युवराज सिंह की वनडे टीम में वापसी की 5 वजहें

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भारतीय फैंस जिस चीज का लंबे समय से इंतजार कर रहे थे अब वो घड़ी नजदीक आ गई है। जी हां सबके चहेते युवराज सिंह को इंग्लैंड के खिलाफ वनडे और टी-20 सीरीज के लिए टीम में चुन लिया गया है। एक बार फिर वो अपने बल्ले से इंग्लिश गेंदबाजों के छक्के छुड़ाते हुए नजर आएंगे। युवराज सिंह ने अपना आखिरी मैच मार्च 2016 में खेला था। लेकिन चैंपियंस ट्रॉफी से पहले भारत की दो द्विपक्षीय श्रृंखलाआों में वो टीम का हिस्सा होंगे। एक तरफ युवराज सिंह की वापसी से फैंस जहां खुश हैं वहीं दूसरी तरफ क्रिकेट के पंडित इसे सही नहीं मानेंगे। उनके अनुसार चैंपियंस ट्रॉफी जैसे बड़े टूर्नामेंट से पहले की सीरीज में युवराज का चयन शायद गलत हो क्योंकि उन्होंने अपना आखिरी वनडे मैच दिसंबर 2013 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला था। लेकिन एमएसके प्रसाद की अगुवाई में चयनकर्ताओं की टीम ने वर्तमान प्रदर्शन को ज्यादा तरजीह दिया बजाय इसके कि इतिहास में किस खिलाड़ी का कैसा प्रदर्शन रहा है। युवराज सिंह ने घरेलू क्रिकेट में काफी रन बनाए हैं यही वजह रही कि उन्हें टीम में मौका दिया गया। लेकिन इसके अलावा और भी कई वजहें रहीं जिसकी वजह से युवराज ने वनडे टीम में वापसी की। 1.अनुभव भारतीय टीम में इस समय किसी भी खिलाड़ी के पास युवराज सिंह जितना अनुभव नहीं है, यहां तक कि पूर्व कप्तान एम एस धोनी के पास भी युवराज के मुकाबले कम अनुभव है। युवराज अब तक 293 वनडे मैच खेल चुके हैं। इन मैचों में उन्होंने हर तरह के हालात का सामना किया है शायद यही वजह रही कि चयनकर्ता उनको नकार नहीं सके। युवराज के नाम वनडे मैचों में 8000 से ज्यादा रन हैं वहीं 100 से ज्यादा विकेट भी वो चटका चुके हैं। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि वो कितने बड़े ऑलराउंडर खिलाड़ी हैं। उनके टीम में आने से मध्यक्रम की बल्लेबाजी को मजबूती मिलेगी। भारतीय टीम के लिए मिडिल ऑर्डर की बल्लेबाजी पिछले कुछ समय से चिंता का विषय रही है। ऐसे में धोनी और युवराज की मैच फिनिशिंग जोड़ी एक बार फिर से मैदान पर वही करिश्मा कर सकती है। ये बात सही है कि युवराज ने 2013 के बाद से ज्यादा वनडे मैच नहीं खेले हैं और उन्होंने केवल टी-20 मैचों में ही हिस्सा लिया है। लेकिन इस रणजी सीजन में उन्होंने जिस तरह से बल्लेबाजी कि उसे देखकर यही लगा कि पुरान युवराज लौटा आया है। हो सकता है इसकी झलक हमें इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में देखने को मिल जाए। 2. घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन y-singh-test-1483716825-800 दशकों तक नेशनल टीम का नियमित हिस्सा रहने के बाद जब कोई खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट खेलने जाता है तो उसके लिए चीजें आसान नहीं होती हैं। लेकिन युवराज सिंह ने इस चीज को बेहद सहज बना दिया। उन्होंने ना केवल घरेलू क्रिकेट खेला बल्कि शानदार रन बनाकर नेशनल टीम में फिर से वापसी भी की। भारतीय टीम के चयन समिति के प्रमुख एमएसके प्रसाद खुद इस बात के लिए युवराज की तारीफ करते हैं ' जिस तरह से युवी ने घरेलू क्रिकेट में शानदार खेल दिखाया है वो काबिलेतारीफ है' । उसने दोहरा शतक लगाया और लहिली विकेट पर 180 रनों की बड़ी पारी भी खेली। हम इसकी तारीफ करते हैं और टीम में मौका देते हैं'। इस रणजी सीजन में युवराज सिंह ने महज 5 मैचों में 2 शतक और 2 अर्धशतक जड़ दिए। वहीं इस दौरान उन्होंने घरेलू क्रिकेट में अपने करियर का सबसे शानदार स्कोर भी बनाया। इससे पता चलता है कि उनमें रनों की कितनी भूख है और सही मायनों में वो टीम में शमिल होने के हकदार हैं। 