साल 2000 में जब न्यूज़ीलैंड टीम ने ज़िम्बाब्वे का दौरा किया और पहले टेस्ट में टीम की शुरुआत इतनी अच्छी नहीं रही। पहली पारी में एलिस्टर कैंपबैल और हीथ स्ट्रीक के अर्धशतकों की मदद से टीम ने 350 रन बनाए और उसके बाद पॉल स्ट्रैंग के 8 विकटों की मदद से ज़िम्बाब्वे को पहली पारी में लीड दिलवाई। हालांकि दूसरी पारी में ज़िम्बाब्वे के पारी लड़खड़ा गई और वो तो भला हो पहली पारी की लीड का वो दूसरी पारी में उन्हें बस खतरनाक साबित हो रहे कीवी गेंदबाज के सामने बस डिफ़ेंड किया। जब स्ट्रीक बल्लेबाज़ी करने आए, तब टीम का स्कोर 86 रन था और टीम ने अपने 5 विकेट गवां दिए थे। जब कैंपबैल का विकेट गिरा, तबतक टीम ने सिर्फ 14 रन ही जोड़े थे, वो दोनों मैदान में 15 ओवर्स तक ज्यादा देर तक खड़े थे। उनकी साझेदारी का रनरेट सिर्फ 0.84 का ही रहा और वो टीम का स्कोर आगे ले जाने के लिए काफी नहीं था और घरेलू टीम महज 119 रन पर ऑल आउट हो गई और न्यूज़ीलैंड की टीम 7 विकेट से यह मैच जीत गई।