क्रिकेट हमेशा अनिश्चित्ताओं का खेल रहा है, साल 2017 में भी क्रिकेट के मैदान पर कई नए कीर्तिमान स्थापित हुए। साल 2017 में क्रिकेट के खेल में कई उतार चढ़ाव भी नजर आए। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कई चौंकाने वाले मौके भी आए। क्रिकेट के मैदान पर साल 2017 में कई ऐसे मौके भी आए जब एक मजबूत टीम को किसी कमजोर टीम से हार का सामना करना पड़ा। इसके अलावा साल 2017 में कई ऐसे मैच भी हुए जिनमें किसी टीम ने विरोधी टीम को बड़े अंतर से हार का मजा चखा दिया हो। आइए जानते हैं साल 2017 में क्रिकेट के खेल में हुई 5 बड़ी अंतरराष्ट्रीय हार:
#1 अफ़ग़ानिस्तान ने वेस्टइंडीज़ को 63 रनों से हराया
मैच: पहला एकदिवसीय, ग्रॉस आइलेट में वेस्टइंडीज़ का अफ़ग़ानिस्तान दौरा, जून 2017जून 2017 में अफगानिस्तान और वेस्टइंडीज के बीच टी20 और एकदिवसीय मैचों की सीरीज खेली गई। इस सीरीज में पहले खेली गई टी20 सीरीज में वेस्टइंडीज ने अफगानिस्तान को धूल चटा दी। इसके बाद बारी थी एकदिवसीय सीरीज की। एकदिवसीय सीरीज में भी वेस्ट इंडीज की टीम ही सबकी पसंदीदा टीम थी। सभी को उम्मीद थी कि वेस्टइंडीज की टीम अफगानिस्तान की टीम को टी20 सीरीज की तरह ही एकदिवसीय सीरीज में भी हरा देगी लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। तीन एकदिवसीय मैचों की सीरीज में अफगानिस्तान और वेस्टइंडीज़ के बीच पहला एकदिवसीय खेला गया। इस मुकाबले में अफगानिस्तान ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। पहले बल्लेबाजी करते हुए अफगानिस्तान ने निर्धारति 50 ओवरों के खेल में 212 रन बनाए। इन रनों में सलामी बल्लेबाज जावेद अहमदी ने शानदार पारी खेली। अपनी इस पारी में जावेद ने अफगानिस्तान के लिए 81 रनों का योगदान दिया। 212 रनों का स्कोर बहुत ही कम दिखाई दे रहे था लेकिन वेस्टइंडीज के लिए ये स्कोर पहाड़ जैसा होने वाला था। अफगानिस्तान के 212 रनों के जवाब में बल्लेबाजी करने आई वेस्टइंडीज की टीम अफगानिस्तानी गेंदबाजी आक्रमण के आगे बुरी तरह से लड़खड़ा गई। वेस्टइंडीज का कोई भी बल्लेबाज अफगानिस्तान जैसी कमजोर टीम के आगे खड़ा तक नहीं हो पाया और अपना विकेट गंवाता चला गया। आलम तो ये था कि वेस्टइंडीज़ की टीम का बल्लेबाज क्रीज पर आता और थोड़ी देर में ही अपना विकेट गंवा कर पैवेलियन लौट जाता। वेस्टइंडीज की बल्लेबाजी अफगानिस्तान की गेंदबाजी के आगे बेदम नजर आई। अफगानिस्तान की गेंदबाजी में खासतौर पर राशिद खान की गेंदबाजी के आगे वेस्टइंडीज के बल्लेबाज सहमे हुए नजर आ रहे थे। राशिद खान अपनी फिरकी का कमाल दिखाते हुए एक के बाद एक वेस्टइंडीज के बल्लेबाज को अपना शिकार बनाते जा रहे थे। इस मैच में पहले वेस्टइंडीज की टीम के लिए 50 रनों का स्कोर भी पार कर पाना मुश्किल नजर आ रहा था। इस पूरे मैच में अफगानिस्तान के राशिद खान ने अपना जलवा बिखेरा। शानदार स्पिन गेंदबाजी करते हुए राशिद खान ने इस मैच में 8.4 ओवर में 18 रन दिए और 7 विकेट झटके। इसके साथ ही इस मैच में 212 रनों के जवाब में वेस्टइंडीज की टीम ने महज 63 रनों पर ही घुटने टेक दिए। इसके साथ ही वेस्टइंडीज़ को इस मैच में 149 रनों से हार का सामना करना पड़ा। साल 2017 का ये एक यादगार मैच रहा, जिसमें गेंदबाजी के दम पर एक कमजोर टीम ने बड़े अंतर से जीत हासिल की।
