क्रिकेट का सबसे पुराना प्रारूप होने के नाते, टेस्ट क्रिकेट में दूसरे फॉर्मेट्स की तुलना में रन रेट थोड़ा धीमा ही होता है। टी-20 क्रिकेट और वनडे क्रिकेट के दबदबे के साथ टेस्ट क्रिकेट को खेलने में भी बदलाव आया है, साथ ही में तकनीक और गेंदबाजी करने के तरीके में भी काफी बदलाव आया हैं। टेस्ट क्रिकेट मेंन5 सबसे धीमी साझेदारियों में से 3 पिछले 3 साल में ही आई हैं और उनमें से 2 में तो एबी डिविलियर्स शामिल है, जोकि लिमिटिड ओवर्स के सबसे खतरनाक बल्लेबाज़ है। यह बात दिखाता है कि टी-20 क्रिकेट ने टेस्ट क्रिकेट में साझेदारी को तेज़ करने के लिए कुछ नहीं किया है। आइये नज़र डालते हैं टेस्ट क्रिकेट में हुई अभी तक की सबसे धीमी साझेदारियों पर: # काइल एबोट और एबी डीविलियर्स- 27 रन, 177 गेंदों में (0.91) ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ, केप टाउन, 2014 में टेस्ट क्रिकेट में आपके लिए इससे ज्यादा मुश्किल आगाज नहीं हो सकता अगर आपको अपने दूसरे ही मैच में मैच को बचाने के लिए लंबे समय तक डिफ़ेंड करना हो। लेकिन काइल एबोट ने कुछ ऐसा ही किया और एबी डीविलियर्स के साथ मिलकर लगभग 30 ओवर तक बल्लेबाज़ी की और अंत में वो जेम्स पैटिंसन का शिकार बने। चौथी पारी में साउथ अफ्रीका को जीतने के लिए 511 रनों की दरकार थी और रायन हैरिस और मिचेल जॉनसन के सामने यह काम कभी भी आसान नहीं होने वाला था। यह काम घरेलू टीम के लिए और और मुश्किल तब हो गया, जब उनका ऊपरी क्रम सस्ते में आउट हो गया और टीम का स्कोर 68-4 विकेट हो गया। तभी मैदान में आए एबोट। अपना दूसरा मैच ही खेल रहे एबोट ने मैदान में अपने पैर जमाए और एबी डीविलियर्स के साथ मिलकर लगभग 30 ओवर तक साउथ अफ्रीकन टीम को और कोई झटका नहीं लगने दिया। उन्होंने उस साझेदारी में सिर्फ 27 रन ही जोड़े, वो भी 0.91 के रन रेट से। # एलिस्टर कैंपबेल और हीथ स्ट्रीक- 14 रन, 100 गेंदों में (0.84) न्यूज़ीलैंड के खिलाफ, बुलवायो, 2000 में साल 2000 में जब न्यूज़ीलैंड टीम ने ज़िम्बाब्वे का दौरा किया और पहले टेस्ट में टीम की शुरुआत इतनी अच्छी नहीं रही। पहली पारी में एलिस्टर कैंपबैल और हीथ स्ट्रीक के अर्धशतकों की मदद से टीम ने 350 रन बनाए और उसके बाद पॉल स्ट्रैंग के 8 विकटों की मदद से ज़िम्बाब्वे को पहली पारी में लीड दिलवाई। हालांकि दूसरी पारी में ज़िम्बाब्वे के पारी लड़खड़ा गई और वो तो भला हो पहली पारी की लीड का वो दूसरी पारी में उन्हें बस खतरनाक साबित हो रहे कीवी गेंदबाज के सामने बस डिफ़ेंड किया। जब स्ट्रीक बल्लेबाज़ी करने आए, तब टीम का स्कोर 86 रन था और टीम ने अपने 5 विकेट गवां दिए थे। जब कैंपबैल का विकेट गिरा, तबतक टीम ने सिर्फ 14 रन ही जोड़े थे, वो दोनों मैदान में 15 ओवर्स तक ज्यादा देर तक खड़े थे। उनकी साझेदारी का रनरेट सिर्फ 0.84 का ही रहा और वो टीम का स्कोर आगे ले जाने के लिए काफी नहीं था और घरेलू टीम महज 119 रन पर ऑल आउट हो गई और न्यूज़ीलैंड की टीम 7 विकेट से यह मैच जीत गई। # मार्क रिचर्डसन और क्रिस हैरिस - 16 रन, 125 गेंदों में (0.76 ) वेस्ट इंडीज के खिलाफ, सेंट जॉर्ज, 2002में जितनी भी पार्टनरशिप इस लिस्ट में शामिल है, उनमें से यह सिर्फ इकलौती ऐसी पार्टनरशिप थी, जिसमें टीम मैच नहीं हारी। इसका पूरा श्रेय मार्क रिचर्डसन और क्रिस हैरिस को जाता हैं, जिन्होंने बाकी बल्लेबाजों की मदद से मैच को