सचिन तेंदुलकर हर शॉट को बड़े कलात्मक अंदाज में खेलते थे और स्क्वायर कट उनके सिग्नेचर शॉट में से एक था। अपने 24 वर्ष के अंतरराष्ट्रीय करियर में सचिन ने स्क्वायर कट की मदद से काफी रन बनाए। उनके शॉट में परफेक्शन झलकता था।जब गेंद बल्ले को छूकर जाती थी तब एक अलग ही ध्वनि कानों में पड़ती थी और पॉइंट के फील्डर के नजदीक से जब गेंद गुजरती थी तो वो नजारा देखने लायक होता था। 2011 विश्व कप में श्रीलंका के नुवान कुलसेकरा के खिलाफ सचिन ने यह शॉट खेलकर अपनी महानता को अच्छे से साबित भी किया था। वीरेंदर सहवाग भी इस शॉट को बखूबी खेलते थे। वह स्क्वायर कट खेलते वक़्त अपने हाथ और आंखों के समन्वय का शानदार इस्तेमाल करते थे। स्पिनर अगर शोर्ट लेंथ पर गेंद फेंक दे तो सहवाग स्क्वायर कट खेलने से नहीं चूकते थे और गेंद व्हिसल की आवाज बजाती हुई बाउंड्री लाइन के पार चली जाती थी। यह एक और शॉट है जो सचिन और सहवाग एक ही अंदाज में खेलते थे।