#3 रनर के इस्तेमाल पर रोक जब 1744 में क्रिकेट के नियम बने तो उसमें रनर का कोई प्रावधान नहीं था, लेकिन आखिर के 120 सालों के दौरान इसका काफी प्रचलन हो गया था। इस नियम के अनुसार अगर बल्लेबाज को दौड़ने में दिक्कत हो रही हो या उसे कोई और शारीरिक परेशानी हो तो वह पारी के बीच में रनर ले सकता था। हालांकि 2011 में इस नियम को पूरी तरह हटा दिया गया और बोला गया कि अगर बल्लेबाज दौड़ नहीं पा रहा है तो उसे रिटायर्ड हर्ट होना पड़ेगा। इस नियम का उपयोग कई बार गलत तरीके से किया जाता रहा है लेकिन फिर भी इसे हटाना नहीं चाहिए था। इस वजह से कई बार बल्लेबाज चोटिल होने के बावजूद मैच में हिस्सा लेता है जिस वजह से उनका चोट और बढ़ सकता है।