#2 ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 333 रनों से हराया
अपने घरेलू मैदान में खेलना कई मायनों में अहम होता है। घरेलू मैदानों की परिस्थिति से टीम पूरी तरह से वाकिफ रहती है। साल 2017 के शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच टेस्ट सीरीज खेली गई। इस सीरीज से पहले भारत लगातार 19 टेस्ट मैचों से अपराजय था। विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया इस सीरीज के लिए सबकी पसंदीदा थी, लेकिन अब टीम इंडिया का ये 19 मैचों से चला आ रहा अपराजय का सिलसिला टूटने वाला था। ऑस्ट्रेलिया और भारत दोनों मजबूत टीमें पहले टेस्ट मैच के लिए पुणे के मैदान पर आमने-सामने थीं। ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में कुछ खास रन स्कोर नहीं किए। पहली पारी में ऑस्ट्रेलियाई टीम 260 रन ही बना पाई। इस पारी में ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज रेनशॉ ने सबसे ज्यादा 156 गेंदों में 68 रनों की पारी खेली। ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी में बनाए 260 रनों के जवाब में भारतीय टीम को उम्मीद थी कि वो इन रनों पर बढ़त हासिल कर लेगी। पिछले 19 मैचों से चले आ रहे अपराजय अभियान को देखते हुए हर कोई सोच रहा था कि भारत ऑस्ट्रेलिया पर आसानी से बढ़त बना लेगा, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। भारतीय टीम ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के आगे अपनी पारी में 100 रन का स्कोर भी मुश्किल से पार कर पाई। ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी में बनाए 260 रनों के जवाब में बल्लेबाजी करने आई भारतीय टीम ने सधी हुई शुरुआत की। लेकिन धीरे-धीरे मैच में भारतीय टीम के विकेट गिरते चले गए और मैच ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में जाता रहा। कोई भी भारतीय बल्लेबाज ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी के आगे टिक नहीं पाया और अपना विकेट गंवाता चला गया। टीम इंडिया की बल्लेबाजी से ऐसा बिल्कुल भी नहीं लग रहा था कि यही वो भारतीय टीम है जो पिछले 19 मैचों से अपराजय चली आ रही है। इस पारी में भारतीय बल्लेबाज लोकेश राहुल का विकेट गिरना टर्निंग प्वॉइंट साबित हुआ। पहले 33 ओवर तक टीम के चार विकेट 94 रनों पर ही गिर गए थे। इसके बाद 105 रनों के स्कोर पर पूरी भारतीय टीम ही पहली पारी में सिमट गई है। 19 मैचों से अपराजय भारतीय टीम के लिए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने घरेलू मैदान पर ही इतने कम स्कोर पर ऑल आउट हो जाना काफी शर्मनाक था। इसके बाद दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलियाई टीम को भारतीय टीम 285 रनों पर रोकने में कामयाब रही। आर अश्विन और जडेजा की गेंदबाजी ने भारतीय टीम को जल्दी विकेट दिलाने में मदद की। इस पहले टेस्ट मैच का अभी तीसरा दिन भी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ था कि ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी खत्म हो चुकी थी और भारतीय टीम को जीत के लिए 441 रनों का लक्ष्य मिला था। इस मैच का अभी दो से भी ज्यादा दिन का खेल बाकी था और भारतीय टीम की पहली पारी में बल्लेबाजी देखते हुए 441 रनों का लक्ष्य काफी ज्यादा दिखाई दे रहे था। दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने आई भारतीय टीम की बल्लेबाजी फिर से पहली पारी जैसी ही रही। कोई भी भारतीय बल्लेबाज ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी आक्रमण का डटकर सामना नहीं कर पाया और अपना विकेट गंवाता रहा। पहली पारी में जहां पूरी भारतीय टीम 105 रनों पर सिमट गई थी तो वहीं अब दूसरी पारी में टीम इंडिया ने पहली पारी से दो रन ज्यादा स्कोर किए और 107 रनों पर ऑल आउट हो गई। 19 मैचों से अपराजय होने का भारतीय टीम का सिलसिला ऑस्ट्रेलिया ने एक बड़े रनों के अंतर से तोड़ दिया था। भारत के लिए ये हार बेहद ही शर्मनाक रही। ऑस्ट्रेलिया ने इस टेस्ट मैच को 333 रनों के बड़े अंतर से जीता। इस मैच में नैथन लॉयन और स्टीव ओ'कीफ की गेंदबाजी भारतीय टीम के लिए घातक साबित हुई। बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज स्टीव ओ'कीफ ने इस मैच में शानदार गेंदबाजी करते हुए 12 विकेट झटके, जिसके कारण उन्हें मैन ऑफ द मैच भी चुना गया।19 मैचों से अपराजेय भारतीय टीम के लिए ये हार साल 2017 के शुरुआत में काफी बड़ी रही।