भारतीय टीम के नए कोच के लिए मंथन जारी है। कई पूर्व क्रिकेटरों ने भारतीय टीम के हेड कोच के लिए अप्लाई किया है। एप्लीकेशन की आखिरी तारीख 31 मई थी। वहीं वर्तमान भारतीय कोच अनिल कुंबले ने भी दोबारा अप्लाई किया है।इसके साथ ही कयासों का दौर शुरु हो गया है कि भारतीय टीम का अगला कोच कौन होगा। भारतीय टीम के कोच पद के लिए 6 पूर्व क्रिकेटरों ने अप्लाई किया है लेकिन अंडर-19 और जूनियर टीम के कोच राहुल द्रविड़ का नाम इस लिस्ट में ना होना हैरानी भरा है। इसका मतलब ये है कि राहुल द्रविड़ अभी सीनियर टीम की कोचिंग नहीं करना चाहते हैं। पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज डोडा गणेश और रिचर्ड पाइबस ने भी भारतीय टीम के कोच के लिए अप्लाई किया है। अन्य जिन 3 पूर्व क्रिकटरों ने इसके लिए अप्लाई किया है और जिनके चांसेस ज्यादा हैं उनमें पूर्व श्रीलंकाई कोच और वर्तमान में सनराइजर्स हैदराबाद के कोच टाम मूडी भी हैं। वहीं टीम इंडिया के पूर्व मैनेजर लालचंद राजपूत और धाकड़ बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने भी भारतीय टीम का हेड कोच बनने की इच्छा जताई है। सहवाग इस वक्त आईपीएल में किंग्स इलेवन पंजाब के मेंटोर भी हैं। जितने भी लोगों ने भारतीय हेड टीम की कोचिंग के लिए आवेदन किया है उनमें से वीरेंद्र सहवाग सबसे मजबूत दावेदार बनकर उभरे हैं। जिस तरह से सहवाग ने अपने पूरे करियर में बिना किसी भय के आक्रामक बल्लेबाजी की ठीक उसी तरह आजकल वो ट्विटर पर सक्रिय हैं। सहवाग को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट का अच्छा-खासा अनुभव है लेकिन देखना ये है कि BCCI के सीईओ राहुल जौहरी उनको शॉर्टलिस्ट करते हैं या नहीं। राहुल जौहरी ही सभी कैंडिडेट के एप्लीकेशन को स्क्रूटनाइज कर क्रिकेट एडवाइजरी कमेटी के पास भेजेंगे। क्रिकेट एडवाइजरी कमेटी में पूर्व दिग्गज खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुल और वीवीएस लक्ष्मण शामिल हैं। यही तीनों प्लेयर कोच के नाम पर अंतिम मुहर लगाएंगे। ये तो समय ही बताएगा कि सहवाग भारतीय टीम के अगले कोच बनते हैं या नहीं लेकिन सहवाग इस पद के लिए सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। आइए जानते हैं वो 5 कारण जिसकी वजह से सहवाग की दावेदारी सबसे मजबूत है। 1.वर्तमान भारतीय खिलाड़ियों से अच्छे संबंध वीरेंद्र सहवाग ने 2015 तक आईपीएल खेला और इसी वजह से इस समय के युवा क्रिकेटरों से उनके रिश्ते अच्छे हैं। वो सभी खिलाड़ियों को अच्छे से जानते हैं। वहीं इस समय भारतीय टीम में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जिनके साथ वो क्रिकेट खेल चुके हैं। निश्चित ही इसका उन्हें फायदा मिलेगा। सहवाग दिल्ली से हैं और वर्तमान भारतीय कप्तान विराट कोहली भी दिल्ली के ही हैं। अपने करियर के शुरुआती दिनो में कोहली को सहवाग से काफी कुछ सीखने को मिला। ये सहवाग, कोहली और पूरी इंडियन टीम के अच्छा साबित हो सकता है। ऐसा कहा जाता रहा है कि पूर्व कप्तान धोनी की वजह से ही सहवाग को टीम इंडिया से बाहर होना पड़ा। दोनों खिलाड़ियों के बीच अनबन की काफी खबरे आईं लेकिन बाद में सहवाग ने दिखाया कि उनके धोनी से अच्छे संबंध हैं। वहीं टीम इंडिया के एक और सीनियर खिलाड़ी युवराज सिंह से भी उनके संबंध काफी अच्छे हैं। 