#2 ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 333 रनों से हराया
मैच: पहला टेस्ट, पुणे में ऑस्ट्रेलिया का भारत दौरा, फ़रवरी 2017अपने घरेलू मैदान में खेलना कई मायनों में अहम होता है। घरेलू मैदानों की परिस्थिति से टीम पूरी तरह से वाकिफ रहती है। साल 2017 के शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच टेस्ट सीरीज खेली गई। इस सीरीज से पहले भारत लगातार 19 टेस्ट मैचों से अपराजय था। विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया इस सीरीज के लिए सबकी पसंदीदा थी, लेकिन अब टीम इंडिया का ये 19 मैचों से चला आ रहा अपराजय का सिलसिला टूटने वाला था। ऑस्ट्रेलिया और भारत दोनों मजबूत टीमें पहले टेस्ट मैच के लिए पुणे के मैदान पर आमने-सामने थीं। ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में कुछ खास रन स्कोर नहीं किए। पहली पारी में ऑस्ट्रेलियाई टीम 260 रन ही बना पाई। इस पारी में ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज रेनशॉ ने सबसे ज्यादा 156 गेंदों में 68 रनों की पारी खेली। ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी में बनाए 260 रनों के जवाब में भारतीय टीम को उम्मीद थी कि वो इन रनों पर बढ़त हासिल कर लेगी। पिछले 19 मैचों से चले आ रहे अपराजय अभियान को देखते हुए हर कोई सोच रहा था कि भारत ऑस्ट्रेलिया पर आसानी से बढ़त बना लेगा, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। भारतीय टीम ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के आगे अपनी पारी में 100 रन का स्कोर भी मुश्किल से पार कर पाई। ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी में बनाए 260 रनों के जवाब में बल्लेबाजी करने आई भारतीय टीम ने सधी हुई शुरुआत की। लेकिन धीरे-धीरे मैच में भारतीय टीम के विकेट गिरते चले गए और मैच ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में जाता रहा। कोई भी भारतीय बल्लेबाज ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी के आगे टिक नहीं पाया और अपना विकेट गंवाता चला गया। टीम इंडिया की बल्लेबाजी से ऐसा बिल्कुल भी नहीं लग रहा था कि यही वो भारतीय टीम है जो पिछले 19 मैचों से अपराजय चली आ रही है। इस पारी में भारतीय बल्लेबाज लोकेश राहुल का विकेट गिरना टर्निंग प्वॉइंट साबित हुआ। पहले 33 ओवर तक टीम के चार विकेट 94 रनों पर ही गिर गए थे। इसके बाद 105 रनों के स्कोर पर पूरी भारतीय टीम ही पहली पारी में सिमट गई है। 