5 शॉट जो सचिन और सहवाग एक ही अंदाज में खेलते थे

'विश्व में दो प्रकार के बल्लेबाज हैं। पहले सचिन तेंदुलकर और फिर अन्य सभी।' ज़िम्बाब्वे के पूर्व महान बल्लेबाज एंडी फ्लावर का यह बयान सचिन तेंदुलकर की बल्लेबाजी की महानता के बारे में सब बयां कर देता है और यह भी दर्शाता है कि विरोधी खेमे में 'मास्टर ब्लास्टर' की हमेशा कितनी इज्जत रही। 16 वर्ष की किशोरावस्था में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखने वाले सचिन तेंदुलकर बचपन से ही अखबारों की सुर्खियों में बस चुके थे। विनोद कांबली के साथ बचपन में शारदाआश्रम विद्यामंदिर के लिए सचिन की रिकॉर्ड साझेदारी स्वर्णिम अक्षरों में 28 वर्ष तक दर्ज रही। सचिन 12 सालों में विश्व में अपनी महान ख्याति बना चुके थे और फिर 2001 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ब्लोएमफोंटेन में वीरेंदर सहवाग ने टेस्ट पदार्पण किया। सहवाग के शॉट में सचिन के शॉट की झलक दिखती थी। सहवाग के कवर ड्राइव्स, पंच और स्क्वायर कट महान बल्लेबाज के समान लगते थे। वीरू बता भी चुके हैं कि वह बचपन से ही सचिन के बड़े दीवाने हैं और हमेशा उनके जैसी बल्लेबाजी करना चाहते थे। आगे चलकर वीरेंदर सहवाग विश्व के विस्फोटक ओपनरों में से एक बने और सचिन तेंदुलकर के साथ उनकी जोड़ी विश्व की सर्वश्रेष्ठ सलामी जोड़ियों में से एक बनी। आज हम आपको ऐसे पांच शॉट्स के बारे में बताने जा रहे हैं जो 'मास्टर ब्लास्टर' और 'नजफगढ़ के नवाब' एक ही अंदाज में खेलते थे : #1) अपर कट sachin-upper-cut-1469897545-800 सचिन दो तरह के अपर कट खेलते थे। एक पॉइंट क्षेत्र के ऊपर से छक्के के लिए और दूसरा स्लिप के ऊपर से चौके या छक्के के लिए। 2003 विश्व कप में शोएब अख्तर की गेंद पर अपर कट आज भी प्रशंसकों की यादों में ताजा है। सचिन ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टेस्ट में ब्रेट ली और मिचेल जॉनसन को अपने अपर कट से बहुत परेशान किया। वहीं सहवाग अपना दिन होने पर किसी भी गेंदबाजी आक्रमण की धज्जियां उड़ाने में माहिर थे। वह सचिन के समान अपर कट खेलने में माहिर थे। हालांकि सचिन से जरा सा अलग लेकिन उनका अपर कट काफी कारगर था। सहवाग ने 2003 विश्व कप में वकार यूनिस की गेंद पर एक हाथ से अपर कट जमाकर छक्का जमाया था। अपने पूरे करियर में सहवाग ने अपर कट का काफी इस्तेमाल किया जो उन्हें रन बनाकर देने में कामयाब रहा। #2) कवर ड्राइव sehwag-cover-drive-1469897648-800 सचिन तेंदुलकर ने कवर ड्राइव के बलबूते अपने स्वर्णिम करियर में बहुत रन बनाए। सचिन का संतुलन और उनके पैरों का कवर ड्राइव के समय चलना और फिर बल्ले से गेंद के टकराना सभी जादुई लगता था। सचिन कवर ड्राइव खेलते समय बहुत ही कम प्रयास लगाकर बाउंड्री हासिल करते थे। सचिन को इस शॉट में परफेक्शनिस्ट माना जाता था। 