#4 दोनों छोर से 2 अलग-अलग सफ़ेद गेंद का इस्तेमाल
क्रिकेट में रोमांच पैदा करने के लिए आईसीसी ने वनडे में दोनों छोर से 2 अलग-अलग सफ़ेद गेंद का इस्तेमाल किए जाने की अनुमति दे दी है। हांलाकि ये तरीका नया नहीं है वर्ल्ड कप 1992 में भी ऐसा किया गया था। साल 2011 में इस नियम को दोबारा क्रिकेट में शामिल किया गया ताकि गेंदबाज़ों को नई गेंदों से लंबे समय तक स्विंग करने का मौक़ा मिले। इसके अलावा इस नियम की वजह से बल्लेबाज़ों को गेंद को देखने में काफ़ी मदद मिलते हैं। इससे पहले गेंद के घिस जाने पर वो ठीक से नज़र नहीं आती थी। हांलाकि रिवर्स स्विंग के नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। अब गेंदबाज़ों को पारंपरिक स्विंग गेंदबाज़ी करने के लिए 2 अलग-अलग गेंदों का इस्तेमाल करना होता है।
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