5 ऐसे कारण क्यों इंडिया A और अंडर-19 टीम के कोच के तौर पर राहुल द्रविड़ का रिन्यूवल अच्छा फैसला है

सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित किए गए COA के पूर्व सदस्य रामचंद्र गुहा ने अचानक इस्तीफा दे दिया। उन्होंने एक अहम बात उठाई और वो थी हितों का टकराव। उनके अनुसार जो एक राष्ट्रीय टीम का कोच आईपीएल का कोच नहीं हो सकता है। यही वजह है कि BCCI ने राहुल द्रविड़ को दोबारा इसी शर्त पर इंडिया A और अंडर-19 टीम का कोच नियुक्त किया कि वो आईपीएल के अगले सीजन में दिल्ली डेयरडेविल्स की कोचिंग नहीं करेंगे। जून 2015 में राहुल द्रविड़ को अंडर-19 और इंडिया A टीम का कोच नियुक्त किया गया था। उनके नेतृत्व में भारत की युवा ब्रिगेड ने शानदार खेल दिखाया और उनके खेल में काफी निखार आया। यही वजह है कि BCCI ने फिर से द्रविड़ का कॉन्ट्रैक्ट बढ़ा दिया है। इससे आने वाले समय में भारतीय टीम को काफी फायदा होगा। बहुत से युवा खिलाड़ियों को द्रविड़ के अनुभव का पूरा फायदा मिलेगा। आइए आपको बताते हैं द्रविड़ को दोबारा कोच बनाना क्यों भारतीय क्रिकेट के लिए फायदे का सौदा साबित होगा। 1.एक खिलाड़ी के तौर पर उनकी अपनी पहचान ऑस्ट्रेलिया के महान बल्लेबाज मैथ्यू हेडन ने एक बार द्रविड़ के बारे में कहा था कि ' ये जो सारी चीजें चल रही हैं वो आक्रामकता नहीं हैं। अगर आप आक्रामकता देखना चाहते हैं द्रविड़ की आंखों में देखिए।' ये दिखाता है कि द्रविड़ अपने जमाने के कितने बड़े प्लेयर थे। वो आज भी भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के युवा प्लेयरों के लिए रोल मॉडल हैं। भारत में भी उनके करोड़ों फैन हैं। द् वॉल, मिस्टर भरोसेमंद, संकटमोचक और ना जाने ऐसे कितने ही नाम राहुल द्रविड़ को मिले हुए थे। उन्होंने भारतीय टीम की तरफ से 1999, 2003 और 2007 के वर्ल्ड कप में हिस्सा लिया। उनके इस अनुभव से युवा टीम को जबरदस्त फायदा होने वाला है। मुश्किल से मुश्किल घड़ी में भी वो भारतीय टीम के साथ खड़े रहे। एक कोच के तौर पर भी वो अब तक खासे सफल रहे हैं। 2. द्रविड़ की ही तरह युवा क्रिकेटरों को भी शांत स्वभाव होना चाहिए DRAVI COACH

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उम्र के उस पड़ाव पर जब काफी सारे युवा क्रिकेटर काफी आक्रामकता दिखाते हैं। द्रविड़ उन दिनों में भी बिल्कुल शांत स्वभाव के थे। वो सिर्फ अपने बल्ले से आक्रामकता दिखाते थे। युवा क्रिकेटर उनसे आत्मसंयमित होने के गुर सीख सकते हैं। जब भी विरोधी टीम ने द्रविड़ को स्लेजिंग के जरिए उकसाने की कोशिश की तो उन्होंने अपना आपा नहीं खोया। उस परिस्थिति में भी वो एकदम शांत रहे और खराब शॉट खेलकर अपना विकेट नहीं गंवाया। वर्ल्ड क्रिकेट में आजकल ऐसा कम ही देखने को मिलता है। इन दिनों खिलाड़ियों पर काफी मैच फाइन लगने लगे हैं जिससे पता चलता है कि मैदान पर उनका व्यवहार कैसा रहता है। द्रविड़ की लाजवाब बल्लेबाजी और उनका शांत स्वभाव उन्हे दुनिया का महान क्रिकेटर बनाते हैं। उनके ये गुर आजकल के युवाओं में अभी से आने जरुरी हैं। ताकि आगे चलकर वो भी एक अच्छा क्रिकेटर बन सकें।
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3. जूनियर टीम के कोच के तौर पर उनका सफल कार्यकाल DRAVID 3

