दुनिया के दो बेहतरीन विराट कोहली और एबी डीविलियर्स की बल्लेबाज़ी पर इस वक्त दुनिया भर में चर्चा हो रही है कि इन दोनों में महान बल्लेबाज़ है। आईपीएल 2016 में उनके प्रदर्शन को देखते हुए इस चर्चा ने और जोर पकड़ लिया है। ये दोनों बल्लेबाज़ आईपीएल में आरसीबी की तरफ से खेल रहे हैं। इन दोनों ने अपनी बल्लेबाज़ी से सबको हैरत में डाल दिया है।
इनकी तुलना आज की तारीख में फुटबॉल के दिग्गज रोनाल्डो और मेसी से भी हो रही है। जो बीते 10 साल से फैन्स के दिल पर राज कर रहे हैं। रोनाल्डो और मेसी दुनिया के बेहतरीन फुटबॉल खिलाड़ी हैं। इसमें कोई शक नहीं है। बहुत से फैन ऐसे हैं जो इनकी तुलना क्रिकेट के इन दोनों सितारों से कर रहे हैं।
हाल ही में इंग्लैंड के विकेटकीपर जोस बटलर ने एक ट्वीट में विराट और डीविलियर्स की तुलना रोनाल्डो और मेसी से कर दी। जिन्हें उन्होंने एक ही टीम में खेलने वाला बताया। लेकिन इन खिलाड़ियों में समानताएं ढूढ़ना आसान काम नहीं है।
यहां हम आपको वजह बता रहे हैं कि आखिर क्यों विराट और डीविलियर्स क्रिकेट के रोनाल्डो और मेसी हैं:
#1 निरंतरता
इन चारों खिलाड़ियों के खेल में लगातार निरंतरता देखी गयी है। उन्होंने औसत के सिद्धांत को भी निरस्त कर दिया है। साल दर साल, सीजन दर सीजन इन खिलाड़ियों ने अपनी टीमों के लिए बेहतरीन खेल दिखाया है। जिसकी वजह से उन्हें आराम करने का मौका तक नहीं मिला है।
अगर हम कोहली, डीविलियर्स, रोनाल्डो और मेसी के आंकड़ों पर नजर डालें तो हमें उनके औसत से समझ में आ जायेगा कि उन्होंने इक्का दुक्का मैचों को छोड़कर लगातार सालों से बेहतरीन प्रदर्शन किया है।
आइये इन खिलाड़ियों के औसत पर डालते हैं एक नजर। हमने यहां फुटबॉल और क्रिकेट के उनके औसत आंकड़ो को शामिल किया है।
फुटबॉल में: (ये रिकार्ड्स 22 मई 2016 तक अपडेट हैं)
मेसी और रोनाल्डो का करियर औसत
खिलाड़ी
मैच
गोल्स
सपोर्ट
गोल औसत
सपोर्ट औसत
लियोनेल मेसी
638
503
209
0.79
0.33
क्रिस्टियानो रोनाल्डो
795
543
180
0.68
0.22
रोनाल्डो ने अपने करियर की शुरुआत बतौर विंगर शुरू किया था और बाद में वह टीम के स्ट्राइकर बन गये थे। मेसी ने भी अपनी भूमिका में बदलाव करते हुए अब सपोर्टिव भूमिका में रहते हैं। लेकिन अपने-अपने देश और क्लब के लिए इन दोनों खिलाड़ियों का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है।
ऐसा ही क्रिकेट में एबी डीविलियर्स और विराट कोहली ने किया है। उनका सभी प्रारूपों में औसत इसका उदहारण है।
क्रिकेट में: (रिकार्ड्स 26 मई 2016 तक अपडेट हैं)
डीविलियर्स और कोहली का करियर औसत
खिलाड़ी
टेस्ट
रन
औसत
वनडे
रन
औसत
टी-20
रन
औसत
एबी डीविलियर्स
106
8074
50.46
200
8621
54.56
209
5151
33.01
विराट कोहली
41
2994
44.02
171
7212
51.51
203
6391
41.77
कोहली का टी-20 में रिकॉर्ड बहुत ही शानदार रहा है। 27 बरस में उनका इस तरह का प्रदर्शन वाकई काबिल-ए-तारीफ है। ऐसा ही सभी प्रारूपों में डीविलियर्स का रहा है। वह सभी प्रारूप में जल्द ही ढल जाते हैं।
#2 रिकॉर्डतोड़
