप्तान से काफी बेहतर है। कोहली की कप्तानी में अभी तक खेले 72 अंतरराष्ट्रीय मैचों में भारत को 52 जीत मिली है और यहां जीत प्रतिशत 72.22 है जो किसी भी अन्य कप्तान से काफी ऊपर है। लेकिन, अब कोहली के लिए डगर काफी मुश्किल है क्योंकि भारतीय टीम को अभी दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के दौरा करना है। कोहली से उम्मीद की जा सकती है कि वह टीम को इन दौरों पर जीत तक पहुंचाने में सफल रहेंगे। #2. कोहली का फिटनेस बाकी खिलाड़ियों के लिए उदाहरण 784b5-1509876632-800 वर्तमान समय में किसी भी खिलाड़ी के लिये सबसे जरूरी है फिटनेस क्योंकि यही उन्हें खेल में अच्छा प्रदर्शन करने में मदद करती है। धोनी की कप्तानी के समय से ही भारतीय टीम के खिलाड़ियों के फिटनेस पर बात हो रही है और अब यह कोहली की कप्तानी में भी हो रहा है। सभी भारतीय खिलाड़ी फिटनेस पर काफी ध्यान देने लगे हैं। अंतरराष्ट्रीय और आईपीएल में लगातार खेलने के बावजूद 2015 के बाद से कोहली सिर्फ इस साल ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज़ का अंतिम मैच और आईपीएल के शुरुआती कुछ मैच में ही टीम से बाहर रहे हैं। अपने आप को फिट रखने के लिए कोहली का समर्पण और मेहनत ही है जो उन्होंने लगातार बिना किसी आराम के लगातार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करने में मदद करता है। कोहली अपनी फिटनेस से बाकी खिलाड़ियों के लिए खुद उदाहरण बनते हैं और इसी वजह से बाकी खिलाड़ियों को भी कप्तान से प्रेरणा मिलती है। #3. कड़े फैसले लेने में सक्षम ca48b-1509876724-800 कोहली से पहले टीम के कप्तान रहे सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़, धोनी या अनिल कुंबले सभी की कप्तानी में कोई ना कोई विवाद हुआ ही है, जिस वजह से उनकी कप्तानी पर भी उंगलियां उठी हैं। कोहली अपने आक्रामक कप्तानी के लिए जाने जाते है और यह बात सभी को पता है कि कप्तानी के दौरान वो अपनी भावनाओं को खुलकर दिखाते भी हैं खासकर आईपीएल के मैचों में। लेकिन, कोहली की कप्तानी में भी विवाद कम नहीं हुए हैं लेकिन इस मामले में कोहली बाकी कप्तानों से आगे दिखते हैं। उन पर जब भी मीडिया, खेल प्रशंसक या पूर्व खिलाड़ी उंगली उठाते हैं या कोई विवाद पैदा होता है, इसका असर उनके खेल पर कभी नहीं दिखता। कोहली कड़े फैसले लेने में कभी हिचकते नहीं है। यह बात इसी से प्रमाणित हो जाती है कि कोहली और टीम प्रबंधन ने मिलकर रविचंद्रन अश्विन, युवराज सिंह, सुरेश रैना और रविन्द्र जडेजा जैसे अनुभवी खिलाड़ियों को सीमित ओवरों की टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया। इन सब के बावजूद कोहली ने अपने या टीम किसी के प्रदर्शन में कोई गिरावट नहीं आने दी। यहां तक की कुंबले विवाद के बाद भी इसका असर टीम के प्रदर्शन पर बिल्कुल नहीं दिखा। #4. युवा खिलाड़ियों पर भरोसा दिखाना 3990d-1509876680-800 खेल विशेषज्ञ और प्रशंसक सभी को ऐसा लग रहा था कि हार्दिक पांड्या अभी टेस्ट क्रिकेट के लिए पूरी तरह तैयार नहीं हैं। लेकिन श्रीलंका दौरे पर कोहली को महसूस हुआ कि टीम को तेज गेंदबाजी करने वाले ऑलराउंडर की जरूरत थी और उन्होंने पांड्या को मैच में मौका दिया। पांड्या ने भी अपने कप्तान को निराश नहीं किया और 85 गेंदों में शतक ठोक डाला। पांड्या किसी भी तरह टेस्ट बल्लेबाज नहीं हैं और उनकी आक्रामक बल्लेबाजी की परीक्षा दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया दौरे पर होगी क्योंकि वहां उनका सामना स्विंग और सीम वाली गेंदों से होगा और उनकी तकनीक उस लायक नहीं है। यही बात युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव के साथ भी है। इससे यह साफ हो जाता है कि इस कप्तान को अपने युवा खिलाड़ियों पर काफी भरोसा है और अगर खिलाड़ी असफल भी हुए तो कोहली पूरी जिम्मेदारी लेने को तैयार रहते है। इसी वजह से हाल के दिनों में युवा खिलाड़ी टीम की जीत में अहम योगदान दे रहे है। #5. विदेशी सरजमीं पर कप्तान के रूप में अभी तक अच्छा रिकॉर्ड a231b-1509876785-800 बल्लेबाज के रूप में कोहली का रिकॉर्ड कैसा है यह बात सभी को पता है। खेल के तीनों ही प्रारूपों में आज उनके बराबरी में कोई नहीं दिखता। लेकिन कई मौकों पर कप्तानी के दबाव में खिलाड़ियों का खेल बिगड़ जाता है या काफी निखर जाता है। हाल के समय में फॉफ डू प्लेसी, एलेस्टर कुक, केन विलियमसन, स्टीव स्मिथ, जो रूट जैसे खिलाड़ी कप्तानी का दबाव अपने बल्लेबाजी पर नहीं आने दे रहे और कोहली भी कुछ ऐसा ही प्रदर्शन कर रहे हैं। इन सबके बावजूद सबसे अच्छा कप्तान वही होता है जो विदेशी सरजमीं पर भी अच्छा खेल दिखाए और ज्यादातर खिलाड़ी ऐसा नहीं कर पाते। कप्तान के रूप में कोहली 30 मैचों में 45.43 की औसत से 2347 रन बनाए है जिसमें 10 शतक भी शामिल है। कप्तान के रूप में बात की जाए तो कोहली का जीत प्रतिशत अन्य भारतीय कप्तानों से काफी बेहतर है। लेकिन बात यह भी है कि कोहली ने कप्तान रहते पूर्ण रूप से अभी तक दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया या इंग्लैंड का दौरा नहीं किया है। जहां भारतीय कप्तान हमेशा संघर्ष करते नज़र आये हैं। आज कप्तान के रहते कोहली का जैसा रिकॉर्ड है इससे उम्मीद है कि आगे भी यह जारी रहेगा और अगर ऐसा हुआ तो कोहली भारत के सर्वश्रेष्ठ कप्तान बन जाएंगे। लेखक- राघव रविचंद्रन अनुवादक- ऋषिकेश सिंह

Edited by Staff Editor
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