आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप युवा और भविष्य के क्रिकेटर्स को एक ऐसा मंच देता है जिससे वो अपने हुनर को दुनिया के सामने पेश कर पाते हैं। क्रिकेट जगत के 4 ख़ास खिलाड़ी, विराट कोहली, जो रूट, केन विलियमसन और स्टीवन स्मिथ को इसलिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में मौक़ा मिला क्योंकि उन्होंने अंडर-19 क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया था।
2014 का अंडर-19 वर्ल्ड कप दक्षिण अफ़्रीका ने अपनी पूरी टीम की कोशिशों के जरिए जीता था। हांलाकि पूरे टूर्नामेंट में कई ऐसे खिलाड़ी थे जिन्होंने अपनी भविष्य की ज़मीन तैयार कर ली थी।
यहां हम ऐसे ही 5 स्टार खिलाड़ियों के बारे में बता रहे हैं जिनकी मेहनत 2014 के अंडर-19 वर्ल्ड कप में रंग लाई थी और आज वो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के उभरते हुए खिलाड़ी हैं।
#5 एडेन मार्क्रम (दक्षिण अफ़्रीका)
एडेन मार्क्रम दक्षिण अफ़्रीका के पहले ऐसे खिलाड़ी हैं जिनकी कप्तानी में प्रोटियाज़ टीम ने कोई वर्ल्ड कप जीता हो। 2014 के अंडर-19 वर्ल्ड कप में उनकी क़ामयाबी ने उनके भविष्य की इबारत लिख दी थी।
इस वर्ल्डकप में उन्हें मैन ऑफ़ द सीरीज़ की ट्रॉफी से भी नवाज़ा गया था क्योंकि उन्होंने 6 पारियों नें 123.33 की औसत से 370 रन बनाए थे।
मार्क्रम साउथ अफ़्रीकी क्रिकेट के कोटा सिस्टम के भी शिकार हुए क्योंकि उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आने के लिए क़रीब 3 साल का लंबा इंतज़ार करना पड़ा। फिर भी उन पर इस मुश्किल हालात का कुछ भी असर नहीं पड़ा क्योंकि वो घरेलू टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे थे।
मार्क बाउचर के मार्गदर्शन में मार्क्रम के खेल में काफ़ी निखार आया है, उन्होंने प्रथम श्रेणी और लिस्ट ए क्रिकेट दोनों में 50 से ज़्यादा की औसत से रन बनाए हैं। लगातार अच्छे प्रदर्शन की बदौलत वो जुलाई-अगस्त 2017 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ साउथ अफ़्रीका की टेस्ट टीम में शामिल किए गए।
उन्होंने ने अपना पहला टेस्ट मैच बांग्लादेश के ख़िलाफ़ खेला था, लेकिन वो शतक बनाने से महज 3 रन से चूक गए। हांलाकि उन्होंने बांग्लादेश के ख़िलाफ़ दूसरे ही टेस्ट मैच में शानदार शतकीय पारी खेली थी।
मार्क्रम को भारत के साउथ अफ़्रीकी दौरे पर आने का इंतज़ार है, मुमकिन है कि वो अपने बल्ले से कमाल दिखा पाएंगे।
#4 कुसल मेंडिस
श्रीलंका की मौजूदा टीम अपने इतिहास की परछाई है, जयवर्धने और संगाकारा के संन्यास के बाद श्रीलंकाई टीम बहुत बुरे दौर से गुज़र रही है, उनको एक नए योद्धा की ज़रुरत महसूस हो रही है। ख़ुशकिस्मती से टीम ने एक हीरे की तलाश कर ली है, वो बिलकुल युवा खिलाड़ी है उसका नाम है कुसल मेंडिस।
कुलल मेंडिस ने जब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा था तो पाल्लेकेले के मैदान में अपनी शानदार पारी की बदौलत श्रीलंका को ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ 86 रन की जीत दिलाई थी। जब श्रीलंका ने गॉल मैदान में ऑस्ट्रेलिया को महज़ 3 दिन के अंदर हरा दिया था तब भी मेंडिस मैच के सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे।
मेंडिस ने ओवल मैदान में चैंपियंस ट्रॉफ़ी में भारत के ख़िलाफ़ खेलते हुए श्रीलंका को 321 के बड़े लक्ष्य को पार करने में भी मदद की थी।
मेंडिस ने साल 2014 के अंडर-19 वर्ल्ड कप में श्रीलंका की कप्तानी की थी। हांलाकि उन्होंने इस टूर्नामेंट में कुछ ख़ास खेल नहीं दिखाया था, उन्होंने 6 पारियों में महज़ 167 रन बनाए थे। इस नाकामयाबी से मेंडिस ने हार नहीं मानी और घरेलू टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करते रहे जिसकी बदौलत वो श्रीलंका की टीम में आ सके।
