खेल विशेषज्ञ और प्रशंसक सभी को ऐसा लग रहा था कि हार्दिक पांड्या अभी टेस्ट क्रिकेट के लिए पूरी तरह तैयार नहीं हैं। लेकिन श्रीलंका दौरे पर कोहली को महसूस हुआ कि टीम को तेज गेंदबाजी करने वाले ऑलराउंडर की जरूरत थी और उन्होंने पांड्या को मैच में मौका दिया। पांड्या ने भी अपने कप्तान को निराश नहीं किया और 85 गेंदों में शतक ठोक डाला। पांड्या किसी भी तरह टेस्ट बल्लेबाज नहीं हैं और उनकी आक्रामक बल्लेबाजी की परीक्षा दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया दौरे पर होगी क्योंकि वहां उनका सामना स्विंग और सीम वाली गेंदों से होगा और उनकी तकनीक उस लायक नहीं है। यही बात युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव के साथ भी है। इससे यह साफ हो जाता है कि इस कप्तान को अपने युवा खिलाड़ियों पर काफी भरोसा है और अगर खिलाड़ी असफल भी हुए तो कोहली पूरी जिम्मेदारी लेने को तैयार रहते है। इसी वजह से हाल के दिनों में युवा खिलाड़ी टीम की जीत में अहम योगदान दे रहे है।