5 वजहों से सुरेश रैना को भारतीय वनडे टीम में फिर मौका मिलना चाहिए

सुरेश रैना को एशिया कप 2018 टूर्नामेंट के लिए यूएई जाने वाली टीम इंडिया में शामिल नहीं किया गया है। इससे भारतीय क्रिकेट फ़ैंस ये सोच रहे हैं कि क्या रैना 2019 में होने वाले क्रिकेट वर्ल्ड कप में खेल पाएंगे या नहीं? हम यहां उन 5 वजहों को लेकर चर्चा कर रहे हैं जो ये बताते हैं कि रैना को वनडे टीम में एक बार फिर मौका मिलना चाहिए: #5 रैना को सिर्फ़ 1 ख़राब मैच के बाद बाहर कर दिया गया सुरेश रैना ने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ वनडे सीरीज़ के दूसरे और तीसरे मैच में बल्लेबाज़ी की थी। सीरीज़ के निर्णायक मैच में उन्होंने एक ख़राब शॉट खेला और वो महज़ 1 रन पर आउट हो गए। सीरीज़ के दूसरे मैच में उन्होंने 46 रन की पारी खेली थी। आयरलैंड और इंग्लैंड के ख़िलाफ़ टी-20 अंतरराष्ट्रीय सीरीज़ में उनका प्रदर्शन सही था। सिर्फ़ 1 मैच में ख़राब प्रदर्शन के बाद किसी अनुभवी खिलाड़ी को बाहर करना एक सही फ़ैसला नहीं माना जाएगा। #4 रैना बाएं हाथ के बल्लेबाज़ हैं सुरेश रैना को इंग्लैंड दौरे पर वनडे टीम में अंबाती रायडू की जगह शामिल किया गया था। रैना को दिनेश कार्तिक और श्रेयष अय्यर के ऊपर तरजीह दी गई थी। रैना के चयन के वक़्त ऋषभ पंत और क्रुणाल पांड्या को भी नज़रअंदाज़ कर दिया गया था क्योंकि इन दोनों खिलाड़ियों के पास अनुभव की कमी है। टीम इंडिया के पास बाएं हाथ के मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज़ों की संख्या कम है, ऐसे में इस क्रम में सीमित ओवर के खेल के लिए रैना ही सबसे फिट खिलाड़ी हैं। #3 रैना के शामिल किए जाने से टीम संतुलित लगती है अब केदार जाधव चोट से उबर चुके हैं, ऐसे में वो प्लेइंग XI के छठे गेंदबाज़ बन सकते हैं। अगर इसके साथ-साथ सुरेश रैना को भी शामिल किया जाए तो टीम में 7वें गेंदबाज़ का विकल्प भी खुल जाएगा। टीम में हार्दिक पांड्या जैसा ऑलराउंडर भी है जो 5वें गेंदबाज़ के तौर पर मौजूद है। रैना की मौजूदगी टीम को संतुलित बनाए रखेगी जो जीत के लिए बेहद ज़रूरी है। #2 रैना की मौजूदगी धोनी का काम आसान करेगी धोनी के बारे में ये कहा जाने लगा है कि उन्हें अब ऊपरी क्रम में बल्लेबाज़ी करनी चाहिए क्योंकि अब वो उतने अच्छे फ़िनिशर नहीं रहे जितना कि पहले हुआ करते थे। धोनी आमतौर पर निचले मध्य क्रम में बल्लेबाज़ी करने आते हैं। वो टीम को जीत की दहलीज़ पर ले जाते हैं। धोनी की जगह ये ज़िम्मेदारी केदार जाधव या हार्दिक पांड्या को नहीं दी जा सकती क्योंकि ये दोनों खिलाड़ी इतने अनुभवी नहीं हैं। अगर सुरेश रैना टीम में मौजूद होंगे, फिर धोनी ऊपरी क्रम में बल्लेबाज़ी कर सकते हैं। ऐसे में धोनी ज़्यादा खुलकर बल्लेबाज़ी कर सकेंगे जो टीम के लिए फ़ायदेमंद होगा। #1 रैना के पास अनुभव की कोई कमी नहीं है सुरेश रैना ने साल 2011 के वर्ल्ड कप में अपना ज़्यादातर वक़्त बेंच पर बैठकर बिताया था। क्वॉर्टर फ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ रैना को पहली बार उस टूर्नामेंट में खेलने का मौका मिला था। उन्होंने इस मैच में भारत को जीत दिलाने में मदद की थी। इस बाद उन्होंने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ सेमीफ़ाइनल में भी अच्छा प्रदर्शन किया था। 2015 के वर्ल्ड कप में एक बार फिर रैना ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ शानदार पारी खेली। इस टूर्नामेंट में उन्होंने ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ शानदार शतक बनाया था। वर्ल्ड कप में उनका उनका अनुभव टीम के लिए काफ़ी काम आ सकता है। साल 2011 के इंग्लैंड दौरे पर वो उन चुनिंदा बल्लेबाज़ों में से थे जिन्होंने वनडे सीरीज़ में कुछ हटकर प्रदर्शन किया था। जब साल 2014 में टीम इंडिया इंग्लैंड के दौरे पर गई थी तब रैना ने मैदान में टीम को संभाला था। वनडे सीरीज़ में भी उन्होंने शानदार शतक लगाया था। सौरव गांगुली ने इस शतक के बारे में कहा था कि शायद ये भारतीय बल्लेबाज़ द्वारा विदेशी हालात में बनाया गया सबसे बेहतरीन वनडे शतक है रैना को उस वनडे सीरीज़ में मैन ऑफ़ द सीरीज़ के अवॉर्ड से नवाज़ा गया था। रैना ज़्यादा बाउंस वाली पिच पर इतने सहज नहीं हैं, इंग्लैंड की ज़्यादातर पिच इतनी बाउंस नहीं करती, ऐसे में 2019 के वर्ल्ड कप में रैना की मौजूदगी टीम इंडिया को फ़ायदा पहुंचा सकती है। लेखक- आयूष वर्मा अनुवादक- शारिक़ुल होदा

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