#3 कुलदीप यादव (भारत)
कुलदीप यादव जब 2012 में अपना पहला अंडर-19 वर्ल्ड कप खेल रहे थे तो उनकी उम्र महज़ 17 साल थी, लेकिन उन्हें अपना जौहर दिखाने का मौका साल 2014 के अंडर-19 वर्ल्ड कप में ही मिला। कुलदीप ने इस वर्ल्ड कप में 10.28 की औसत 14 विकेट हासिल किए, यही नहीं, उन्होने स्कॉटलैंड के ख़िलाफ़ हैट्रिक भी ली थी।
कुलदीप के इसी खेल की बदौलत उन्हें 2014 में वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ सीरीज़ के दौरान टीम इंडिया में जगह मिली थी। हांलाकि इस सीरीज़ में वो प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं हो सके थे, फिर उन्होंने आईपीएल में अपना जलवा बरक़रार रखा।
कुलदीप ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय टेस्ट मैच मार्च 2017 में धर्मशाला के मैदान में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ खेला था। उन्होंने इस मौक़े का बख़ूबी फ़ायदा उठाया और पहली पारी में 4 विकेट हासिल किए।
इसके 3 महीने बाद ही उन्हें भारत के वनडे और टी-20 की टीम में जगह मिली। कुलदीप ने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ 5 मैचों की सीरीज़ में टीम इंडिया की 4-1 से जीत में अहम भूमिका निभाई थी।
वो सिर्फ़ तीसरे ऐसे भारतीय क्रिकेटर हैं जिन्होंने वनडे में हैट्रिक ली है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के मैथ्यू वेड, एश्टन एगर और पैट कमिंस को लगातर तीन गेंद पर आउट किया था।
उम्मीद के जा सकती है कि 2019 के वर्ल्ड कप में कुलदीप टीम इंडिया की शान होंगे।
#2 मुश्तफ़िज़ुर रहमान (बांग्लादेश)
मुस्तफ़िज़ुर रहमान उस वक़्त रातोरात मश्हूर हो गए थे जब अपने पहले वनडे मैच में उन्होंने टीम इंडिया की बैटिंग लाइन अप को मुश्किल में डाल दिया था। बल्लेबाज़ उनकी विविधताओं से भरी गेंदों को परख नहीं पाए और विकेट गंवा बैठे। ज़िम्बाब्वे के विटोरी के बाद रहमान दूसरे ऐसे गेंदबाज़ हैं जिन्होंने अपने पहले 2 वनडे मैच में 5-5 विकेट झटके हैं। रहमान के इसी प्रदर्शन की बदौलत बांग्लादेश ने भारत के ख़िलाफ़ पहली बार सीरीज़ में जीत हासिल की थी।
मुस्तफ़िज़ुर रहमान ने अपना दबदबा आईपीएल में भी जारी रखा और सनराइज़र्स हैदराबाद की टीम में रहते हुए शानदार खेल दिखाया। रहमान ने 22 वनडे मैचों में 44 विकेट हासिल किए हैं। वो उन चुनिंदा गेंदबाज़ो में से हैं जिनका वनडे में बल्लेबाज़ी औसत 20 से कम है।
रहमान को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में मौक़ा इसलिए मिला था क्योंकि उन्होंने 2014 के अंडर-19 वर्ल्ड कप में अच्छी गेंदबाज़ी की थी। उन्होंने 6 मैच में 18.44 की औसत से 9 विकेट हासिल किया था।
#1 कगिसो रबाडा (दक्षिण अफ़्रीका)
कागिसो रबाडा ने अपनी गेंदबाज़ी से साबित किया है कि वो दक्षिण अफ़्रीकी क्रिकेट में तेज़ गेंदबाज़ डेल स्टेन की विरासत को आगे बढ़ा सकते हैं। अंडर-19 वर्ल्ड कप में रबाडा का प्रदर्शन बेहतरीन रहा था, वो टूर्नामेंट के सबसे बढ़ियां गेंदबाज़ साबित हुए थे उन्होंने 5 मैचों में 14 विकेट हासिल किए थे। रबाडा के इसी गेंदबाज़ी की बदौलत प्रोटियाज़ टीम ने पहली बार कोई वर्ल्ड कप हासिल किया था।
रबाडा ने जल्द ही दक्षिण अफ़्रीका के राष्ट्रीय टीम में जगह बना ली। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनका खेल विश्व स्तर का है। मौजूदा दौर में वो विश्व के सबसे बेहतरीन तेज़ गेंदबाज़ हैं। रबाडा ने 22 टेस्ट मैच में 102 विकेट हासिल किए हैं उन्होंने एक टेस्ट मैच में 7 बार 5 विकेट और 3 बार 10 विकेट हासिल किए हैं। रबाडा फ़िलहाल 22 साल के हैं और इसमें कोई शक नहीं कि अगर वो इसी तरह खेल दिखाते रहे तो संन्यास के वक़्त वो एक महान खिलाड़ी बन सकते हैं।