2. आईपीएल में कोचिंग का अनुभव सहवाग को कोचिंग का भी अनुभव है। आईपीएल में उन्होंने कोचिंग की है और इस वक्त वो दिल्ली डेयरडेविल्स टीम के मेंटोर हैं। उन्हे मॉर्डन गेम की बारीकियों के बारे में अच्छे से पता है। टी-20 जबसे आया है 50 ओवरो के खेल में भी काफी तेजी आ गई है। पहले 300 रन को एक विनिंग टोटल माना जाता था लेकिन इस समय 400 रन का स्कोर भी सेफ नहीं है। कोई भी टार्गेट आज की क्रिकेट में हासिल किया जा सकता है और बनाया जा सकता है। इस समय भारतीय क्रिकेट में जितने क्रिकेटर आ रहे हैं उनमें से ज्यादातर आईपीएल में खेल रहे हैं और वहां से निकलकर आ रहे हैं। सहवाग को आईपीएल का पूरा अनुभव है ऐसे में वो एक बेहतर कोच साबित हो सकते हैं। 3. लीक से हटकर सोचने की क्षमता सहवाग उन खिलाड़ियों में से हैं जो रुल बुक को नहीं मानते हैं उनका अपना एक अलग ही स्टाइल है। बैटिंग करते वक्त भी वो किसी की परवाह नहीं करते थे और आज भी वो उतने ही धाकड़ हैं। ये भारतीय टीम के लिए एक प्लस प्वॉइंट साबित हो सकता है। भारतीय क्रिकेट इतिहास के अब तक के 2 सबसे सफल कोच जॉन राइट और गैरी कस्टर्न ऐसे कोच थे जो कि पीछे रहकर खिलाड़ियों को अपनी मर्जी के मुताबिक खेलने और फैसले लेने की छूट देते थे। सहवाग भी ठीक उसी तरह के इंसान हैं। वहीं सहवाग काफी मजाकिया किस्म के इंसान हैं। हमेशा वो मैदान के अंदर या बाहर हंसी-मजाक करते रहते हैं। इससे खिलाड़ियों को दबाव नहीं महसूस होगा और वे रिफ्रेश महसूस करेंगे। वर्तमान कोच कुंबले काफी अनुशासन पसंद करने वाले खिलाड़ी हैं लेकिन सहवाग अपनी ही धुन में रहने वाले इंसान हैं। 4. अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पहचान और लंबा अनुभव सहवाग को 104 टेस्ट, 251 वनडे और 19 अंतर्राष्ट्रीय टी-20 मैचों का अनुभव है। अपने क्रिकेट करियर में सहवाग ने लगभग हर जगह क्रिकेट खेली। साउथ अफ्रीका, वेस्टइंडीज, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड हर एक कंडीशन का उनको अच्छा-खासा अनुभव है। इसके अलावा दुनिया में हर जगह वो लोकप्रिय हैं। हर टीम का खिलाड़ी उन्हे अच्छी तरह से जानता है। उनके अनुभव का भारतीय टीम को निश्चित ही अच्छा लाभ मिलेगा। भारतीय फैंस यही उम्मीद करेंगे सहवाग नए क्रिकेटरों को अच्छे से लेकर चलें और उनकी स्किल निखारें। भले ही सहवाग ने टेक्निक पर ज्यादा ध्यान ना दिया हो लेकिन वो भारत के सफल क्रिकेटर रहे हैं और उसका असर उनकी कोचिंग पर भी देखने को मिल सकता है। 5. सचिन, सौरव और लक्ष्मण से अच्छे संबंध एक समय था जब सचिन, सहवाग, गांगुली, द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण भारतीय बल्लेबाजी की जान होते थे। इन पांचो बल्लेबाजों ने लगभग एक दशक तक भारतीय बल्लेबाजी का भार अपने कंधों पर उठाया। इनमें से गांगुली, सचिन और लक्ष्मण क्रिकेट एडवाइजरी कमेटी के सदस्य हैं जो कि कोच पर अंतिम फैसला लेगी। सहवाग के इन तीनों ही खिलाड़ियों से काफी अच्छे संबंध हैं। निश्चित ही उनको इससे फायदा मिल सकता है। आप कल्पना करें कि सचिन, गांगुली और लक्ष्मण कोच पद के लिए सहवाग का इंटरव्यू ले रहे हों। उस इंटरव्यू सेशन में क्या होगा शायद ये सभी खिलाडी पुराने दिनों को याद कर रहे होंगे। जो इन्होंने साथ खेलते हुए बिताए थे। सहवाग का नेचर काफी नरम है और शायद ही अपने क्रिकेट करियर के दौरान उनकी किसी से लड़ाई हुई हो। उनका स्वभाव कुछ ऐसा ही कि हर किसी को वो अपना मुरीद बना लेते हैं। लेखक- प्रंजल मेक अनुवादक-सावन गुप्ता