अंडर-19 टीम और इंडिया A के कोच के तौर पर राहुल द्रविड़ का पहला कार्यकाल काफी शानदार रहा। कोच के तौर पर पहली सफलता उनको साउथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया की जूनियर टीमों के खिलाफ मिली। युवा भारतीय खिलाड़ियों ने काफी शानदार खेल दिखाया और फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को मात दी। जब साउथ अफ्रीका और बांग्लादेश की A टीम ने भारत का दौरा किया तब भारतीय टीम एक भी मैच नहीं हारी। जहां तक अंडर-19 टीम का सवाल है तो द्रविड़ की कोचिंग में सबसे भारतीय अंडर-19 टीम ने बांग्लादेश और अफगानिस्तान के साथ त्रिकोणीय सीरीज में हिस्सा लिया था। भारतीय टीम ने ये श्रृखंला अपने नाम किया। इसके बाद श्रीलंका और इंग्लैंड के साथ हुए त्रिकोणीय सीरीज में भी भारत विजयी रहा। 2016 में हुए अंडर-19 वर्ल्ड कप में भी भारतीय टीम फाइनल तक पहुंची। हालांकि फाइनल में उसे इंग्लैंड के हाथों हार का सामना करना पड़ा लेकिन उससे पहले भारतीय टीम ने आयरलैंड, न्यूजीलैंड, नेपाल और श्रीलंका को मात दी।

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4.युवा खिलाड़ियों के साथ उनके अच्छे संबंध DRAVID 4

युवा क्रिकेटरों ने जब भी अच्छा परफॉर्म किया तो उन्होंने इसका क्रेडिट राहुल द्रविड़ को दिया। ये दिखाता है कि उनके और युवा क्रिकेटरों के बीच कितनी घनिष्ठता है। दिल्ली डेयरडेविल्स टीम का मेंटोर बनने से पहले भी उन्होंने कहा कि' मैंने इसलिए इस टीम का मेंटोर बन रहा हूं क्योंकि ये टीम काफी युवा है। इसी तरह का प्रयोग हमने रॉयल्स के साथ किया था और वो खासा सफल रहा था।' प्रतिभाशाली क्रिकेटर श्रेयस अय्यर ने एक बार राहुल द्रविड़ के बारे में कहा' द्रविड़ बहुत कूल और शांत स्वभाव के हैं। आप बिना किसी हिचक के उनसे राय ले सकते हैं। यहां तक कि वो खुद आपके पास आएंगे और आपके हर सवाल का जवाब देंगे।' संजू सैमसन, करुन नायर, धवल कुलकर्णी, दीपक हुड्डा, ऋषभ पंत और श्रेयस अय्यर जैसे प्लेयर उन्ही के गाइडेंस में आगे बढ़े हैं। 5. जब सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा तो उसे डिस्टर्ब करने की जरुरत नही DRAVID 5 द्रविड़ जब से कोच बने हैं काफी अच्छा काम कर रहे हैं। उनके गाइडेंस में युवा टीम शानदार खेल दिखा रही है। सभी खिलाड़ियों से उनके काफी अच्छे संबंध हैं। ऐसे में जब सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा हो तो उसे डिस्टर्ब करने का कोई तुक नहीं बनता। कोच के तोर पर अब उन्हे काफी अनुभव भी हो गया है। ऐसे में उनकी कोचिंग से भारतीय टीम को काफी फायदा होगा। द्रविड़ की कोचिंग से युवा प्लेयर काफी अच्छे से क्रिकेट की बारीकियों को सीख पाएंगे। आने वाले दिनों में इससे भारतीय क्रिकेट को कई सारे टैलेंटेड प्लेयर मिल सकते हैं, जो भारतीय टीम के भविष्य होंगे। लेखक-उमैमा सईद अनुवादक-सावन गुप्ता

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