19 मैचों से अपराजय भारतीय टीम के लिए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने घरेलू मैदान पर ही इतने कम स्कोर पर ऑल आउट हो जाना काफी शर्मनाक था। इसके बाद दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलियाई टीम को भारतीय टीम 285 रनों पर रोकने में कामयाब रही। आर अश्विन और जडेजा की गेंदबाजी ने भारतीय टीम को जल्दी विकेट दिलाने में मदद की। इस पहले टेस्ट मैच का अभी तीसरा दिन भी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ था कि ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी खत्म हो चुकी थी और भारतीय टीम को जीत के लिए 441 रनों का लक्ष्य मिला था। इस मैच का अभी दो से भी ज्यादा दिन का खेल बाकी था और भारतीय टीम की पहली पारी में बल्लेबाजी देखते हुए 441 रनों का लक्ष्य काफी ज्यादा दिखाई दे रहे था। दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने आई भारतीय टीम की बल्लेबाजी फिर से पहली पारी जैसी ही रही। कोई भी भारतीय बल्लेबाज ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी आक्रमण का डटकर सामना नहीं कर पाया और अपना विकेट गंवाता रहा। पहली पारी में जहां पूरी भारतीय टीम 105 रनों पर सिमट गई थी तो वहीं अब दूसरी पारी में टीम इंडिया ने पहली पारी से दो रन ज्यादा स्कोर किए और 107 रनों पर ऑल आउट हो गई। 19 मैचों से अपराजय होने का भारतीय टीम का सिलसिला ऑस्ट्रेलिया ने एक बड़े रनों के अंतर से तोड़ दिया था। भारत के लिए ये हार बेहद ही शर्मनाक रही। ऑस्ट्रेलिया ने इस टेस्ट मैच को 333 रनों के बड़े अंतर से जीता। इस मैच में नैथन लॉयन और स्टीव ओ'कीफ की गेंदबाजी भारतीय टीम के लिए घातक साबित हुई। बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज स्टीव ओ'कीफ ने इस मैच में शानदार गेंदबाजी करते हुए 12 विकेट झटके, जिसके कारण उन्हें मैन ऑफ द मैच भी चुना गया।19 मैचों से अपराजेय भारतीय टीम के लिए ये हार साल 2017 के शुरुआत में काफी बड़ी रही।
#3 पाकिस्तान ने भारत को 180 रनों से हराया
मैच: लंदन में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल, जून 2017साल 2017 में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का टूर्नामेंट काफी खास रहा। इस टूर्नामेंट में क्रिकेट की टॉप 8 टीमों ने हिस्सा लिया। ये टूर्नामेंट इंग्लैंड में खेला गया, भारतीय टीम शुरू से ही इस टूर्नामेंट की पसंदीदा टीमों में से एक थी। अपने शानदार बल्लेबाजी और गेंदबाजी के दम पर विराट कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम ने इस टूर्नामेंट के फाइनल तक का सफर तय किया। हालांकि फाइनल मैच में वो हुआ जिसका किसी को भी अंदाजा तक नहीं थी। भारतीय टीम ने इस टूर्नामेंट के शुरुआती मैचों में जबरदस्त प्रदर्शन किया था और फाइनल मैच तक का सफर तय किया था। वहीं पाकिस्तान की टीम ने भी इस टूर्नामेंट में फाइनल तक का सफर तय किया था। पाकिस्तान की टीम जैसे-तैसे करके इस टूर्नामेंट के फाइनल तक पहुंचने में कामयाब हो पाई थी। हालांकि पाकिस्तान की टीम ने सेमीफाइनल मुकाबले में इंग्लैंड की टीम को हराकर शानदार तरीके से फाइनल में एंट्री मारी थी। भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच हमेशा से जोश और जुनून से भरा रहता है। इस बार भी वो जोश दोनों देशों के बीच फाइनल मुकाबले के लिए देखने को मिला। इस टूर्नामेंट में