यह भी गौरतलब है कि युवराज अब टीम इंडिया के लिए उतने प्रभावी ऑल-राउंडर नहीं रह गए हैं। जब युवराज अपने करियर के चरम पर थे, तब फैन्स फील्ड पर युवराज के तेवर देख के रोमांचित हो जाते थे। 2011 विश्व कप की जीत में युवराज की भूमिका बेहद अहम थी क्योंकि उन्होंने बल्ले, गेंद और क्षेत्ररक्षण तीनों ही से अपना कमाल दिखाया था। अहम मैचों में बल्लेबाजी के मध्यक्रम को संभाला था। हालांकि, वापसी के बाद से युवराज का वैसा ऑल-राउंडर प्रदर्शन देखने को नहीं मिला है।
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