5 ऐसे नियम जो IPL की शुरुआत के बाद बनाए गए

#3 डिसीज़न रिव्यू सिस्टम

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डीआरएस का नियम इसलिए शुरु किया गया था ताकि तकनीक की मदद से सही फ़ैसला लिया जा सके। सबसे पहले इस नियम का इस्तेमाल साल 2008 में भारत और श्रीलंका के बीच हुए टेस्ट सीरीज़ में किया गया था। हांलाकि बीसीसीआई ने पूरी तरह इस नियम को सबसे आख़िर में अपनाया था। इस नियम ने क्रिकेट की दुनिया में क्रांति पैदा कर दी है। इस नियम के बाद कैमरा की नज़र से बच पाना नामुमकिन होता है। इस नियम के ज़रिए टेलीविज़न रिप्ले में हर बॉल को ट्रैक किया जाता है और ये देखा जाता है कि बल्लेबाज़ को आउट या नॉट आउट घोषित करने में कोई ग़लती हुई है या नहीं। तकनीक के सहारे माइक्रोफ़ोन की मदद ली जाती है, इसमें लगे स्निकोमीटर और अलट्रेज सिस्टम के ज़रिए तय किया जाता है कि गेंद बैट या स्टंप पर लगी है या नहीं। हांलाकि इस नए नियम में भी काफ़ी बदलाव किए गए हैं। इस नियम की वजह से ग़लती की गुंजाइश लगभग ख़त्म हो गई है। साल 2018 के आईपीएल में भी इस नियम की मदद ली जाएगी।

Edited by Staff Editor
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