फाइनल मुकाबले से पहले भी भारत और पाकिस्तान के बीच भिडंत हुई थी, जिसमें भारतीय टीम ने पाकिस्तान को धूल चला दी थी। इसके बाद फाइनल मुकाबले में एक बार फिर भारत और पाकिस्तान आमने-सामने थे। इस मैच में भारतीय टीम की फॉर्म देखते हुए भारत की जीत पक्की लग रही थी। लेकिन पाकिस्तान की टीम ने अपनी शानदार गेंदबाजी के दम पर भारत की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले के लिए भारतीय टीम की ओर से विराट कोहली ने टॉस जीता और पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया। फाइनल मैच में भारतीय गेंदबाजी में वो दम नहीं दिखा जो पहले के मैचों में थे। भारतीय गेंदबाज पाकिस्तानी बल्लेबाजी के आगे बेदम नजर आए और पाकिस्तान के विकेट झटकने में नाकाम साबित हुए। वहीं पाकिस्तानी बल्लेबाज जमकर रन बरसाए जा रहे थे। इस मैच में जसप्रीत बुमराह की फेंकी गई एक नो बॉल मैच का टर्निंग प्वॉइंट साबित हुई। पाकिस्तान के सलामी बल्लेबाज फखर जमान जब 3 रनों के स्कोर पर खेल रहे थे तो उनका कैच लपक लिया गया लेकिन जसप्रीत बुमराह के जरिए फेंकी गई वो बॉल नो बॉल थी, जिसके चलते फखर जमान नॉट आउट करार दिए गए। बस यहीं से टीम इंडिया के लिए मुश्किलें शुरू हो गई क्योंकि इस मैच में पाकिस्तान की ओर से फखर जमान ने मैच जिताऊ शतक ठोक डाला। पाकिस्तान ने फाइनल मैच में भारत के सामने 339 रनों का विशाल लक्ष्य रखा था। लेकिन भारतीय टीम इस लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाई और हार गई। पाकिस्तान की ओर से मोहम्मद आमिर ने शानदार गेंदबाजी करते हुए भारत के टॉप तीन बल्लेबाज रोहित शर्मा, शिखर धवन और विराट कोहली को चलता किया। इसके बाद कोई भी भारतीय बल्लेबाज पाकिस्तानी गेंदबाजी के आगे टिक नहीं पाया और अपना विकेट गंवाता चला गया। हालांकि इस मैच में भारतीय बल्लेबाजी में हार्दिक पांड्या ने जरूर एक बार टीम की जीत की उम्मीदें जगाई, लेकिन हार्दिक पांड्या को दूसरे छोर से साथ नहीं मिला और वो रन आउट हो गए। आखिर में फाइनल मैच में भारतीय टीम 158 रनों पर ही ऑल ऑउट हो गई। जिसके कारण भारतीय टीम को 180 रनों से मुकाबले में पाकिस्तान के हाथों हार का सामना करना पड़ा। पाकिस्तान ने फाइनल मुकाबले जीत कर आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी अपने नाम की।
#4 ज़िम्बाब्वे ने श्रीलंका को 6 विकेट से हराया
मैच: पहला एकदिवसीय, गाले में जिम्बाब्वे का श्रीलंका दौरा, जून 2017साल 2017 में जिम्बाब्वे और श्रीलंका के बीच श्रीलंका में 5 एकदिवसीय मैचों की सीरीज खेली गई। इस सीरीज में जिम्बाब्वे की जीत को लेकर किसी तरह की कोई उम्मीद नहीं थी। लेकिन सबकि उम्मीदों पर पानी फेरते हुए जिम्बाब्वे ने इस सीरीज को 3-2 से अपने नाम किया। इस सीरीज के पहले एकदिवसीय मुकाबले में श्रीलंका ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। पहले बल्लेबाजी करते हुए श्रीलंकाई बल्लेबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया और जिम्बाब्वे के गेंदबाजों की जमकर खबर ली। श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए जिम्बाब्वे के सामने 5 विकेट के नुकसान पर 316 रनों का स्कोर खड़ा कर दिया। इसके साथ ही जिम्बाब्वे के सामने 317 रनों का जीता का लक्ष्य रखा। श्रीलंका की तरफ से शानदार बल्लेबाजी करते हुए कुसल मेंडिस ने 80 गेंदों में 86 रनों की पारी खेली। वहीं उपल थरंगा ने 73 गेंदों में नाबाद 79 रनों की पारी खेली। 