INDvSL: वनडे सीरीज़ में इन 5 खिलाड़ियों ने जमाई धाक

ROHIT

हाल ही में भारत और श्रीलंका के बीच सम्पन्न हुई तीन मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला में मेजबान टीम ने 2-1 से मेहमान टीम को हराकर लगातार 8वीं द्विपक्षीय एकदिवसीय श्रृंखला जीत ली है। विराट कोहली की अनुपस्थिति में कप्तान रोहित शर्मा ने टीम को 0-1 से पिछड़ने के बाद सीरीज में जीत दिला दी। टीम इंडिया के लिए ट्रॉफी जीतना आसान नहीं था क्योंकि भारत ने श्रीलंका के हाथों धर्मशाला में खेला गया पहला एकदिवसीय मैच गंवा दिया था। लेकिन टीम इंडिया ने जोरदार वापसी की और 141 रन से मोहाली में खेला गया दूसरा एकदिवसीय मैच जीत लिया। संपूर्ण ऑलराउंड प्रदर्शन की बदौलत भारतीय टीम ने विशाखापट्नम में खेले गये श्रृंखला के निर्णायक मैच में श्रीलंका को हराया और सीरीज 2-1 से जीती। श्रृंखला में बल्ले और गेंद दोनों के साथ बहुत ही शानदार प्रदर्शन देखने को मिले थे। यहां हम 5 खिलाड़ियों की बात करेंगे जो श्रृंखला में बाकी खिलाड़ियों से आगे रहे:

रोहित शर्मा

रो "हिटमैन" शर्मा ने टेस्ट सीरीज से एकदिवसीय श्रृंखला में भी अपने शानदार फॉर्म को बरकरार रखा और मोहाली वनडे में जो दिखा वह तो चमत्कार से कम नहीं था। रोहित की बल्लेबाजी धर्मशाला वनडे में कुछ खास नहीं रही थी जहां उन्होंने सिर्फ 2 रन बनाये और फिर उन्होंने अपना विकेट सुरंगा लकमल के हाथों गंवा दिया लेकिन मोहाली में खेले गए दूसरे एकदिवसीय मैच में उन्होंने दोहरा शतक लगाकर अपने आलोचकों को जोरदार जवाब दिया। उन्होंने 86.95 की स्ट्राइक रेट से पारी के 40वें ओवर में सौ रन का स्कोर हासिल किया था। लेकिन कप्तान ने अपना गियर बदलने में देर नहीं लगायी, जल्द ही रोहित ने चौकों और छक्कों की बरसात करते हुए अपना दोहरा शतक भी पूरा कर लिया, अगले 100 रन उन्होंने सिर्फ 36 गेंद में 277.77 की स्ट्राइक रेट के साथ लगा डाला। पारी की समाप्ति तक रोहित 153 गेदों में 208 रन बनाकर नाबाद रहे, रोहित की पारी में 13 चौके और 12 छक्के शामिल थे। रोहित क्रिकेट के इतिहास में पहले ऐसे बल्लेबाज बन गये हैं जिसके नाम तीन एकदिवसीय दोहरे शतक हैं। रोहित ने इस सीरीज़ में 3 पारियों में 120.56 की औसत से 217 रन बनाकर टॉप स्कोरर के रुप में सीरीज समाप्त की।

यजुवेन्द्र चहल

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दाएं हाथ के लेग ब्रेक गेंदबाज ने एक बार फिर वनडे सीरीज में अपनी गेंदबाजी के साथ विपक्षी टीम को जमकर परेशान किया। रनों पर नियंत्रण रखने के साथ विकेट लेने की उनकी क्षमता के कारण चहल ने पारी के मध्य ओवरों में टीम के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। धर्मशला वनडे में चहल को गेंदबाजी करने का मौका नहीं मिला लेकिन अगले दो मैचों में उन्होंने इस भारतीय टीम में अपनी योग्यता साबित कर दी। अपने अनोखे लेग ब्रेक के साथ वह मोहाली में खेले गये दूसरे वनडे में श्रीलंका के निचले मध्यक्रम को पूरी तरह धवस्त कर दिया। चहल ने श्रीलंकाई टीम के महत्वपूर्ण विकेट जैसे सदीरा समाराविक्रमा, एंजेलो मैथ्यूज और थिसारा परेरा को विशाखापट्नम वनडे में मैच के मध्य में आउट करके टीम को संभलने का कोई मौका नहीं दिया। 10 ओवर में 42 रन देकर चहल ने स्कोर बोर्ड पर मेजबानों के रनों को बढ़ने का कोई मौका नहीं दिया। चहल ने दो पारियों में 5.30 की इकॉनमी के साथ 6 विकेट लेकर सीरीज में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज के रुप में सीरीज को समाप्त किया।