बचाया। पहली पारी में 375 रन बनाने के बाद भी टीम लीड में ना आ सकी, जिसका कारण क्रिस गेल का शानदार दोहरा शतक था। मैच के चौथे दिन मेहमान टीम के पास सिर्फ 2 ही विकल्प थे, या तो तेज़ रन बनाने का नहीं तो लंबे समय तक बल्लेबाज़ी करकर मैच को ड्रॉ करने का। मेहमान टीम ने दूसरा विकल्प चुना और उसका बेहतर नमूना पेश किया रिचर्डसन और हैरिस की साझेदारी ने। जब हैरिस बल्लेबाज़ी करने आए, तो टीम ने 63 ओवर में 132 रन बनाए थे। जब रिचर्डन 71 रन बनाकर आउट हुए, तो उस साझेदारी ने सिर्फ 16 रन ही जोड़े थे, जबकि इनकी साझेदारी 20 ओवर से ज्यादा चली। उनकी पार्टनरशिप महज 0.76 के रन रेट से चली। अंत में न्यूज़ीलैंड ने 131 ओवर में 256 रन बनाए और वो भी सिर्फ 5 विकेट के नुकसान पर। महमान टीम यह मैच ड्रॉ कराने में कामयाब रही। # हाशिम अमला और एबी डीविलियर्स- 27 रन, 253 गेंदों में(0.64) भारत के खिलाफ दिल्ली में, 2015 में पूरी सीरीज में साउथ अफ्रीका की टीम स्पिनर के खिलाफ संघर्ष करती नज़र आई और आखिरी टेस्ट में टीम एक प्लैन के साथ उतरी। पहली पारी में बड़ा स्कोर बनवाने के बाद मेहमान टीम पहली पारी में सिर्फ 121 रन पर ऑल आउट हो गई। दूसरी पारी में सारा दबाव साउथ अफ्रीकन टीम पर था। अजिंक्य रहाणे के मैच में दो शतकों की मदद से इंडिया ने मेहमान टीम के सामने 481 रनों का लक्ष्य रखा, वो भी दिल्ली की धीमी विकेट पर। जवाबी हमले में साउथ अफ्रीका की टीम ने सिर्फ डिफ़ेंड करने का फ़ैसला किया। जब एबी डीविलियर्स और हाशिम अमला मैदान में मौजूद थे, तो उन्होंने 43 ओवर में 49 रन बनाए। लिमिटिड ओवर्स में अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ी के लिए मशहूर डीविलियर्स ने दूसरी पारी में सिर्फ डिफेंस करकर मैच को ड्रॉ कराने का फ़ैसला किया। उन दोनों ने चौथे दिन और लगभग मैच के पांचवें दिन अमला के साथ मिलकर टीम को हार से बचाने की कोशिश की। उन दोनों ने 253 गेंदों में महज 27 रन बनाए, उस बीच 0.64 का रन रेट था। अमला के आउट होने के बाद साउथ अफ्रीका की टीम ज्यादा देर तक मैदान में नहीं टिक सकी और मैच हार गई। हालांकि यह टेस्ट में सबसे धीमी साझेदारी थी, जिसे हाल ही में ऑस्ट्रेलिया ने श्रीलंका के खिलाफ तोड़ा। # पीटर नेविल और स्टीव ओ'कीफ- 4 रन, 178 गेंदों में (0.16) श्रीलंका के खिलाफ पल्लेकेले, 2016 में पहले टेस्ट के अंतिम दिन ऑस्ट्रेलिया को जीतने के लिए 200 रन चाहिए थे और उनके हाथ में 7 विकेट शेष थे। लेकिन उनका टॉप ऑर्डर लंच से पहले ढेर हो गया और एक समय टीम ने 141 रन पर ही 7 विकेट गवां दिए थे और उन्हें अभी भी 127 रनों की दरकार थी, जबकि उनके पास सिर्फ 3 विकेट ही बचे थे। लंच के बाद जब नाथन लायन जल्दी आउट हो गए, इसका मतलब था कि चोट से जूझ रहे स्टीव ओ'कीफ को मैदान में आना पड़ेगा। वो साझेदारी लगभग 30 ओवर तक चली और उसमें सिर्फ एक चौका ही मारा गया, वो भी ओ'कीफ के बल्ले से आया। 178 गेंदों तक चली साझेदारी एक रिकॉर्ड ब्रेकिंग साझेदारी बनी, लेकिन यह एक ऐसा रिकॉर्ड था, जिसे ऑस्ट्रेलियन टीम कभी पाना नहीं चाहती होगी। नेविल ने उस साझेदारी में एक रन भी नहीं बनाया और उन दोनों ने टेस्ट क्रिकेट में सबसे धीमी साझेदारी का रिकॉर्ड बनाया। यह इकलौती ऐसी साझेदारी है, जिसका रन रेट 0.50 से कम रहा और आने वाले कई सालों तक यह रिकॉर्ड टूटने वाला नहीं हैं। हालांकि वो दोनों टीम को हारने ने नहीं बचा पाए।