300+ का स्कोर खड़ा करने के बाद श्रीलंकाई टीम मजबूत स्थिति में दिखाई दे रही थी। 317 रनों के लक्ष्य के जवाब में जिम्बाब्वे के टीम को शुरुआती झटके जल्द ही लग गए। जिम्बाब्वे की टीम को 12 रनों पर पहला और 46 रनों पर दूसरा झटका लगा, लेकिन सलामी बल्लेबाज सोलोमन मीर की बल्लेबाजी के आगे श्रीलंकाई गेंदबाजों की एक न चली। श्रीलंका के गेंदबाज जिम्बाब्वे जैसी टीम के बल्लेबाजों के आगे नाकाम साबित हो रहे थे और जिम्बाब्वे के बल्लेबाज श्रीलंकाई टीम के गेंदबाजों की गेंदों पर दनादन रन स्कोर कर रहे थे। जिम्बाब्वे की ओर से सोलोमन मियन ने 112 रनों की शतकीय पारी खेली। इसके अलावा सीन विलियम्स के 65 रन और सिकंदर रजा के 67 रनों की बदौलत जिम्बाब्वे की टीम ने 47.4 ओवर में 4 विकेट के नुकसान पर ही 322 रन बना डाले और 300+ रनों के लक्ष्य को आसानी से हासिल कर मैच में जीत दर्ज की। इसके साथ ही इस मैच में श्रीलंका को 6 विकटों से हार का सामना करना पड़ा।
# 5 श्रीलंका ने भारत को 7 विकेट से हराया
मैच: पहला एकदिवसीय, धर्मशाला में श्रीलंका का भारत दौरा, दिसंबर 2017साल 2017 में भारत और श्रीलंका के बीच वनडे सीरीज खेली गई। वनडे सीरीज से पहले भारत तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में 1-0 से श्रीलंका को हरा चुका था और वनडे सीरीज में भी भारतीय टीम काफी मजबूत थी। श्रीलंका के खिलाफ खेली गई वनडे सीरीज का पहला मुकाबला धर्मशाला में खेला गया। हालांकि ये वनडे मुकाबला भारत के लिए काफी भयानक साबित होने वाला था। इस मुकाबले में श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया और भारत को पहले बल्लेबाजी करने के लिए आमंत्रित किया। भारतीय टीम का अभी खाता भी नहीं खुला था कि भारत का दूसरे ओवर की अंतिम गेंद पर ही पहला झटका लग गया। पहला विकेट जाने के बाद तो मानो भारतीय टीम के बल्लेबाजों की पैवेलियन वापस लौटने की झड़ी ही लग गई। श्रीलंकाई गेंदबाजी के आगे महेंद्र सिंह धोनी ने टीम की लाज रख ली वरना भारत के लिए 50 रनों का स्कोर पार करना भी मुश्किल हो रहा था। इस मुकाबले में भारत के 7 विकेट 16.4 ओवर में महज 29 रनों के स्कोर पर ही गिर गए थे। भारतीय टीम की ओर से महेंद्र सिंह धोनी ने सबसे ज्यादा 87 गेंदों में 65 रनों की पारी खेली। वहीं पूरी टीम 112 रनों पर ऑल ऑउट हो गई। भारतीय टीम में से 4 बल्लेबाज बिना खाता खोले पैवेलियन वापस लौटे। श्रीलंका ने इस मुकाबले को 3 विके खोकर 20.4 ओवर में 114 रन बनाकर जीत लिए। श्रीलंका की ओर से इस मैच में सुरंगा लकमल ने 10 ओवर में 13 रन देकर 4 विकेट अपने नाम किए। साल 2017 की ये हार भी काफी बड़ी रही। लेखक: विपुल गुप्ता अनुवादक: हिमांशु कोठारी