भारत और इंग्लैंड के बीच तीन मैचों की टी20 सीरीज का आखिरी मैच 1 फरवरी को बेंगलुरु में खेला गया। आखिरी टी20 मैच से पहले भारतीय टीम में ऐसी कई खामियां सामने आई, जिन पर भले ही टीम मैनेजमेंट का ध्यान ना गया हो। मगर समय रहते अगर इन्हें दूर ना किया गया, तो आगे जाकर ये टीम के लिए मुसीबत का सबब बन सकती हैं। पहला टी20 सात विकेट से हारने के बाद दूसरे टी 20 में भी टीम इंडिया हार की कगार पर खड़ी थी। वो तो भला हो युवा गेंदबाज जसप्रीत बुमराह का जिन्होंने आखिरी ओवर सिर्फ 1 रन दिए और 2 अहम विकेट चटकाकर, टीम इंडिया की लाज बचा ली। टीम इंडिया के लिए जो सबसे बड़ा चिंता का विषय का है, वो है पूर्व कप्तान एम एस धोनी और टीम इंडिया में कमबैक करने वाले युवराज सिंह की फॉर्म। इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे वनडे मैच में जरूर इन दोनों ने शतकीय पारियां खेली थी, लेकिन टी 20 में अबतक उन्होंने निराश ही किया है। अब अगला टी20 वर्ल्ड कप 3 साल बाद ऑस्ट्रेलिया में खेला जाएगा। ऐसे में टीम मैनेजमेंट को अभी से छोटे फॉर्मेट के लिए युवा खिलाड़ियों को तैयार करना होगा। लिहाजा इसके लिए अगर चयनकर्ताओं को टी20 फॉर्मेट से युवराज सिंह और एम एस धोनी की बलि भी देनी पड़ी, तो इससे भी गुरेज नहीं करना चाहिए। (नोट : यह लेख भारत और इंग्लैंड के बीच तीसरे टी20 से पहले के आंकड़ों पर आधारित है) अब हम आपको बताते हैं वो 5 कारण जिनकी वजह से युवराज और धोनी को टीम में जगह नहीं दी जानी चाहिए :
#5 उम्र युवराज और धोनी के साथ नहीं
एम.एस.धोनी और युवराज सिंह की उम्र 35 साल है। पिछले कुछ समय से दोनों बल्लेबाजों युवाओं का खेल कहे जाने टी 20 क्रिकेट में कुछ खास नहीं कर पा रहे हैं। जैसे उम्र बढ़ रही है वैसे-वैसे वनडे और टी 20 में दोनों बल्लेबाजों की कंसीसटेंसी में कमी आई है। लिहाजा युवराज और धोनी को अब किसी एक फॉर्मेट पर ध्यान देना चाहिए। दोनों बल्लेबाजों को वनडे क्रिकेट में ज्यादा फोकस करना चाहिए ताकि वो वनडे में अपनी लय बरकरार रख सकें। #4 टी 20 में खराब प्रदर्शन
कुछ समय पहले तक टी 20 क्रिकेट में धोनी और युवराज अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी के लिए जाने जाते थे, लेकिन पिछले कुछ समय से इन दोनों बल्लेबाजों की फॉर्म में गिरावट आई है। जिसके चलते ये दोनों बल्लेबाज अब विरोधी गेंदबाजी का सबसे आसान टारगेट बन चुके हैं।
एक समय में टी 20 क्रिकेट में टीम इंडिया की ओर से युवराज सिंह का स्ट्राइक.रेट सबसे बेहतर हुआ करता था। लेकिन अब टीम इंडिया की ओर से खेली पिछली 15 पारियों में युवराज सिंह का स्ट्राइक.रेट सिर्फ 95 का रहा है। जिसे युवराज सिंह क्षमता के लिहाज से बहुत ही कम आंका जाएगा। वहीं टी 20 क्रिकेट में अब धोनी का भी वो रूतबा नहीं रहा, जब विरोधी गेंदबाज उनसे खौफ खाते थे। #3 युवा खिलाड़ियों को ज्यादा मौके दिए जाने चाहिए
पिछले लंबे समय से कई युवा खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय प्लेटफॉर्म पर अपनी दस्तक देते रहे हैं। लेकिन बावजूद इसके उन्हें टीम इंडिया के लिए अपने जौहर दिखाने का मौका नहीं मिल पाया। युवा बल्लेबाज ऋषभ पंत भारत की अंडर-19 टीम की ओर से लगातार अच्छा प्रदर्शन करते आए हैं। इसके अलावा ऋषभ ने दिल्ली के रणजी ट्रॉफी में भी अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया है। घरेलू क्रिकेट में ऋषभ ने 100 के स्ट्राइक रेट और 72 की औसत से रन बनाए हैं। जो अपने आप में लाजवाब प्रदर्शन है। ऋषभ के अलावा ईशान किशन, दीपक हुड्डा और संजू सैमसन जैसे युवा खिलाड़ी है, जो पिछले लंबे समय से घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन इन्हें टीम इंडिया में जगह नहीं मिल पा रही है। #2 टीम की केमेस्ट्री खराब हो रही है
किसी भी टीम गेम के लिए सबसे ज्यादा जरूरी होता है टीम में तालमेल होना। फिर चाहे वो फुटबॉल हो, हॉकी हो या फिर क्रिकेट खिलाड़ियों के बीच की कमेस्ट्री ही उस खेल को बनाती है। 2007 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया लीग स्टेज में ही बाहर हो गई थी और इसकी बड़ी वजह थी टीम में खिलाड़ियों के बीच केमेस्ट्री ना होना।
2007 वर्ल्ड के बाद जब टीम में बदलाव किए गए तो नतीजा सबके सामने था। एम एस धोनी की कप्तानी में युवा भारतीय टीम ने दक्षिण अफ्रीका में खेले गए पहले ही टी 20 वर्ल्ड कप में खिताबी जीत दर्ज की। ठीक उसी तरह अब भी जरूरत है धोनी और युवराज को टीम से बाहर कर युवा खिलाड़ियों को टी 20 टीम में शामिल किया जाए ताकि टीम की केमेस्ट्री बेहतर हो। #1 सही समय है टी 20 को अलविदा कहने का
अब अगला टी 20 वर्ल्ड कप 2020 में ऑस्ट्रेलिया में खेला जाएगा। इसे देखते हुए धोनी और युवराज को खुद ही टी 20 क्रिकेट से संन्यास ले लेना चाहिए ताकि उनकी जगह युवा खिलाड़ियों को मौके मिले। वर्ल्ड टी 20 को ध्यान में रखते हुए युवा खिलाड़ियों के पास भी अभी 3 साल का समय है कि वो वर्ल्ड टी 20 के लिए खुद को तैयार करें।
हालांकि इस बात की अफवाहें भी जोर पकड़ रही हैं कि टी 20 वर्ल्ड कप 2018 में कराया जा सकता है। इसलिए इंग्लैंड के खिलाफ टी 20 सीरीज के लिए ऋषभ पंत को टीम में शामिल किया गया है। वनडे वर्ल्ड कप 2019 में इंग्लैंड में खेला जाएगा। लिहाजा युवराज और धोनी को अब सिर्फ वनडे क्रिकेट पर फोकस करना चाहिए ताकि वो 2019 में अपने आखिरी वर्ल्ड कप में हिस्सा ले सकें।