हर मैच दर मैच रिकॉर्ड तोड़ना काफी कठिन काम है। ये खिलाड़ी अप्रत्याशित प्रदर्शन करते हुए हर दिन रिकॉर्ड बुक में नया रिकॉर्ड दर्ज करवाते हैं। ये रिकॉर्ड इन चारों दिग्गजों के नाम दर्ज हैं।
इन खिलाड़ियों ने कई रिकॉर्ड तोड़े हैं, जिनमे से हम 5 के बारे में बता रहे हैं।
क्रिकेट में
रिकॉर्ड
खिलाड़ी
सबसे तेज़ 50, 100, 150 वनडे में
एबी डीविलियर्स
सबसे ज़्यादा आईसीसी प्लेयर ऑफ़ द इयर का अवार्ड
एबी डीविलियर्स
वनडे में सबसे तेज़ 8000 रन बनाने वाले बल्लेबाज़
एबी डीविलियर्स
वनडे में सबसे तेज़ 6000 और 7000 रन बनाने वाले
विराट कोहली
किसी भी टी-20 टूर्नामेंट में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले
विराट कोहली
फुटबॉल में
रिकॉर्ड
खिलाड़ी
बैलन द ऑर अवार्ड्स (5)
लियोनेल मेसी
युरोप के 5 लीग में सबसे तेज़ 300 गोल का रिकॉर्ड
लियोनेल मेसी
250 लीग गोल करने वाले सबसे युवा खिलाड़ी
लियोनेल मेसी
चैंपियंस लीग के एक सीज़न में सबसे ज़्यादा गोल
क्रिस्टियानो रोनाल्डो
ला लीगा में सबसे तेज़ 200 गोल का रिकॉर्ड
क्रिस्टियानो रोनाल्डो
इन चारों खिलाड़ियों ने अबतक बहुत से रिकार्ड्स को तोड़ दिया है। साथ ही वह जैसे-जैसे अपने करियर में आगे बढ़ेंगे वह कई और रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं। क्रिकेट में कोहली और एबी हर दिन एक न एक रिकॉर्ड दोबारा लिख रहे हैं। इसी वजह से इन्हें क्रिकेट का रोनाल्डो और मेसी का कहा जा सकता है।
#3 प्रतिभा और मेहनत का बेहतरीन मिश्रण
प्रतिभा आपको एक अलग ही ऊंचाई पर ले जा सकती है। लेकिन इसके लिए भी आपको कठिन मेहनत करनी होगी। हमने कई ऐसे प्रतिभावान खिलाड़ियों को देखा है जो एक समय के बाद विलुप्त से हो जाते हैं। इसके पीछे एक ही कारण है वह है उनकी मेहनत में कमी।
लेकिन इन सुपरस्टार खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा के साथ न्याय करने के लिए काफी मेहनत किया है। इनके अंदर एक अजब सी भूख देखने को मिली है। जो वाकई सभी खिलाड़ियों में नहीं होती है।
कोहली और रोनाल्डो में गजब का जूनून देखने को मिला है। आज यही वजह है कि वह टॉप पर हैं। ये दोनों खिलाड़ी अपनी क्षमता को निखारने के लिए खूब मेहनत करना पसंद करते हैं। जिसका फायदा भी उन्हें मिला है।
कोहली ने अपनी फिटनेस को लेकर गजब की मेहनत की है। इसी वजह से उनकी निरंतरता पर कभी कोई शक नहीं होता है। लेकिन अगर कोई उनके करियर को बहुत ही करीब से देख रहा है। तो उसे उनकी मजबूती का भी आभास होगा।
विराट की तरह ही जब रोनाल्डो ने रियल मेड्रिड को 2010 में ज्वाइन किया था। तो उसके साल दर साल उनका प्रदर्शन अच्छा होता गया। उन्हें मैनचेस्टर यूनाइटेड के दिनों से ही कड़ी मेहनत करना सीख लिया था।
मेसी और डीविलियर्स में विशेष प्रतिभा है। उनमे ये देखा जा सकता है कि उनके अंदर जन्म से ही अद्भुत प्रतिभा है। जो हर दिन निखरती जा रही है। डिविलियर्स ने खुद माना है कि वह मेहनत पर भरोसा करते हैं। बाकी ज्यादा नहीं सोचते हैं।
