पूर्व की भारतीय टीम उनती संतुलित टीम नहीं रही जितना संतुलन मौजूदा टीम में है। जब टीम पांच गेंदबाजों के साथ खेलना चाहती है, तो उनके पास विकल्प मौजूद रहते हैं। जिस वक्त पिच पर खास दिखाई देती है कोलकाता की पिच पर उस वक्त कोहली भुवनेश्वर से गेंदबजी कराते हैं जबकि स्पिन ट्रैक पर वो अमित मिश्रा को मौका देते हैं। जब उन्हें एक अतिरिक्त बल्लेबाज के साथ मैदान पर उतरना होता है, उस समय कोहली के पास रोहित शर्मा विकल्प के रुप में मौजूद रहते हैं। न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम तीन अलग-अलग ओपनिंग बल्लेबाजों के साथ खेलने उतरी थी। क्रिकेट में आए दिन खिलाड़ी इंजरी के शिकार होते रहते हैं, लेकिन अगर कोई खिलाड़ी चोटिल हो जाए तो उसकी रिप्लेसमेंट भी भारत के पास तैयार है, जिससे टीम का मोमेनटम भी बरकरार रहता है, जबकि ऐसा बाकि टीमों से साथ कम ही देखने को मिलता है। एक ऐसी टीम जिसके पास शानदार बैंच स्ट्रेंथ है वो किसी भी चुनौती के लिए हमेशा तैयार रहती है।