क्रिकेट का खेल में नंबर और रिकॉर्ड्स काफ़ी मायने रखते हैं। इस ख़ूबसूरत से खेल में कई कीर्तिमान बनते हैं और कई टूटते भी हैं। बहुत सारे रिकॉर्ड्स क्रिकेट फ़ैंस के जहन में हमेशा ताज़ा रहते हैं तो कई रिकॉर्ड्स ऐसे भी हैं जिन्हें याद रखने की ज़हमत कोई नहीं उठाता। कई रिकॉर्ड्स दिलचस्प होते हैं तो कई दुखद, लेकिन इसी वजह से क्रिकेट का खेल आनोखा कहलाता है
हर किसी को सर डॉन ब्रैडमैन का टेस्ट में 99.94 का बल्लेबाज़ी औसत याद है। लेकिन किसी को भारत के बापू नाडकर्णी का वो रिकॉर्ड याद नहीं जब उन्होंने टेस्ट में लगातार 21 ओवर लगातार मेडेन फेंके थे। क्रिकेट के इतिहास में कई अनोखे रिकॉर्ड्स भी बने हैं जो वक़्त के साथ भूला दिए गए हैं।
इनमें से कुछ रिकॉर्ड्स इतने नाकारात्मक हैं कि उसे बनाने वाले खिलाड़ी याद नहीं रखना चाहेंगे। हम यहां ऐसे ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बने 5 रिकॉर्ड्स के बारे में चर्चा करेंगे जिसे काफ़ी कम लोग याद रखते हैं।
#5 टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज़्यादा बार बोल्ड आउट होने वाले बल्लेबाज़
सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि इस रिकॉर्ड को किसी और ने नहीं बल्कि भारत महान पूर्व क्रिकेटर राहुल द्रविड़ ने बनाया है। द्रविड़ को ‘टीम इंडिया की दीवार’ कहा जाता है। आंकड़े बताते हैं कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वो सबसे ज़्यादा बार बोल्ड आउट हुए हैं।
द्रविड़ ने 164 टेस्ट मैच की 286 पारियों में 55 दफ़ा बोल्ड आउट हुए हैं, इसका मतलब ये है कि उनके टेस्ट करियर में 19.23 फ़ीसदी हिस्सेदारी बोल्ड आउट होने की है। इसके बाद सबसे ज़्यादा बार बोल्ड आउट होने का रिकॉर्ड भारत के ही सचिन तेंदुलकर के नाम है, वो इस मामले में वो द्रविड़ से महज़ एक कदम पीछे हैं।
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान एलन बॉर्डर (53) और दक्षिण अफ़्रीका के महान ऑलराउंडर जैक्स कैलिस (46) इस मामले में क्रमश: तीसरे और चौथे स्थान पर कायम हैं।
#4 वनडे क्रिकेट में गोल्डन डक के सबसे ज़्यादा शिकार होने वाले खिलाड़ी
50 ओवर के फ़ॉर्मेट में सबसे ज़्यादा बार गोल्डन डक का शिकार होने का रिकॉर्ड श्रीलंका के लसिथ मलिंगा के नाम है जो इस तरह से 13 बार आउट हुए हैं। पाकिस्तान के शाहिद अफ़रीदी 12 दफ़ा गोल्डन डक के ज़रिए आउट हुए हैं। इसके बाद श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन (11), भारत के जवागल श्रीनाथ (11) और पाकिस्तान के मोईन ख़ान (11) का नंबर आता है। ये तीनों खिलाड़ी संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर बने हुए हैं।
#3 टी-20 अंतरराष्ट्रीय में बैट कैरी करने का रिकॉर्ड
क्रिकेट के खेल में जब कोई ओपनिंग बल्लेबाज़ शुरुआत से लेकर अपनी पूरी टीम के ऑल आउट होने तक नाबाद रहता है तो उसे बैट कैरी करना कहते है। टेस्ट इतिहास में ऐसा 53 बार हुआ है, वनडे में 11 बार किसी बल्लेबाज़ ने बैट कैरी किया है। अगर टी-20 अंतरराष्ट्रीय की बात करें तो ऐसा सिर्फ़ 1 बार हुआ है, ये रिकॉर्ड को बनाने वाले खिलाड़ी हैं क्रिस गेल।
उन्होंने एक टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच में 63 रन बनाए थे और शुरू से आख़िर तक टिके रहे थे। जबकि उनके बाक़ी 10 साथी खिलाड़ी आउट हो गए थे।
#2 टी-20 अंतरराष्ट्रीय में सबसे बेहतरीन बॉलर और विकेटकीपर की जोड़ी
हांलाकि ये यक़ीन करना मुश्किल है कि ये रिकॉर्ड कामरान अकमल और सईद अजमल की जोड़ी के नाम है। अकमल को औसत दर्जे का विकेटकीपर समझा जाता है, फिर भी वो इस अनूठे रिकॉर्ड में टॉप पर हैं। अकमल और अजमल ने मिलकर 15 बार विपक्षी बल्लेबाज़ों का शिकार किया है। इस रिकॉर्ड के मामले में दूसरे नंबर पर आते हैं बांग्लादेश के मुशफिकुर रहीम और शाक़िब-अल-हसन, जिन्होंने मिलकर 14 बल्लेबाज़ों को आउट किया है।
#1 टेस्ट में सबसे ज़्यादा गेंद खेलकर शून्य पर आउट होने का रिकॉर्ड
ये अनोखा रिकॉर्ड न्यूज़ीलैंड के ज्योफ़ एलट के नाम है। साल 1999 में दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ ऑकलैंड टेस्ट मैच में उन्होंने शून्य पर आउट होने से पहले 77 गेंदों का सामना किया था। उनके 101 मिनट क्रिज़ पर रहते हुए कीवी टीम के ज़रूरी 32 रन बने थे। आख़िर में एलट को जैक्स कैलिस ने आउट किया था। भले ही एलट ने एक भी रन नहीं बनाया था, लेकिन उनकी इस पारी की बदौलत न्यूज़ीलैंड टीम इस टेस्ट को ड्रॉ कराने में कामयाब हुई थी। इस रिकॉर्ड के मामले में जेम्स एंडरसन (55) और रिचर्ड एलिसन (52) क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर बरक़रार है।
लेखक- बिमर्श अधिकारी
अनुवादक- शारिक़ुल होदा