युवराज सिंह की वापसी की सबसे बड़ी वजह शायद जून में होने वाली आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी भी है। चुंकि भारतीय टीम को चैंपियंस ट्रॉफी से पहले केवल 3 वनडे मैच और 3 टी-20 मैच खेलने हैं। जबकि इस दौरान भारतीय टीम को 3 महीने के अंदर 5 टेस्ट मैच खेलना है। जाहिर है इतने टेस्ट मैच से खिलाड़ी थक जाएंगे और चैंपियंस ट्रॉफी से पहले उन्हें खुद को तरोताजा करने का बहुत कम वक्त मिलेगा। ऐसे समय में युवराज जैसे अनुभवी खिलाड़ी का काफी जरुरत पड़ेगी। युवराज भारत की तरफ से वर्ल्ड कप, टी-20 वर्ल्ड कप, चैंपियंस ट्रॉफी समेत कई बड़े मैच खेल चुके हैं ऐसे में उनके पास ऐसे हालात से निपटने का अपार अनुभव है। शायद इसी को ध्यान में रखते हुए उन्हें टीम में चुना गया। अगर आपको याद हो तो पिछले साल टी-20 वर्ल्डकप में उनके अनुभव को देखते हुए ही उन्हें टीम में चुना गया था। इस बार भी चयनकर्ताओं के दिमाग में ये बात थी। अगर आप किसी ऐसे खिलाड़ी को चाहते हैं जो मध्यक्रम में बल्लेबाजी कर सके , उसके पास अनुभव भी हो और वो गेंदबाजी में भी विकेट निकाल सके तो युवराज सिंह से बढ़िया खिलाड़ी कोई नहीं है।