टेस्ट मैचों में शुरुआती समय में संघर्ष करने वाले कोहली अब लाल गेंद के खिलाफ परिपक्व बल्लेबाज बनकर उभरे हैं। उनकी महानता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि वह टेस्ट क्रिकेट इतिहास के एकमात्र बल्लेबाज हैं, जिन्होंने लगातार चार टेस्ट सीरीज में दोहरे शतक जमाए हो। कोहली के खेल में गजब का परिवर्तन हुआ है और जिस क्षेत्र में वह पहले कमजोर नजर आते थे, अब वहीं खूब रन बना रहे हैं। अब तो कहा जाने लगा है कि दिल्ली के कोहली टेस्ट रन मजे से बनाते हैं। बढ़िया रन और अच्छे सुधार के बाद कोई भी यह कहने से नहीं चूकेगा कि कोहली टेस्ट मैच की एक पारी में 400 रन बनाने के रिकॉर्ड को तोड़ पाएंगे। वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाज ब्रायन चार्ल्स लारा ने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट में नाबाद 400 रन की पारी खेली थी, जो रिकॉर्ड अब भी बरक़रार है और लंबे समय तक इसके बरक़रार रहने की उम्मीद है। कोहली द्वारा इस रिकॉर्ड को नहीं तोड़ पाने की कई वजह हैं। सबसे पहली बात तो वह इतनी लंबी पारी शायद ही खेल सके। वह आक्रामक व्यक्तित्व वाले बल्लेबाज हैं और उनका मानना है कि गेंदबाज आपको टेस्ट मैच जिताकर देता है। इसको ध्यान में रखते हुए वह लंबी बल्लेबाजी नहीं करना चाहेंगे। इसके अलावा विराट का नंबरों पर ध्यान नहीं रहता है, जिसे देखते हुए यह रिकॉर्ड कोहली द्वारा टूटना मुश्किल नजर आता है।