3. बैटिंग ऑर्डर में फ्लेक्सिबिलिटी प्रदान करना yuvrajs कप्तान विराट कोहली इस वक्त अपने करियर की बेस्ट फॉर्म में हैं। हालांकि सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा चोटिल हैं और संभव है कि वो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज से पहले तक फिट हो जाएंगे। लेकिन इसके बावजूद भी भारत का टॉप ऑर्डर अच्छा खेल रहा है। लेकिन इसके बाद की बल्लेबाजी टीम के लिए सबसे बड़ा चिंता का विषय है। अगर धोनी इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में नंबर 4 पर खेलते हैं तो भारतीय टीम को मध्यक्रम में एक ऐसे बल्लेबाज की जरुरत पड़ेगी जो अंत तक टिक कर खेल सके और मैच को फिनिश कर सके। ये कला युवराज सिंह के अंदर कूट-कूटकर भरी हुई है। 4 से लेकर 6 नंबर तक वो कहीं भी बल्लेबाजी कर सकते हैं और जरुरत के हिसाब अपना गियर चेंज कर सकते हैं। वहीं गेंदबाजी में भी वो टीम को एक बेहतर विकल्प देते हैं। हो सकता है धोनी नंबर 4 पर खेलें और मनीष पांडेय नंबर 5 पर ऐसे में एक फिनिशर के रुप में युवराज सिंह की भूमिका काफी अहम होगी। मध्यक्रम में धोनी, युवराज और मनीष पांडेय के होने से भारतीय पारी को स्थिरता मिलेगी और अंत में नंबर 7 पर हार्दिक पांड्या लंबे-लंबे हिट मारकर पारी को गति प्रदान कर सकते हैं। 4. 2017 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी की तैयारी yuvr-singh युवराज सिंह की वापसी की सबसे बड़ी वजह शायद जून में होने वाली आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी भी है। चुंकि भारतीय टीम को चैंपियंस ट्रॉफी से पहले केवल 3 वनडे मैच और 3 टी-20 मैच खेलने हैं। जबकि इस दौरान भारतीय टीम को 3 महीने के अंदर 5 टेस्ट मैच खेलना है। जाहिर है इतने टेस्ट मैच से खिलाड़ी थक जाएंगे और चैंपियंस ट्रॉफी से पहले उन्हें खुद को तरोताजा करने का बहुत कम वक्त मिलेगा। ऐसे समय में युवराज जैसे अनुभवी खिलाड़ी का काफी जरुरत पड़ेगी। युवराज भारत की तरफ से वर्ल्ड कप, टी-20 वर्ल्ड कप, चैंपियंस ट्रॉफी समेत कई बड़े मैच खेल चुके हैं ऐसे में उनके पास ऐसे हालात से निपटने का अपार अनुभव है। शायद इसी को ध्यान में रखते हुए उन्हें टीम में चुना गया। अगर आपको याद हो तो पिछले साल टी-20 वर्ल्डकप में उनके अनुभव को देखते हुए ही उन्हें टीम में चुना गया था। इस बार भी चयनकर्ताओं के दिमाग में ये बात थी। अगर आप किसी ऐसे खिलाड़ी को चाहते हैं जो मध्यक्रम में बल्लेबाजी कर सके , उसके पास अनुभव भी हो और वो गेंदबाजी में भी विकेट निकाल सके तो युवराज सिंह से बढ़िया खिलाड़ी कोई नहीं है। 5. ऑलराउंडर प्रदर्शन yuvrajsingh-happ भारतीय टीम के टॉप ऑर्डर के बल्लेबाजों ने पिछले कुछ समय से काफी अच्छी बल्लेबाजी की है। लेकिन इनमें से कोई भी खिलाड़ी ऐसा नहीं था जो नियमित गेंदबाजों के महंगे साबित होने पर गेंदबाजी कर सके या ब्रेकथ्रू दिला सके। भारतीय टीम को एक भरोसेमंद ऑलराउंडर की कमी काफी खली है। ऐसे में युवराज सिंह भारतीय टीम के तुरुप के इक्के साबित हो सकते हैं क्योंकि गेंद और बल्ले से उनका प्रदर्शन जगजाहिर है। हालांकि भारतीय टीम की रणनीति 6 बल्लेबा, 4 मुख्य गेंदबाज और हार्दिक पांड्या के रुप में एक ऑलराउंडर खिलाने की होगी, लेकिन युवराज सिंह की उपस्थिति से टीम को अतिरिक्त सहारा मिलेगा। बीच के ओवरों में युवराज सिंह काफी कारगर साबित हो सकते हैं। हालांकि ये सब कुछ पिच पर निर्भर करेगा। अगर पिच स्पिनरों के अनुकूल रहती है तो भारत अपने 2 मुख्य स्पिनरों अश्विन और जडेजा के साथ जा सकता है जबकि युवराज पार्ट टाइम स्पिनर की भूमिका निभा सकते हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि युवराज सिंह लेफ्ट ऑर्म स्पिनर हैं और कई मौकों पर अपनी गेंदबाजी से भी उन्होंने टीम को मैच जितवाया है। ऐसे में कोहली के पास बल्लेबाजी में भी और गेंदबाजी में एक अच्छा विकल्प रहेगा।