नि:संदेह एम एस धोनी क्रिकेट जगत के महानतम खिलाड़ियों मे से एक हैं। अपने बल्ले और दस्तानों से लोहा मनवा चुके धोनी ने अपनी कप्तानी से क्रिकेट जगत में एक अलग पहचान बनाई है।
यकीनन सबसे महान भारतीय कप्तान होने के नाते, उन्होंने अपने धैर्य और कभी हार न मानने वाले रवैये के साथ क्रिकेट के क्षेत्र में चमत्कार किया है। धोनी ने अपने पांचवें अंतरराष्ट्रीय मैच से ही रिकॉर्ड बनाने शुरू कर दिये थे और आज तक यह विकेटकीपर बल्लेबाज 22 गज की क्रिकेट पिच पर हर बार नए मील के पत्थर बनाता आ रहा है।
भले ही उन्होंने पाँच साल पहले टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया हो लेकिन कोई भी वर्तमान क्रिकेटर उनके कुछ रिकॉर्ड के करीब नहीं पहुँच पाया है | यह इस बात का सूचक है कि धोनी इन वर्षों में काफी अच्छा क्रिकेट खेलेते रहे हैं | बहरहाल, क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है और क्रिकेट रिकार्ड्स किसी भी समय टूट सकते हैं | यह देखना वाकई काफी दिलचस्प होगा कि ऐसी क्षमताएं किस क्रिकेटर के पास हैं जो धोनी के रिकार्ड्स की बराबरी या उन्हें तोड़ने में सफल हो पाता है।
आइये नज़र डालते है धोनी के उन रिकार्ड्स पर जिनका निकट भविष्य में टूट पाना लगभग असंभव है:
#1. तीनों ICC विश्व प्रतियोगिताएं जीतने वाले इकलौते कप्तान
2007 के एकदिवसीय विश्वकप की शर्मनाक हार के बाद कठिन समय में धोनी ने पहली बार कप्तानी संभाली। सचिन, वीरू, ज़हीर, लक्ष्मण और हरभजन जैसे सीनियर खिलाड़ियों से भरी टीम को उन्होंने बड़ी दक्षता से संभाला और साथ ही युवा पीढ़ी के खिलाड़ियों में अपना भरोसा दिखा कर भारतीय क्रिकेट के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
एमएस धोनी एकमात्र ऐसे कप्तान हैं, जिन्होंने आईसीसी की तीनों बड़ी ट्रॉफी जीती हैं| 2007 टी-20 विश्वकप, 2011 एकदिवसीय विश्व कप और 2013 ICC चैंपियंस ट्रॉफी ये तीनों विश्व टूर्नामेंट को धोनी अपनी कप्तानी में जीतने में सफल रहे । साथ ही उनकी कप्तानी में भारत ICC टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष स्थान पर पहुंचा भी था।
ये कारनामा करने वाले धोनी विश्व के एकमात्र और आखिरी कप्तान हैं। ICC चैंपियंस ट्रॉफी का आखिरी संस्करण वर्ष 2017 में समाप्त हो गया है। ICC चैम्पियंस ट्रॉफी के 2017 मे ख़त्म होने के साथ ही इस रिकॉर्ड के टूटने की सम्भावना भी खत्म हो गयी है।
#2. विकेटकीपर बल्लेबाज का एकदिवसीय क्रिकेट में उच्चतम स्कोर
एमएस धोनी ने 31 अक्टूबर 2005 को जयपुर में विकेटकीपर के रूप में तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए श्रीलंका के खिलाफ 183* रन बनाए। इस मैच मे धोनी ने एकदिवसीय पारी में एक विकेटकीपर बल्लेबाज द्वारा बनाए गए सबसे अधिक रन का रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने मैच में 15 चौके और 10 छक्के लगाए थे और भारत को जीत तक पहुंचाया। इस प्रदर्शन के लिए धोनी को मैन ऑफ़ द मैच के सम्मान से नवाजा गया था।
