एशिया कप में भारत की जीत के बाद ये चर्चाएं तेज़ हो गई हैं कि रोहित शर्मा को भारतीय टेस्ट टीम में शामिल क्यों नहीं किया जा रहा है। रोहित के फ़ैंस का मानना है कि जब वो इतनी अच्छी बल्लेबाज़ी कर रहे हैं तो उन्हें टेस्ट में मौका दिया जा सकता है। आईसीसी वनडे रैंकिंग में रोहित विराट के बाद दूसरे नंबर पर काबिज़ हैं। भले ही हरभजन सिंह और सौरव गांगुली जैसे महान क्रिकेटर ने ‘हिटमैन’ का समर्थन किया है। इसके बावजूद ऐसा नहीं लगता कि रोहित जल्द लाल गेंद से क्रिकेट खेल पाएंगे। हम यहां उन 5 वजहों की चर्चा कर रहे हैं जिसके आधार पर ये कहा जा सकता है कि रोहित को भारतीय टेस्ट टीम में जगह नहीं मिलनी चाहिए।
1. फ़्लैट ट्रैक बुली – घूमती गेंद को खेल पाने में असहज
रोहित शर्मा सीम बॉल को अच्छे तरीके से नहीं खेल पाते हैं, वो सीधी गेंद को लेकर सहज हैं। रोहित शर्मा ने ज़्यादातर शतक और दोहरा शतक सीधी गेंद खेलकर और फ़्लैट विकेट पर लगाया है। अभी भारतीय टीम मैनेजमेंट ऐसे बल्लेबाज़ की तलाश कर रहा है जो विदेशों में रन बना सके, भारत को इस साल ऑस्ट्रेलिया जैसे मुश्किल दौरे पर जाना है। ऐसे में रोहित शर्मा चयनकर्ताओं की लिस्ट में नहीं होंगे।
2. सफ़ेद गेंद के विशेषज्ञ हैं रोहित
सफ़ेद गेंद और लाल गेंद से क्रिकेट खेलना दोनों अगल तरह का हुनर है। इन दोनों तरह की गेंद में सबसे बड़ा फ़र्क ये है कि सफ़ेद गेंद लाल गेंद के मुक़ाबले ज़्यादा नहीं घूमता। सफ़ेद गेंद को फेंकते हुए गेंदबाज़ों की कोशिश रहती है कि रन बनने से रोका जाए। लाल गेंद फेंकते हुए बॉलर्स ये चाहते हैं कि विकेट निकाला जाए। लाल गेंद से खेलते वक़्त बल्लेबाज़ को संयम बरतना होता है, सही गेंद का इंतज़ार करना पड़ता है, नहीं तो वो विकेट गंवा बैठेगा। यही वजह है कि रोहित शर्मा जैसे कई वनडे के बल्लेबाज़ टेस्ट में इतने कामयाब नहीं हुए हैं।
3. टीम इंडिया विदेशों में टेस्ट जीतना चाहती है
कप्तान विराट कोहली चाहते हैं कि टीम इंडिया विदेशी सरज़मीं पर भी टेस्ट मैच और सीरीज़ जीते। भारत में होने वाली टेस्ट सीरीज़ में भी ऐसे खिलाड़ियों का चयन होता है जो विदेशों में भी अच्छा प्रदर्शन कर सके। यही वजह है कि वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ सीरीज़ में मयंक अग्रवाल, पृथ्वी शॉ और हनुमा विहारी को टीम में शामिल किया गया है। टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले पूरी तरह तैयार होना चाहती है। रोहित शर्मा और शिखर धवन को विदेशों में कई मौके दिए गए हैं और टीम मैनेजमेंट भविष्य के खिलाड़ियों पर दांव लगा रही है।
4. गेंदबाज़ी के विकल्प की कमी
टीम इंडिया को नंबर 6 पर ऐसे बल्लेबाज़ की तलाश है जो गेंदबाज़ी भी कर सकता हो। यही वजह है वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ टेस्ट सीरीज़ में हार्दिक पांड्या, रवींद्र जडेजा और हनुमा विहारी को शामिल किया गया है। भारत के टॉप ऑर्डर के 5 बल्लेबाज़ गेंदबाज़ी नहीं करते हैं, यही कारण है कि छठे नंबर के लिए टीम इंडिया को एक ऑलराउंडर चाहिए। चूंकि रोहित शर्मा भी गेंदबाज़ी नहीं कर सकते, ऐसे में टेस्ट टीम में उनकी जगह नहीं बनती।
1. रोहित मौकों को भुनाने में नाकाम रहे
रोहित शर्मा भले ही क़रीब एक दशक से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे हैं, लेकिन उनके खेल में कुछ तकनीकी परेशानी हैं जिसकी वजह से वो सफ़ेद जर्सी में कम ही नज़र आए हैं। रोहित को टेस्ट मैच में कई मौके दिए गए, यहां तक कि कई बार तो उनकी वजह से अजिंक्य रहाणे को बेंच पर बिठाया गया। इसके बावजूद वो ख़ुद को साबित करने में नाकाम रहे। आइये नज़र डालते हैं रोहित शर्मा के विदेशों में खेले गए टेस्ट मैच के रिकॉर्ड्स पर। (ये ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ़्रीका और इंग्लैंड और न्यूज़ीलैंड में खेले गए मैच के रिकॉर्ड्स हैं)
मैच - 10
रन - 452
औसत - 23.78
सर्वाधिक स्कोर - 72
शतक - 0
अर्धशतक - 2
यही वजह है रोहित को टेस्ट टीम में शामिल नहीं करने का फ़ैसला बिलकुल सही है।
लेखक- प्रतीक दोषी
अनुवादक- शारिक़ुल होदा