2. सफ़ेद गेंद के विशेषज्ञ हैं रोहित
सफ़ेद गेंद और लाल गेंद से क्रिकेट खेलना दोनों अगल तरह का हुनर है। इन दोनों तरह की गेंद में सबसे बड़ा फ़र्क ये है कि सफ़ेद गेंद लाल गेंद के मुक़ाबले ज़्यादा नहीं घूमता। सफ़ेद गेंद को फेंकते हुए गेंदबाज़ों की कोशिश रहती है कि रन बनने से रोका जाए। लाल गेंद फेंकते हुए बॉलर्स ये चाहते हैं कि विकेट निकाला जाए। लाल गेंद से खेलते वक़्त बल्लेबाज़ को संयम बरतना होता है, सही गेंद का इंतज़ार करना पड़ता है, नहीं तो वो विकेट गंवा बैठेगा। यही वजह है कि रोहित शर्मा जैसे कई वनडे के बल्लेबाज़ टेस्ट में इतने कामयाब नहीं हुए हैं।
Edited by सावन गुप्ता