भारत में क्रिकेट और थोड़ा बहुत फुटबॉल के अलावा बाकी खेलों को वह सम्मान नहीं मिला जो मिलना चाहिए था। इसके अलावा खेलों को लेकर हमारे अभिभावक भी उतना ध्यान नहीं देते थे। जितना पढ़ाई को लेकर कहा करते हैं। ऐसे में इन विपरीत परिस्थितियों को पार करते हुए जब कोई खिलाड़ी देश का नाम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रोशन करता है। तो ये खासी बड़ी उपलब्धि बन जाती है। भारत में कई तरह के खेल खेले जाते हैं। जिसमें कई खेलों में हमारे खिलाड़ी दुनिया में शीर्ष स्थान कर चुके हैं। टॉप रैंक का खिलाड़ी बनने के लिए इन खिलाड़ियों ने काफी मेहनत की है। हालांकि दुनिया में नम्बर एक खिलाड़ी बनने का सपना हर खिलाड़ी का होता है। आज हम इस लेख के जरिये आपको ऐसे ही 5 खेलों के बारे में बता रहे हैं, जहां हमारे खिलाड़ी नम्बर एक हैं: सिरिल वर्मा (बैडमिंटन-पुरुष जूनियर) भारत के यव शटलर सिरिल वर्मा मौजूदा समय में पुरुषों के जूनियर स्पर्धा में दुनिया के नम्बर एक खिलाड़ी हैं। 16 बरस के वर्मा पहली बार जनवरी में शीर्ष स्थान पर काबिज हुए थे। जहां उन्होंने साल 2015 में विश्व जूनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप जीतकर ये स्थान हासिल किया था। शीर्ष स्थान हासिल करने बाद सिरिल ने कहा, “मैं बहुत खुश हूँ, लेकिन मेरा उद्देश्य सीनियर केटेगरी में भी नम्बर बनने का है।” हालांकि पुलेला गोपीचंद के देखरेख में ट्रेनिंग लेने वाले सिरिल जल्द ही दूसरे स्थान पर खिसक गये थे। लेकिन रूस ग्रैंड प्रिक्स 2016 के फाइनल तक का सफर तय करके दोबारा से शीर्ष स्थान हासिल कर लिया। मारियप्पन थान्गावेलु (पैराओलम्पिक ऊँची कूद) मरिय्प्प्न थान्गावेलु ने रियो पैराओलम्पिक खेलों में भारत को गर्व करने का मौका दिया। उन्होंने इसी साल की शुरुआत में सीनियर लेवल पर खेलना शुरू किया था। 20 बरस के पैराओलम्पिक स्वर्ण पदक विजेता ने 1.89 मीटर की छलांग लगाकर सोना जीता था। शीर्ष रैंक हासिल करना थान्गावेलु के लिए आसान नहीं था। 5 साल की उम्र में उन्हें एक भयावह दुर्घटना में अपना दायां पैर गवाना पड़ा था। लेकिन इस युवा खिलाड़ी ने सभी परिस्थितियों को को झेलते हुए आईपीसी वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप, दुबई में सोना जीतकर नम्बर एक रैंकिग पा ली थी। रियो में सोना जीतने के बाद मरिय्प्प्न ने कहा, “मैं भले ही नम्बर एक हूँ, लेकिन मेरे घर में चीजें अच्छी नहीं हैं। मेरी माँ आज भी मेरा कर्जा उतार रही हैं। क्योंकि मैं कम कमा पाता हूँ। लेकिन जिन्दगी कब ऊँची छलांग लगा दे इसकी कोई गारंटी नहीं है?” सानिया मिर्जा (टेनिस-महिला डबल्स) भारतीय टेनिस सनसनी सानिया मिर्जा ने हाल ही में महिला डबल्स में नम्बर एक रैंकिंग के 80 हफ्ते पूरे किये। सानिया मिर्जा अप्रैल 2015 में नम्बर एक पर काबिज हुई थीं। फैमिली सर्किल कप जीतने के बाद पहली बार सानिया 2015 में महिला डबल्स की रैंकिंग में शीर्ष पर आयीं थीं। उसके बाद उनकी स्विस जोड़ीदार मार्टिना हिंगिस ने लगातार 3 ग्रैंडस्लैम जीते। जिसमें विंबलडन 2015, यूएस ओपन 2015 और ऑस्ट्रेलियन ओपन 2016 शामिल था। सानिया ने अपनी इस उपलब्धि पर कहा, “हम सभी खिलाड़ियों का सपना होता है कि हम शीर्ष स्थान पर काबिज हों, मेरे लिए फैमली सर्किल कप जीतना काफी अहम था। क्योंकि मैं यहीं से नम्बर एक खिलाड़ी बनी।” कबड्डी भारतीय महिला और पुरुष दोनों टीम कबड्डी में नम्बर के पर हैं। जिससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कबड्डी के हम आज भी बादशाह हैं। हाल ही में भारतीय पुरुष कबड्डी टीम ने लगातार 7वीं बार विश्वकप पर कब्जा किया। वास्तव में भारत ने इस खेल में दुनिया भर में अपना डंका बजाय है। एशियाई और दक्षिण एशियाई खेलों में कभी भी पुरुष और महिला टीम खाली हाथ नहीं लौटे हैं। हर बार दोनों टीमों ने सोना जीता है। यद्यपि कबड्डी का खेल ओलम्पिक में नहीं शामिल है। जबकि ये खेल 75 देशों में खेला जाता है। लेकिन भारत के इर्द-गिर्द कोई भी देश नहीं टिकता है। क्रिकेट क्रिकेट भारत में सबसे ज्यादा लोकप्रिय खेल है। जिसमें भारत नम्बर एक है। टेस्ट में पुरुष भारतीय टीम इस वक्त नम्बर एक है। साथ ही आर आश्विन शीर्ष रैंक के गेंदबाज़ हैं। जबकि टी-20 में विराट कोहली शीर्ष रैंक के खिलाड़ी हैं। वहीं महिला क्रिकेट में झूलन गोस्वामी वनडे की शीर्ष रैंक की गेंदबाज़ हैं। न्यूज़ीलैंड को दूसरे टेस्ट में हराने के बाद टीम इंडिया नम्बर एक बनी है। वहीं पाकिस्तान दूसरे नम्बर पर काबिज जो हाल ही में कीवी टीम से हार रही है। मौजूदा समय में कप्तान विराट कोहली और आलराउंडर आर आश्विन जबर्दस्त फॉर्म में हैं। ये दोनों खिलाड़ी सभी फॉर्मेट में भारत के लिए लगातार अच्छा खेल रहे हैं। वहीं महिला टीम की पूर्व कप्तान झूलन गोस्वामी वनडे में तीसरी बार नम्बर एक की खिलाड़ी बनी हैं।