भारत-इंग्लैंड टेस्ट श्रृंखला में 1-4 से मिली शर्मनाक हार के बाद भारतीय टीम को श्रृंखला के दौरान हुई रणनीतिक गलतियों को दूर करने की ज़रूरत है। इस दौरे में पर्याप्त अभ्यास मैचों की कमी इसका एक कारण है। क्रिकेट विशेषज्ञों के मुताबिक, इंग्लैंड जैसे देशों में खेलने वाली मेहमान टीम को श्रृंखला से पहले कुछ अभ्यास मैच खेलने चाहिए। वहीं इस श्रृंखला में अंतिम एकादश का चयन भी विवाद का विषय रहा है। इस लेख में हम भारतीय टीम प्रबंधन द्वारा टीम चयन में की गई 5 गलतियों पर एक नज़र डालेंगे:
#1. पहले टेस्ट में पुजारा को नहीं खिलाना
पहले टेस्ट में पुजारा को अंतिम एकादश में जगह नहीं देना चौंकाने वाला था। भारतीय प्रबंधन ने पुजारा के काउंटी क्रिकेट में किये गए औसत प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें पहले टेस्ट में टीम से बाहर रखा था। पुजारा की जगह धवन और केएल राहुल को टीम में जगह दी गई, लेकिन यह दोनों खिलाड़ी रन बनाने के लिए जूझते दिखे। पुजारा का रिकॉर्ड इन दोनों बल्लेबाजों की तुलना में अच्छा है और विदेशी परिस्थितियों में भी उन्होंने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। ऐसे में, पहले टेस्ट में पुजारा को अंतिम एकादश में शामिल नहीं करने का फैसला हार के मुख्य कारणों में से एक था।
#2. लॉर्डस की परिस्थितियों में कुलदीप यादव को खिलाना
भारतीय टीम ने लॉर्ड्स की सूखी पिच को देखते हुए अंतिम ग्यारह में एक अतिरिक्त स्पिनर शामिल किया। लेकिन मैच की शुरूआत से ठीक पहले बारिश हो रही थी, जिसकी वजह से टॉस भी नहीं हो पाया। दूसरे दिन यह स्पष्ट हो गया था कि अगले कुछ दिनों के लिए ओवरकास्ट परिस्थितियां बरकरार रहेंगी जो तेज़ गेंदबाज़ों को मदद देंगी। टीम प्रबंधन को मैच की शुरूआत से पहले ही परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए कुलदीप यादव को टीम में शामिल करने का विचार छोड़ देना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और कुलदीप ने बिना किसी विकेट के सिर्फ 9 ओवरों की गेंदबाजी की।
#3. चौथे टेस्ट में चोटिल अश्विन को खिलाना
रविचंद्रन अश्विन वर्तमान में भारत के सर्वश्रेष्ठ स्पिनर हैं और उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में सात विकेट लेकर अपनी उपयोगिता साबित की थी। तीसरे टेस्ट की दूसरी पारी में गेंदबाज़ी करते हुए वह चोटिल हो गए थे और ऐसे में उन्हें चौथे टेस्ट में आराम दिया जाना चाहिए था, लेकिन भारतीय टीम प्रबंधन ने अनफिट होने के बावजूद उन्हें चौथे टेस्ट में खेलाने की गलती की जो अंत में टीम को महंगी पड़ी और भारत मैच के साथ-साथ सीरीज़ भी हार गया।
#4. खराब फॉर्म के बावजूद धवन को टीम में रखना
भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज़ शिखर धवन विदेशी परिस्थितियों में बार-बार विफल रहे हैं। इंग्लैंड दौरे से पहले वह दक्षिण अफ्रीकी दौरे में भी रन बनाने के लिए जूझते नज़र आये थे। पिछले कुछ समय से ऐसा देखा गया है कि धवन विदेशी सरज़मीं पर अपेक्षा अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाते। ऐसे में, खराब फॉर्म के बावजूद उन्हें बार-बार मौका देना, इस फैसले ने हर किसी को हैरत में डाल रखा है।
#5. नंबर 6 पर विशेषज्ञ बल्लेबाज़ की गैरमौजूदगी
पहले दो टेस्ट मैचों के बाद यह स्पष्ट हो गया कि भारत की बैटिंग लाइन-अप अंग्रेजी परिस्थितियों में संघर्ष कर रही है। ऐसे में टीम प्रबंधन को नंबर 6 पर बल्लेबाज़ी करने के लिए किसी विशेषज्ञ बल्लेबाज़ को टीम में शामिल करने की ज़रूरत थी। यदि कोई विशेषज्ञ बल्लेबाज टीम के स्कोर में 50 या 60 रनों का योगदान दे देता तो सीरीज़ का परिणाम शायद भारत के पक्ष में होता, हालांकि पहले चार टेस्ट मैचों में ऐसा नहीं हुआ, नतीजतन इंग्लैंड ने सीरीज़ में 3-1 की अजेय बढ़त बना ली। भारतीय टीम प्रबंधन ने पांचवें टेस्ट में एक अतिरिक्त बल्लेबाज को टीम में शामिल किया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। लेखक: सचिन अरोड़ा अनुवादक: आशीष कुमार