मुकुंद एक पारंपरिक शैली के सलामी बल्लेबाज हैं, जो रक्षात्मक शैली में बल्लेबाजी करते हैं। पेशेंस और डिफेंस इनकी दो प्रमुख खासियत है। बाएं हाथ का यह बल्लेबाज आम तौर पर गेंदबाजों के गलती करने का इंतजार करता है और खराब गेंदो पर ही रन बनाता है। मुकुंद ऐसे बल्लेबाज नहीं है जो आक्रामक बल्लेबाजी कर अच्छे गेंदों को भी सीमा पार भेज दें। उनकी रक्षात्मक बल्लेबाजी भी एक कारण है जिसके कारण वह टेस्ट टीम से बाहर हो सकते हैं। वर्तमान समय में टेस्ट क्रिकेट लगातार बदल रहा है। अब टीमों का लक्ष्य सिर्फ रन बनाना ही नहीं तेजी से रन बनाना होता हे ताकि उनके गेंदबाजों को 20 विकेट लेने का पर्याप्त समय मिल सके। आक्रमकता और तेजी अब टेस्ट क्रिकेट की नई आवश्यकता है और अधिकांश खिलाड़ियों ने इस आवश्यकता के अनुसार अपने खेल को ढाल लिया है। चेतेश्वर पुजारा इसके प्रमुख उदहारण हैं, जिन्होंने टीम से बाहर होने के बाद अपने शैली में सुधार किया है और अब वह तेजी से रन बनाने की कोशिश कर रहे हैं। जबकि मुकुंद अभी भी अपने पुराने अप्रोच से ही खेल रहे हैं। 14 टेस्ट पारियों में सिर्फ चार मौकों पर उनका स्ट्राइक रेट 50 से अधिक रहा है। उनका कैरियर स्ट्राइक रेट 45.71 है, जो आधुनिक टेस्ट क्रिकेट के मुकाबले कम माना जा सकता है और यह उनके लिए अब सबसे बड़ी बाधा बन सकता है। भारत के कप्तान विराट कोहली को उनकी आक्रामकता के लिए जाना जाता है और इसलिए वह मुकुंद की जगह किसी बेहतर स्ट्राइक रेट वाले बल्लेबाज को मौका देना अधिक बेहतर समझेंगे। लेखक: सब्यसाची चौधरी अनुवादक: सागर