बेहतर टीम को लेकर कोई स्पष्टता नहीं
दो टेस्ट मैच की सीरीज करवाने से ये स्पष्ट नहीं हो पाता कि दोनों टीमों में से बेहतर टीम कौनसी है। दो मैचों की सीरीज के मामले में यह कहना मुश्किल है कि कौन सी टीम ने मैदान पर परिस्थितियों को ध्यान में रखकर सही खेल दिखाया है। अक्सर घरेलू टीम परिस्थितियों से परिचित होती है लेकिन दो टेस्ट मैचों की सीरीज में इसको लेकर भी संदेह हो जाता है कि बाहरी टीम दूसरी परिस्थितियों में बेहतर खेल दिखा रही है या नहीं। दो टेस्ट मैचों की सीरीज के कारण किसी टीम के लिए स्थितियां किस कदर विपरित और अनुकूल रहती है, इसको लेकर भी अंदेशा रहता है।
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