अर्जेंटीना के मेसी भी किक को पास करना और फ्री किक करने में काफी माहिर हैं। वह एक टीम खिलाड़ी हैं। उनका बायां पांव कमाल का है। उनके खेल का असर जादुई होता है।
#4 खिलाड़ियों में बदलाव
इन खिलाड़ियों ने बहुत ही कम उम्र में पदार्पण किया था। साथ ही उन्होंने खुद को महान साबित करने के लिए काफी बदलाव किये हैं। आज के समय में वह अपनी टीमों को अकेले दम पर लेकर चलते हैं।
कोहली ने साल 2008 में अंडर-19 में भारतीय टीम की कप्तानी की जिम्मेदारी संभाली थी वॉर टीम को विश्वकप जिताया था। अपने शुरूआती दिनों में इस खिलाड़ी को सुपरस्टार सचिन और सहवाग की वजह से टीम में जगह नहीं मिल रही थी।
कोहली 28 साल बाद 2011 में विश्वविजेता भारतीय टीम के हिस्सा भी थे। लेकिन भारत के लिए वह साल भर बाद मैच विनर बने थे। इस बल्लेबाज़ ने टीम में जगह पक्की करने के लिए खुद को काफी मेच्योर किया।
रोनाल्डो ने भी साल 2004 में पुर्तगाल की टीम से खेलना शुरू किया था। वह ग्रीस से यूरो का फाइनल हारने वाली टीम के सदस्य थे। वह साल 2006 में अपनी टीम के प्रमुख खिलाड़ी बन गये।
इस सुपरस्टार खिलाड़ी ने रियल मेड्रिड और मैनचेस्टर यूनाइटेड दोनों टीमों को अकेले दम पर कई बार मैच जिताए थे। साल 2012 में उन्होंने अपनी राष्ट्रीय टीम को यूरो के सेमीफाइनल में पहुंचाया था। साल 2014 में टीम को विश्वकप में क्वालीफाई भी करवाया था।
मेसी ने बार्सिलोना और अर्जेंटीना के लिए क्रमशः साल 2004 और 2005 में खेलना शुरू किया था। जहां वह सीजन दर सीजन सुधार करते गये। जल्द ही वह टीम को लीड करने लगे। वह देखते ही देखते टीम के बेहतरीन परफ़ॉर्मर बन गये। साथ ही वह अपने राष्ट्रीय टीम के लिए भी काफी अच्छे खिलाड़ी साबित हुए। उन्होंने कई अहम मौकों पर टीम के लिए गोल किया।
एबी ने भी अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर 20 साल की उम्र में शुरू कर दिया था। वह जल्द ही दक्षिण अफ्रीका के स्टार खिलाड़ी बन गये। इस वक्त वह टीम के कप्तान भी है।
वह अब प्रतिभावान खिलाड़ी से अब एक महान खिलाड़ी में शुमार करने लगे हैं।
#5 प्रकृति
हम जानते हैं कि कोहली बहुत ही आक्रामक खिलाड़ी हैं, वह जवाब देने से नहीं चूकते हैं। ये भारतीय खिलाड़ी बहुत ही भावनात्मक है। इस मामले में वह रोनाल्डो के करीब हैं। जो मैदान पर काफी आक्रामकता पसंद करते हैं।
रोनाल्डो भी अपनी भावना को दबाना नहीं पसंद करते हैं। उनके फैन्स उनकी इस आक्रामकता को खूब पसंद करते हैं। उनके प्रदर्शन भी काफी आक्रामक होते हैं। इस वजह से विराट और रोनाल्डो में काफी समानताएं हैं।
वहीं दूसरी तरफ एबी अपना काम चुपचाप करना पसंद करते हैं। वह खुद को दबाकर रखते हैं और अपने प्रदर्शन से अपने करोड़ो फैन्स का दिल जीत लेते हैं।
मेसी को भी अपने भावो को दिखाना नहीं आता है। वह अपनी कूलनेस से दुनिया भर के फैन्स का दिल जीतने कामयाब रहते हैं। मेसी और एबी का एक ही मिजाज है।
कुल मिलाकर ये चारों खिलाड़ी अद्भुत एथलीट हैं और उनकी हमेशा मैच जीतने की ललक रहती है। लेकिन नेचर से भी इन चारों में काफी समानताएं हैं।