धोनी ने उस समय के एडम गिलक्रिस्ट के 172 रन के रिकॉर्ड को ध्वस्त कर उसे अपने नाम कर लिया | 183* की पारी आज भी धोनी की सर्वोत्तम पारी है।
आज 13 साल बाद भी यह रिकॉर्ड कायम है और निकट भविष्य में इस रिकॉर्ड का टूटना भी काफी कठिन है।साथ ही एकदिवसीय मैचों में सातवें नंबर पे खेलते हुये उनके नाम सबसे अधिक शतक (2) जड़ने का अनोखा रिकार्ड भी है।
#3. विकेटकीपर द्वारा सबसे ज्यादा बार गेंदबाज़ी
एमएस धोनी ने विकेटकीपर के रूप में खेलते हुए 9 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में गेंदबाज़ी की है। कैप्टन कूल ने विकेटकीपर के रूप में खेलते हुए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे अधिक मैचों में गेंदबाज़ी की हैं।
एमएस धोनी ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 132 गेंद फेंकी हैं और केवल एक विकेट लिया। एमएस धोनी के अलावा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के इतिहास में छह विकेटकीपर हैं, जिन्होंने विकेटकीपर के रूप में खेलते हुए अपने करियर में एक से अधिक बार गेंदबाजी की है| इंग्लैंड के विकेटकीपर बिल (विलियम) स्टोरेर ने 6 मैचों में गेंदबाजी की है और धोनी के बाद वे दूसरे नंबर पर आते हैं।
धोनी ने एक टेस्ट के दौरान पीटरसन को आउट कर दिया था, जब भारत ने 2011 में इंग्लैंड का दौरा किया था। हालांकि, यह विकेट के रूप में नहीं गिना गया क्योंकि बल्लेबाज ने अंपायर के निर्णय पर रिव्यू मांगा और फैसला पलट गया। पीटरसन ने इस मैच मे दोहरा शतक बनाया और इंग्लैंड ने मैच जीत लिया।
#4. टी20 विश्वकप में सबसे अधिक बार नेतृत्व
वर्ष 2007 के प्रथम टी-20 विश्वकप को जीतकर धोनी ने क्रिकेट इतिहास में अपना नाम दर्ज करवा लिया और भारत के महान कप्तानों में उनकी गिनती होने लगी।
धोनी ने अपने धैर्य और सूझ-बूझ के चलते निरंतर कई ख़िताब भारत के झोली में डाले। यही कारण था कि धोनी लम्बे समय तक भारतीय टीम के कप्तान बने रहे। उन्होंने वर्ष 2007 से 2016 तक सीमित ओवरों के प्रारूप में भारतीय राष्ट्रीय टीम की कप्तानी की।
इस समयावधि में उन्होंने पहले 6 टी-20 विश्वकप का नेतृत्व कर एक और विश्व रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया जिसे तोड़ पाना शायद ही मुमकिन हो। आमतौर पर हर दो वर्षों में आने वाला टी-20 विश्वकप 2007 से 2016 की 8 वर्षों की समयावधि में 6 बार आया।
एमएस धोनी ने वर्ल्ड टी-20 के 6 संस्करणों में भारत का नेतृत्व किया जो सबसे अधिक है। पॉल कॉलिंगवुड और डैरेन सैमी इस सूची में संयुक्त दूसरे स्थान पर हैं।
#5. बिना अर्धशतक बनाये टी-20 अंतर्राष्ट्रीय में सबसे अधिक रन
टी20 क्रिकेट के विशेषज्ञ माने जाने वाले धोनी के नाम एक ऐसा रिकॉर्ड भी है जिसे तोड़ पाना आने वाली पीढ़ी के लिए बेहद मुश्किल रहेगा। धोनी के नाम टी-20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में बिना अर्धशतक बनाये सबसे अधिक रन बनाने का रिकॉर्ड है।
