मरिय्प्प्न थान्गावेलु ने रियो पैराओलम्पिक खेलों में भारत को गर्व करने का मौका दिया। उन्होंने इसी साल की शुरुआत में सीनियर लेवल पर खेलना शुरू किया था। 20 बरस के पैराओलम्पिक स्वर्ण पदक विजेता ने 1.89 मीटर की छलांग लगाकर सोना जीता था। शीर्ष रैंक हासिल करना थान्गावेलु के लिए आसान नहीं था। 5 साल की उम्र में उन्हें एक भयावह दुर्घटना में अपना दायां पैर गवाना पड़ा था। लेकिन इस युवा खिलाड़ी ने सभी परिस्थितियों को को झेलते हुए आईपीसी वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप, दुबई में सोना जीतकर नम्बर एक रैंकिग पा ली थी। रियो में सोना जीतने के बाद मरिय्प्प्न ने कहा, “मैं भले ही नम्बर एक हूँ, लेकिन मेरे घर में चीजें अच्छी नहीं हैं। मेरी माँ आज भी मेरा कर्जा उतार रही हैं। क्योंकि मैं कम कमा पाता हूँ। लेकिन जिन्दगी कब ऊँची छलांग लगा दे इसकी कोई गारंटी नहीं है?”