टेस्ट क्रिकेट में घरेलू मैदान पर जडेजा और अश्विन का प्रदर्शन बेहद शानदार रहा है, लेकिन इन दोनों की गेंदबाज़ी में बड़ी गिरावट देखने को मिला है। जब टीम विदेश दौरे पर होती है। इसके अलावा ये दोनों गेंदबाज़ अक्सर सीमित ओवर के क्रिकेट में विकेट पाने के लिए संघर्ष करते हुए नजर आते हैं। इसका उदाहरण अभी हाल ही में सम्पन्न हुए आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में देखने को मिला है। जहां जडेजा और अश्विन विकेट से टर्न न मिलने की वजह से उतने प्रभावी नहीं नजर आये। जबकि वेस्टइंडीज के खिलाफ कुलदीप ने विकेट लेकर ये दिखा दिया कि वह बिना विकेट के मदद से भी अपना असर छोड़ सकते हैं। अश्विन साल 2015 विश्वकप के बाद सीमित ओवर प्रारूप में विकेट लेने के लिए संघर्ष करते हुए नजर आये हैं। ऐसे में कुलदीप को सीमित ओवर की टीम में स्थायी रूप में शामिल किया जा सकता है। क्योंकि उनका प्रदर्शन सीमित ओवर के क्रिकेट में भी बेहतरीन रहा है।