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भारत के 2011 विश्ककप जीतने के कुछ दिन बाद ही युवराज को एक घातक ट्यूमर ने अपना शिकार बना लिया जिसने उन्हें क्रिकेट से लंबे समय के लिए दूर कर दिया। इलाज़ के लिए युवराज कई हफ़्ते हॉस्पिटल में भर्ती रहे। पूरा देश उनके ठीक होने की दुआ कर रहा था। युवराज के हर फ़ैन को लगा कि अब वह इंडिया के लिए कभी नहीं खेल पाएंगे। लेकिन क्रिकेट के इस योद्धा ने ना केवल कैंसर को मात दी बल्कि साथ ही साथ टीम इंडिया में फिर से अपनी जगह भी बनाई। 2011 में विश्वकप के दौरान युवराज बीमार चल रहे थे लेकिन वह देश के लिए खेलते रहे, जिसकी वजह से लोग आज भी उनके क्रिकेट के प्रति ज़ूनून और लगन का सम्मान करते है और शायद इसीलिए क्रिकेट प्रेमियों के वह इतने चहेते माने जाते है।
Edited by Staff Editor