बात 2013 की करते है, जब युवराज सिंह ने टीम में वापसी की थी। तब मिचेल जॉनसन ने उन्हें लगातार अपनी बाउंसर गेंदों से परेशान किया और अंत में उनका विकेट भी लिया। युवराज सिंह को उस समय जॉनसन की गेंदों पर काफी दिक्कत हुई। उम्र बढ़ने के साथ ही युवराज सिंह में अब वो तेजी और फुर्ती नहीं रही, जिसके लिए वो जाने जाते थे। इसलिए तेज गेंदबाजों के सामने उन्हें रन बनाने में दिक्कत होती है। ऐसे में जब विरोधी टीम बल्लेबाज के हर एक शॉट को बारीकी से चेक करती हो वैसे में युवराज से तेज गेंदबाजों के सामने रन की अपेक्षा करना जायज नहीं होगा। इसलिए युवराज सिंह की कमजोरियों के बारे में पता होने के बावजूद उन्हें टीम में शामिल करने का कोई तुक ही नहीं बनता।
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