उपल थरंगा

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वर्तमान श्रीलंकाई टीम में सबसे अनुभवी बल्लेबाज़ उपल थरंगा पूरी श्रृंखला में सबसे सुसंगत खिलाड़ी थे। अपने आक्रामक बल्लेबाजी के साथ थरंगा ने 3 मैचों में 50.33 के औसत से 151 रन बनाए और वह सीरीज में एंजेलो मैथ्यूज के बाद श्रीलंका के दूसरे सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज रहे। धर्मशाला वनडे में 113 रनों के छोटे स्कोर का पीछा करते हुए श्रीलंका ने पारी के चौथे ओवर में दानुस्का गुनाथिलका का विकेट गंवा दिया। लेकिन इससे थरंगा ने अपने आक्रामक दृष्टिकोण को प्रभावित नहीं होने दिया और उन्होंने 46 गेंदों में 106.52 की स्ट्राइक रेट पर 49 रन बनाये जिसमें 10 चौके शामिल थे। मोहाली में दूसरे वनडे के दौरान उन्होंने केवल 7 रन बनाये लेकिन विशाखापट्नम में निर्णायक मैच में वह मजबूती से उतरे। थरंगा ने 12 चौके और 3 छक्के के साथ 115.85 की स्ट्राइक रेट से दमदार 95 रन बनाये, फिर वह कुलदीप यादव की गेंद पर एमएस धोनी के हाथों स्टंप हो गये। हालांकि, थरंगा के श्रृंखला में लगातार अच्छे प्रदर्शन भी श्रीलंका को सीरीज जीताने के लिए पर्याप्त साबित नहीं हुए, फिर भी टीम में उनकी मौजूदगी ने श्रीलंकाई बल्लेबाजी लाइन-अप को मजबूत बनाया है।

श्रेयस अय्यर

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इस श्रृंखला में भारतीय टीम की सबसे बड़ी खोज यह 23 वर्षीय बल्लेबाज रहा है। श्रेयस अय्यर ने धर्मशाला में अपने एकदिवसीय करियर की शुरू की। विराट कोहली की अनुपस्थिति में उन्हें बल्लेबाजी लाइन-अप के सबसे अहम नंबर-3 की स्थिति को भरने के लिए कहा गया और उन्होंने निराश भी नहीं किया। अय्यर के वनडे डेब्यू की शुरुआत खराब रही क्योंकि वह 27 गेंद में सिर्फ 9 रन ही बना सके जिसमें अय्यर का स्ट्राइक रेट 33.33 का रहा फिर पारी के 14 वें ओवर में नुवान प्रदीप ने उन्हें आउट कर पैवेलियन वापस भेज दिया। लेकिन मोहाली में अगले मैच में उन्होंने बहुत मजबूत वापसी की और 125.71 की स्ट्राइक रेट के साथ शानदार 88 रन बनाए, जिसमें 9 चौके और 2 छक्के शामिल थे। विशाखापट़्नम में खेले गये निर्णायक मैच में अय्यर ने शिखर धवन के साथ दूसरे विकेट के लिए 118 रन जोड़े। उस मैच में अय्यर ने 8 चौके और 1 छक्के के साथ 63 गेंद में 65 रन बनाए। अय्यर ने 54 की औसत से 3मैचों में कुल 162 रनों के साथ सीरीज को समाप्त किया और वह श्रृंखला के सबसे अधिक रन बनाने के मामले में तीसरे नंबर पर रहे। अय्यर जैसे खिलाड़ी अपने करियर के शुरुआती दौर में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, ऐसा लगता है कि भारतीय क्रिकेट का भविष्य सुरक्षित हाथों में है।

शिखर धवन

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बाएं हाथ का यह भारतीय सलामी बल्लेबाज श्रृंखला में बेहतरीन रहा। 84.00 की औसत से 3 मैचों में कुल 168 रनों के साथ, धवन ने मैन ऑफ द सीरीज पुरस्कार भी अपने नाम कर गए। धर्मशाला में खेले गये पहले वनडे में धवन अपना खाता भी नहीं खोल पाये थे। लेकिन वह कहानी मोहाली वनडे में दोहराई नहीं गयी क्योंकि दूसरे वनडे में धवन ने 67 गेंदों में 9 चौकों सहित 68 रनों का महत्वपूर्ण योगदान दिया। शिखर ने रोहित के साथ मिलकर 115 रनों की ओपनिंग साझेदारी की, जिसने पारी को आगे बढ़ने के लिए मजबूत आधार रखा। विशाखापट्नम के निर्णायक मैच में 13 चौके और 2 छक्कों के साथ धवन ने नाबाद 100 रन बनाए और टीम इंडिया को घर में एक और सीरीज जितायी। विशाखापट्नम वनडे में धवन ने एक और मील का पत्थर हासिल किया, वह विराट कोहली के बाद वनडे में सबसे तेजी से 4000 रन बनाने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी बन गये। लेखक- रौनक प्रधान अनुवादक- सौम्या तिवारी

Edited by Staff Editor