5. आक्रामक फील्डिंग का ना होना
पिछले जो 4 प्वॉइंट हमने आपको बताए हैं, उनमें से इस प्वॉइंट की अहमियत काफी ज्यादा है । कुक चाहते थे कि उनके स्पिनरों की गेंद पर ज्यादा रन ना बने इसलिए वो कसी हुई फील्डिंग नहीं लगाते थे और फील्डरों को दूर-दूर रखते थे । इससे बल्लेबाजों को रन बनाना काफी आसान हो जाता था । भारतीय बल्लेबाज आराम से डिफेंसिव शॉट खेलते थे और कमजोर गेंद मिलने पर आक्रामक शॉट लगाते थे ।
राजकोट में खेले गए पहले टेस्ट मैच की दूसरी पारी में आदिल रशीद और मोइन अली ने दिखाया कि अगर वे खुद पर भरोसा रखें और उन्हें फील्डरों का साथ मिले तो उनकी गेंद पर रन बनाना आसान नहीं होगा । हालांकि जैसे-जैसे सीरीज आगे बढ़ती गई वैसे-वैसे इंग्लिश स्पिनरों की बॉलिंग में वो धार कम होती गई जिसकी उनसे उम्मीद की गई थी । इसी वजह से कप्तान कुक ज्यादा आक्रामक फील्डिंग नहीं लगा सके ।