भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन को वेस्टइंडीज के खिलाफ होने वाले टेस्ट सीरीज से बाहर कर दिया गया है। इंग्लैंड दौरे पर लगातार फ्लॉप होने की वजह से उन्हें काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी। हालाँकि, भारतीय पिचों पर उनका रिकॉर्ड शानदार रहा है। 34 टेस्ट मैच के अपने करियर में धवन ने 40 से ऊपर की औसत से 2315 रन बनाये हैं।
आइये हम आपको 5 ऐसे कारण बताते हैं जिस वजह से धवन को टेस्ट टीम से ड्रॉप नहीं करना चाहिए था।
5. घरेलू पिचों पर शानदार रिकॉर्ड
मार्च 2013 ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू करने वाले शिखर धवन ने पहले ही मैच में 187 रनों की पारी खेली थी। जो डेब्यू मैच में भारतीय रिकॉर्ड भी है। इसके बाद भी उन्हें कई बड़ी पारियां खेली है। वह घर से बाहर जरुर फ्लॉप रहे हैं लेकिन वेस्टइंडीज सीरीज भारतीय सरजमीं पर होने वाली है। ऐसे में टेस्ट टीम में शिखर धवन को शामिल किया जाना चाहिए था।
4. बाएं हाथ के बल्लेबाज
क्रिकेट में हर टीम कोशिश करती है कि उसके सलामी बल्लेबाज दाएँ और बाएं हाथ के हो। इससे गेंदबाजों पर अपनी लाइन लेंथ सही रखने का काफी दबाव होता है। टीम के पास दूसरे सलामी बल्लेबाज के रूप में केएल राहुल हैं और दोनों युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ और मयंक अग्रवाल भी दाएँ हाथ के बल्लेबाज हैं।
इसके साथ ही टीम में रविन्द्र जडेजा के अलावा कोई बाएं हाथ का बल्लेबाज नहीं है। इससे भी वेस्टइंडीज के गेंदबाजों को फायदा मिलेगा।
3. शिखर धवन देते हैं विस्फोट शुरुआत
शिखर धवन की छवि एक विस्फोटक बल्लेबाज की है। इसी साल अफगानिस्तान के खिलाफ हुए टेस्ट मैच में उन्होंने पहले दिन लंच से पहले ही अपना शतक पूरा कर लिया। आज तक कोई भी भारतीय बल्लेबाज ऐसा नहीं कर पाया था।
करीब 140 साल के क्रिकेट इतिहास में सिर्फ 6 ऐसे बल्लेबाज हुए हैं जिसने लंच से पहले शतक पूरा किया है। धवन काफी हदतक वीरेंदर सहवाग जैसे बल्लेबाज हैं जो किसी भी समय मैच का रुख बदल सकते हैं।
2. एशिया कप का फॉर्म
इंग्लैंड में फ्लॉप होने के बाद शिखर धवन से एशिया कप में शानदार बल्लेबाजी की। पहले ही मैच में उन्होंने हांगकांग के खिलाफ 127 रनों की पारी खेली थी। इसके बाद उन्हें ग्रुप मैच में पाकिस्तान के खिलाफ और सुपर 4 में बांग्लादेश के खिलाफ अच्छी शुरुआत मिली लेकिन उसे बड़ी पारी में नहीं बदल पाए। सुपर 4 में भारत के सामने एक बार फिर पाकिस्तान की टीम थी। पहले बल्लेबाजी करते हुए पाक टीम ने भारत को जीत के लिए 238 रनों का लक्ष्य दिया था।
उस मैच में भी धवन ने 114 रनों की पारी खेली। एशिया कप में खेले 5 मैचों में उन्होंने 68.40 की औसत से 342 रन बनाये थे। इस प्रदर्शन के लिए उन्हें मैन ऑफ द सीरीज का अवार्ड भी मिला।
1. अच्छी शुरुआत को लम्बी पारी में बदलने की क्षमता
शिखर धवन को टेस्ट मैचों में जब भी अच्छी शुरुआत मिलती है, वह उसे बड़ पारी में तब्दील करते हैं। टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने अभी तक 12 बार 50 का आंकड़ा पार किया है और उसमें से 7 बार उन्होंने उसे शतक में तब्दील किया है।
शिखर धवन यहीं नहीं रुके हैं। 7 शतकीय पारियों में उन्होंने 3 बार 150 का आंकड़ भी पार किया है। इसके देखते हुए उन्हें वेस्टइंडीज के खिलाफ होने वाले टेस्ट सीरीज के लिए टीम में जरुर होना चाहिए थे।