यह रिकॉर्ड मुख्य रूप से भारत के बेहद मजबूत ऊपरी क्रम के चलते बना है। अंतरराष्ट्रीय टी-20 मैचों में धोनी आमतौर पर काफी नीचे, 7 वें क्रम पर, बल्लेबाजी करने आते हैं और यही कारण है की उन्हें पर्याप्त गेंद खेलने का मौका नहीं मिलता।
खेल के सबसे छोटे प्रारूप के 75 मैच में 1153 रन बनाने के बावजूद उन्होंने कभी भी अर्धशतक नहीं लगाया था। उन्हें अपने पहले अंतरराष्ट्रीय अर्धशतक के लिए 66 परियों का इंतजार करना पड़ा।
पहले अर्धशतक का इंतज़ार फ़रवरी 2017 में इंग्लैंड के खिलाफ सीरिज़ के तीसरे और आख़िरी टी-20 अंतराष्ट्रीय मैच में खत्म हुआ| धोनी उस मैच मे युवराज सिंह से आगे चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने आये | धोनी ने अपनी 66 वीं पारी में 2 छक्कों और 5 चौकों की मदद से 36 गेंदों में 56 रन बनाए।
#6. एकदिवसीय रैंकिंग में सबसे तेज पहला स्थान
एम एस धोनी ने अपने पांचवें अंतरराष्ट्रीय मैच से ही रिकॉर्ड बनाना शुरू कर दिया था जब उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ 148 रनों की आतिशी पारी खेली थी।
पाकिस्तान सीरिज़ के तुरंत बाद धोनी ने श्रीलंका के खिलाफ 183* रनो की नाबाद पारी खेली और सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाकर मैन ऑफ़ द सीरिज़ भी बने। उन्होंने अपना यह प्रदर्शन आने वाली सीरिज़ में भी जारी रखा, इसी कारण धोनी का नाम तेजी से ICC एकदिवसीय बल्लेबाज़ की रैंकिंग में शीर्ष स्थान पर पहुंचने की होड़ में लग गया।
उन्होंने सबसे कम 42 परियों में ICC बल्लेबाज़ों की रैंकिंग सूची में शीर्ष स्थान प्राप्त किया और वह विश्व रिकॉर्ड आज भी कायम है। देखने वाली बात ये होगी की कोई खिलाड़ी इस रिकॉर्ड को तोड़ पाने में सक्षम हो पाता या नहीं।
बहरहाल, क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है और क्रिकेट रिकार्ड्स किसी भी समय टूट सकते हैं। यह देखना वाकई काफी दिलचस्प होगा कि ऐसी क्षमताएं किस क्रिकेटर के पास हैं जो धोनी के इन रिकार्ड्स की बराबरी या उन्हें तोड़ने में सफल हो पाता है।
#7. क्रिकेट इतिहास में सबसे महँगा बल्ला
यह ऐसा बल्ला है जिसने लाखों लोगों के बीच जश्न मनाया। यह वह बल्ला है जिसने वर्ल्डकप इतिहास का सबसे यादगार छक्का जड़ा और फिर अपने मालिक के हाथों में ग़ैर-इरादतन ट्विस्ट लिया| एमएस धोनी ने श्रीलंका के खिलाफ 2011 विश्व कप की फाइनल पारी मे खेलने के लिए जिस बल्ले की नीलामी की थी, वह बल्ला 100,000 पाउंड में नीलाम हुआ। यह क्रिकेट जगत का सबसे महँगा बल्ला है।
उसी वर्ष एक नीलामी में आर के ग्लोबल शेयर्स एंड सिक्योरिटीज लिमिटेड (इंडिया) को लगभग एक लाख पाउंड की भारी रकम पर लंदन में एक इवेंट में बेचा गया था। धन राशि को बाद में साक्षी धोनी फाउंडेशन द्वारा इस्तेमाल किया गया था। यह एम एस धोनी का बल्ला गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में सबसे महँगा बल्ला होने का रिकॉर्ड रखता है।
इसका उद्देश्य धोनी की पत्नी के धर्मार्थ संगठन “साक्षी फाउंडेशन” के लिए धन जुटाना था, जो भारत में कम-विशेषाधिकार प्राप्त बच्चों के लिए काम करता है।