2003 विश्व कप में ब्रेट ली की गेंद पर सचिन ने जो कवर ड्राइव जमाई थी, वह आज भी उनकी महानता का प्रतीक है। सहवाग भी कवर ड्राइव लगाने के उस्ताद थे। दोनों बल्लेबाजों में फर्क जरा सा यह था कि सचिन गेंद के करीब जाकर बल्ला अड़ाते थे जबकि सहवाग अपने हाथ और आंख के समन्वय से यह शॉट जमा देते थे। एक समय ऐसा भी आया था जब प्रशंसक हैरान हो जाते थे कि कवर ड्राइव सचिन ने जमाई है या फिर सहवाग ने। मगर दोनों ही बल्लेबाजों ने इस शॉट की बदौलत काफी रन बंटोरे। #3) स्क्वायर कट sehwag-square-cut-1469897716-800 सचिन तेंदुलकर हर शॉट को बड़े कलात्मक अंदाज में खेलते थे और स्क्वायर कट उनके सिग्नेचर शॉट में से एक था। अपने 24 वर्ष के अंतरराष्ट्रीय करियर में सचिन ने स्क्वायर कट की मदद से काफी रन बनाए। उनके शॉट में परफेक्शन झलकता था।जब गेंद बल्ले को छूकर जाती थी तब एक अलग ही ध्वनि कानों में पड़ती थी और पॉइंट के फील्डर के नजदीक से जब गेंद गुजरती थी तो वो नजारा देखने लायक होता था। 2011 विश्व कप में श्रीलंका के नुवान कुलसेकरा के खिलाफ सचिन ने यह शॉट खेलकर अपनी महानता को अच्छे से साबित भी किया था। वीरेंदर सहवाग भी इस शॉट को बखूबी खेलते थे। वह स्क्वायर कट खेलते वक़्त अपने हाथ और आंखों के समन्वय का शानदार इस्तेमाल करते थे। स्पिनर अगर शोर्ट लेंथ पर गेंद फेंक दे तो सहवाग स्क्वायर कट खेलने से नहीं चूकते थे और गेंद व्हिसल की आवाज बजाती हुई बाउंड्री लाइन के पार चली जाती थी। यह एक और शॉट है जो सचिन और सहवाग एक ही अंदाज में खेलते थे। #4) फ्लिक sachin-flick-1469897764-800 तेज गेंदबाज सचिन को पैड लाइन पर गेंद डालने से परहेज करना पसंद करते थे। सचिन गेंद को आसानी से स्क्वायर लेग की दिशा में बाउंड्री के लिए भेजने में माहिर थे। सचिन इस शॉट में कलाई का शानदार इस्तेमाल करते थे। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2001 में टेस्ट सीरीज में सहवाग का उदय हुआ और अपनी पहली पारी में उन्होंने फ्लिक किया जिसने सचिन की याद ताजा कर दी। सचिन भी युवा उम्र में ऐसे ही फ्लिक किया करते थे। सचिन और सहवाग दोनों ही अंतिम समय में कलाई का उपयोग करके फ्लिक जमाते थे और अधिकांश दोनों ने इस शॉट से बाउंड्री हासिल की। #5) हुक/पुल sachin-pull-1469898029-800 2003 विश्व कप से पहले इंग्लैंड के तेज गेंदबाज एंड्रयू कैडिक ने कहा था कि सचिन भी इंसान हैं और उनसे भी गलती हो सकती है, लेकिन उन्हें इस बात का शायद ही अंदाजा होगा कि मास्टर ब्लास्टर ने उनके लिए कुछ अलग ही योजना बना रखी है। कैडिक ने शोर्ट गेंद की जिसपर सचिन ने शानदार पुल खेला और गेंद किंग्समीड स्टेडियम के बाहर चली गई। अपने पूरे करियर में सचिन ने कट और पुल बेहतरीन अंदाज में खेले। वीरेंदर सहवाग भी कट और पुल शॉट खेलने में माहिर थे। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2008 में द्विपक्षीय सीरीज में सहवाग ने पॉलक के गेंद पर स्क्वायर लेग बाउंड्री के ऊपर से छक्का जमाया था। 'नजफगढ़ के नवाब' वीरेंदर सहवाग के हाथ और आंख के समन्वय ने इस शॉट को बहुत ही ख़ास बना दिया। सचिन और सहवाग में यह समानता थी कि दोनों अधिकांश शॉट एक ही अंदाज में खेलते थे। यह कहना गलत नहीं होगा कि सहवाग क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर के बड़े अनुयायी रहे हैं।