इंग्लिश काउंटी क्रिकेट के सबसे ज्यादा इनडिमांड क्रिकेटर, मुरली कार्तिक के लिए नेशनल स्तर पर चीजें काफी अच्छी नहीं रही। पिछले सालों में अगर मुरली कार्तिक के करियर पर नजर डालें, तो एक चीज साफ तौर पर दिखाई देती है वो है उनका प्राइम टाइम पर मौके न मिलना, जिस वक्त भारतीय स्पिन जोड़ी हरभजन सिंह और अनिल कुम्बले में अच्छा तालमेल देखने को मिल रहा था, कार्तिक अपनी अहमियत महसूस कराने में असफल साबित हुए। मीडियम पेसर के तौर पर शुरुआत करने वाले कार्तिक ने बिशन सिंह बेदी की सलाह के बाद लेफ्ट ऑर्म स्पिन पर ध्यान देना शुरू कर दिया था। दिल्ली में आगाज करने के कुछ दिन बाद ही, कार्तिक 1996 में अपने क्रिकेट के प्रति प्यार को पूरा करने के लिए रेलवे के साथ जुड़ गए। इस लेफ्ट ऑर्म स्पिनर ने 1996 में मध्यप्रदेश के खिलाफ रेलवे के लिए डेब्यू किया, हालांकि पहले मैच में वो सिर्फ एक विकेट ही निकाल पाए लेकिन उन्होंने बल्लेबाजी का दम दिखाते हुए 47 रन बनाए और एक कड़े मुकाबले को ड्रॉ में तबदील कराने में सफल हुए। अगले ही मैच में उन्होंने विदर्भ के खिलाफ शानदार गेंदबाजी करते हुए हैट-ट्रिक लेकर 6 विकेट हासिल किए और 19.37 की औसत से कुल 16 विकेट झटके। 203 फर्स्ट क्लास मुकाबले खेलने के वाबजूद उन्हें कभी उनके ऑलराउंड प्रदर्शन के लिए नहीं सराहा गया जबकि उन्होंने जरुरत पड़ने पर बल्ले से भी योगदान दिया है। कार्तिक ने 20 से ज्यादा की औसत से 4423 रन बनाए जबकि 26.70 की औसत से 664 विकेट हासिल किए हैं।