अभिनव मुकुंद ने 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना पहला खेला था और दोनों पारियों में क्रमश: 11 और 25 रन बनाए थे। उनका पहला टेस्ट अर्धशतक पांचवें टेस्ट की पहली पारी में आया था और फिर अगले पारी में वह गोल्डेन डक पर ऑउट हो गए। इंग्लैंड के अपने दूसरे दौरे में उन्होंने चार पारियों में सिर्फ 64 रन बनाए और उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया। उन्होंने छह साल बाद जब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट टीम में वापसी की, तो फिर से वह असफल रहें और पहली ही पारी में शून्य पर ऑउट हो गए। तमिलनाडु के इस सलामी बल्लेबाज ने सात वर्षों के अपने लम्बे कैरियर में दो अर्धशतको की मदद से 320 रन बनाए हैं। इस दौरान उनका औसत केवल 22.85 का रहा। ऐसी खराब वापसी किसी भी अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी का कैरियर समाप्त कर सकती है।
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