वह 5 कारण जो विराट कोहली और एबी डिविलियर्स को क्रिकेट का रोनाल्डो और मेसी बनाते हैं

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#4 खिलाड़ियों में बदलाव
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इन खिलाड़ियों ने बहुत ही कम उम्र में पदार्पण किया था। साथ ही उन्होंने खुद को महान साबित करने के लिए काफी बदलाव किये हैं। आज के समय में वह अपनी टीमों को अकेले दम पर लेकर चलते हैं। कोहली ने साल 2008 में अंडर-19 में भारतीय टीम की कप्तानी की जिम्मेदारी संभाली थी वॉर टीम को विश्वकप जिताया था। अपने शुरूआती दिनों में इस खिलाड़ी को सुपरस्टार सचिन और सहवाग की वजह से टीम में जगह नहीं मिल रही थी। कोहली 28 साल बाद 2011 में विश्वविजेता भारतीय टीम के हिस्सा भी थे। लेकिन भारत के लिए वह साल भर बाद मैच विनर बने थे। इस बल्लेबाज़ ने टीम में जगह पक्की करने के लिए खुद को काफी मेच्योर किया। रोनाल्डो ने भी साल 2004 में पुर्तगाल की टीम से खेलना शुरू किया था। वह ग्रीस से यूरो का फाइनल हारने वाली टीम के सदस्य थे। वह साल 2006 में अपनी टीम के प्रमुख खिलाड़ी बन गये। इस सुपरस्टार खिलाड़ी ने रियल मेड्रिड और मैनचेस्टर यूनाइटेड दोनों टीमों को अकेले दम पर कई बार मैच जिताए थे। साल 2012 में उन्होंने अपनी राष्ट्रीय टीम को यूरो के सेमीफाइनल में पहुंचाया था। साल 2014 में टीम को विश्वकप में क्वालीफाई भी करवाया था। मेसी ने बार्सिलोना और अर्जेंटीना के लिए क्रमशः साल 2004 और 2005 में खेलना शुरू किया था। जहां वह सीजन दर सीजन सुधार करते गये। जल्द ही वह टीम को लीड करने लगे। वह देखते ही देखते टीम के बेहतरीन परफ़ॉर्मर बन गये। साथ ही वह अपने राष्ट्रीय टीम के लिए भी काफी अच्छे खिलाड़ी साबित हुए। उन्होंने कई अहम मौकों पर टीम के लिए गोल किया। एबी ने भी अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर 20 साल की उम्र में शुरू कर दिया था। वह जल्द ही दक्षिण अफ्रीका के स्टार खिलाड़ी बन गये। इस वक्त वह टीम के कप्तान भी है। वह अब प्रतिभावान खिलाड़ी से अब एक महान खिलाड़ी में शुमार करने लगे हैं।

Edited by Staff Editor
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