5 कारण जिससे ज़हीर खान भारतीय गेंदबाजी को और मजबूत बना सकते हैं

ज़हीर गेंदबाजों को मानसिक रूप से तैयार कर सकते हैं

जब टीम संकट में होती थी, ज़हीर खान भारतीय टीम में आशा का संचार करते थे। वह चाहे गांगुली का दौर रह हो या धोनी का वह शर्लाक होम्स के कप्तान के जॉन वाटसन रहे हैं। वह विकेट ही नहीं लेते थे, जरुरी समय पर आकर वह विपक्षी टीम पर दबाव भी बनाते थे। अगर आप भारत और इंग्लैंड के बीच साल 2011 के विश्व कप के मुकाबले पर नजर डालें तो आपको अंदाजा लग जायेगा। जिस एंड्रू स्ट्रास अपनी टीम को जीत को ओर अग्रसर करवा रहे थे। उस समय ज़हीर ने आकर 158 पर खेल रहे स्ट्रास को आउट किया था। ज़हीर को पैरों में पड़ती हुई उस यॉर्कर गेंद ने पूरे मैच का पासा पलट दिया था। जिसमें लेट स्विंग का मिश्रण भी था। जिससे भारत इस मुकाबले को टाई कराने में सफल रहा था। ज़हीर विकेट-मशीन नहीं थे। लेकिन वह मौके पर विकेट लेकर टीम को जीत दिलाने में अहम योगदान देते थे। वहीं जब हम ज़हीर की व्यक्तिगत भावभंगिमा की बात करते हैं, तो वह हमेशा चुनौतियों के लिए तैयार रहते थे। जब टीम से बाहर हुए थे, तब भी उन्होंने हार न मानते हुए दोबारा जोरदार वापसी की। एक तेज गेंदबाज़ के लिए चोटिल होना आम बात है। ऐसे में ज़हीर गेंदबाजों चोट से बचने के उपाय भी बताते रहेंगे।