वेस्टइंडीज दौरे पर ऋषभ पंत के पास खुद को साबित करने का बढ़िया मौका है
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इंडियन प्रीमियर लीग से हर साल भारत को कुछ अच्छे प्रतिभाशाली युवा क्रिकेटर मिलते हैं। हर सीजन में कोई ना कोई युवा प्लेयर अपने टैलेंट को दिखाता है। इस सीजन में भी ऋषभ पंत जैसे युवा क्रिकेटरों ने अपनी गहरी छाप छोड़ी है। दिल्ली डेयरडेविल्स की तरफ से खेलते हुए ऋषभ पंत ने कई शानदार पारियां खेली। खासकर गुजरात लायंस के खिलाफ लक्ष्य का पीछा करते हुए 97 रनोंं की उनकी पारी लंबे समय तक याद रखी जाएगी।
आईपीएल में जिस तरह से ऋषभ पंत ने तेज गेंदबाजों का सामना किया और उन्हे खेला वो काबिलेतारीफ है। पंत के अंदर इतनी काबिलियत है कि वो जब चाहें तब गेंद को सीमा रेखा के बाहर भेज सकते हैं। हर समय जब बल्लेबाजी के लिए वो क्रीज पर आते तो फैंस को उनसे काफी उम्मीदें रहती। महज 19 साल की उम्र में ही उनके करोड़ों क्रिकेट फैन हो गए हैं।
आईपीएल में शानदार प्रदर्शन के बाद उम्मीद थी कि चैंपियंस ट्रॉफी के लिए उनका चयन होगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं। हालांकि वेस्टइंडीज दौरे के लिए ऋषभ पंत को टीम में चुना गया।
चयनकर्ताओं ने रोहित शर्मा को आराम दिया और उनकी जगह पर ऋषभ पंत को चुना। हालांकि इससे पहले वो एक टी-20 मैच भारतीय टीम की तरफ से खेल चुके हैं जिसमें उन्होंने 3 गेंदों पर 5 रन बनाए। ऐसे में देखें तो कैरिबयन दौरा ऋषभ पंत के करियर में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
5 ऐसे कारण हैं जिसकी वजह से ये दौरा ऋषभ पंत के करियर के लिए अहम साबित हो सकता है।
1. धोनी का सही विकल्प
पिछले एक दशक से महेंद्र सिंह धोनी ने भारतीय क्रिकेट टीम को काफी कुछ दिया है। उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने 50 ओवरों का वर्ल्ड कप, टी-20 वर्ल्ड कप, चैंपियंस ट्रॉफी जीता। बल्लेबाजी के दौरान नाजुक मौको पर धोनी ने टीम को मैच जिताया। आज भी वो दुनिया के बेस्ट फिनिशर माने जाते हैं। लेकिन कहते हैं ना कि हर चीज का अंंत जरुर होता है।
धोनी की जगह लेना इस समय किसी भी भारतीय क्रिकेटर के लिए मुमकिन नहीं है। लेकिन ऋषभ पंत को देखकर एक उम्मीद जरुर जगी है। हालांकि वो धोनी से बिल्कुल अलग बल्लेबाज हैं लेकिन बड़े टूर्नामेंटो में जिस तरह का टेंपरामेंट उन्होंने दिखाया है वो काबिलेतारीफ है।
अगर ऋषभ पंत को प्लेइंग इलेवन में खेलने का मौका मिले तो विकेटकीपिंग का भी जिम्मा उठाने में सक्षम हैं। देखने वाली बात ये भी होगी कि इंटरनेशनल क्रिकेट के प्रेशर को वो कैसे झेल पाते हैं।