कप्तान के रूप में विराट कोहली को इन 5 गलतियों से बचना चाहिए

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#2 लॉन्ग ऑन- लॉन्ग ऑफ, डीप प्वाइंट, डीप मिडविकेट virat-kohli-test-1480849995-800 आजकल के कप्तान टेस्ट क्रिकेट में इन और आउट फील्ड पर बहुत भरोसा करते हैं लेकिन कोहली एक अटैकिंग कप्तान है और वो इस परंपरा से हटकर चलते हैं | हालांकि कोहली भी कहीं ना कहीं उसी ट्रेंड को फोलो कर रहे हैं | आश्चर्यजनक बात ये है कि कोहली ने आउट ऑफ फॉर्म चल रहे बेन डकेट के लिए लॉन्ग ऑन में फील्ड लगाया, जबकि कोहली को फील्ड अंदर रखने का फायदा तब मिला जब वाइजेग टेस्ट में रवीचंद्रन अश्विन ने जो रूट को आउट किया, जब लॉन्ग ऑफ में फील्ड सेट किया गया था | विराट कोहली डीप में फील्डिंग लगाना पसंद करते हैं, जब मोहाली टेस्ट की दूसरी पारी में इंग्लिश टीम अपने विकेट गंवा रही थी और भारत के स्कोर 134 रन पीछे थी, तब भी विराट कोहली ने डीप से फील्डर्स को नहीं हटाया | इतना ही नहीं मोइन अली और जो रूट के बीच हुई बड़ी साझेदारी भी कोहली के फील्ड ना बदलने का ही नतीजा था | क्योंकि दोनों बल्लेबाज आसानी से सिंगल निकाल पा रहे थे, जबकि लगातार गिरते विकेटों के बाद इंग्लैंड की टीम दबाव में थी | कोहली डीप प्वाइंट रखना पसंद करते हैं अगर कभी स्पिनर्स छोटी बॉल रखते हैं तो डीप प्वाइंट रखना जरूरी होता है लेकिन तीनों ही स्पिनर्स आर अश्विन, जयंत यादव और रवींद्र जडेजा ने दूसरे और तीसरे टेस्ट में बिल्कुल भी नयंत्रण नहीं खोया | ऐसे हालात में डीप प्वाइंट बल्लेबाज को आसानी से सिंगल लेने के मौके देता है, जिससे बल्लेबाज पर दबाव कम हो जाता है और एक गेंदबाज एक बल्लेबाज को पूरी 6 गेंदे नहीं डाल पाता | पर कई बार एक बाउंड्री भी बेहतर होती है बजाए इसके की बल्लेबाज हर गेंदबाज को परेशान करे |