ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ का क्रिकेट करियर कम चौंकाने वाला नहीं है। पहले वो एक लेग स्पिनर के तौर पर जाने जाते थे। पाकिस्तान के खिलाफ 'एमसीसी स्प्रिट ऑफ क्रिकेट सीरीज' से उन्होंने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की। अपने डेब्यू मैच में नंबर 8 पर बल्लेबाजी करते हुए स्टीव स्मिथ ने दोनों पारियों में 1 और 12 रन बनाए और चौथी पारी में 21 ओवर की गेंदबाजी करते हुए 4 विकेट भी झटके। इस समय वो आईसीसी टेस्ट रैकिंग में बल्लेबाजों की सूची में पहले स्थान पर हैं और ऑस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान भी हैं। इस समय उनका औसत लगभग 62 का है। इससे ज्यादा औसत केवल महान बल्लेबाज डॉन ब्रेडमैन का ही था। इस समय टेस्ट क्रिकेट में स्टीव स्मिथ सबसे दिग्गज बल्लेबाज माने जा रहे हैं। हालांकि स्मिथ के लिए शुरुआत में चीजें आसान नहीं रहीं। एक स्पिनर के तौर पर उन्होंने टीम में जगह बनाई और बाद में धीरे-धीरे बल्लेबाजी में उन्होंने खुद को स्थापित कर लिया। अपने क्रिकेट करियर में स्मिथ कुछ ऐसी बेहतरीन पारियां खेल चुके हैं जो उन्हें आईसीसी हॉल ऑफ में जगह दिलाती हैं। अगर वो इसी तरह खेलते रहे तो निश्चित ही एक दिन दुनिया के ऑल टाइम बेस्ट टेस्ट बल्लेबाजों में उनका भी नाम होगा। आंकड़ें इस बात की गवाही देते हैं, अगर हम उनकी इन 5 पारियों को देखें तो पता चलता है कि वो कितने प्रतिभाशाली बल्लेबाज हैं और क्यों वो एक दिन दुनिया के बेस्ट टेस्ट बल्लेबाज कहलाएंगें। 5. 2013 में पर्थ टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ 111 रनों की पारी ऑस्ट्रेलियाई टीम उस वक्त काफी फॉर्म में चल रही थी। एशेज सीरीज के पहले 2 मैचों में कंगारुओं ने इंग्लैंड को बुरी तरह हरा दिया। तीसरा टेस्ट पर्थ में खेला जाना था। इंग्लैंड मैच जीतकर हर हाल में सीरीज में बने रहना चाहती थी, जबकि ऑस्ट्रेलियाई टीम पर्थ में ही सीरीज अपने नाम करने के इरादे से उतरी। उस समय इंग्लैंड का तेज गेंदबाजी आक्रमण काफी खतरनाक था, ऊपर से वाका की उछालभरी पिचों पर उन्हें खेलना काफी मुश्किल काम था। शायद इसलिए ऑस्ट्रेलियाई टीम ने नई गेंद को संभलकर खेलने का फैसला किया। हालांकि काफी संभलकर खेलने के बावजूद इंग्लिश टीम ने मात्र 143 रनों पर कंगारु टीम के चोटी के 5 बल्लेबाजों को पवेलियन भेज दिया। क्रीज पर उस वक्त स्टीव स्मिथ और ब्रैड हैडिन अंतिम बल्लेबाजी जोड़ी बची थी। इंग्लिश गेंदबाजों को खेलना उस वक्त काफी मुश्किल लग रहा था लेकिन स्मिथ ने यहीं पर अपनी काबिलियत का नमूना दिखाया और संघर्षपूर्ण 111 रनों की शतकीय पारी खेली।
ये स्मिथ का मात्र 15वां टेस्ट था और उसी में उन्होंने दिखा दिया के उनके अंदर कितनी प्रतिभा है। मुश्किल परिस्थितियों में स्मिथ ने पूरे दिन बल्लेबाजी की 103 रन पर नाबाद रहे। हैडिन के बाद स्मिथ ने मिचेल जॉनसन के साथ मिलकर अच्छी साझेदारी की। इससे ऑस्ट्रेलियाई टीम का स्कोर 350 के पार हो गया और अंत में कंगारु टीम ने मैच अपने नाम कर लिया। 4. 2015 में लॉर्ड्स टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ 215 रनों की पारी इसी मैदान से स्टीव स्मिथ ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की थी। उस समय उन्होंने नंबर 8 पर बल्लेबाजी की थी लेकिन इस बार वो नंबर 3 के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज थे और कप्तानी की रेस में भी थे। घर के बाहर स्टीव स्मिथ ने उस मैच में अपनी सबसे यादगार पारी खेली। पहला एशेज टेस्ट मैच हारने के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम हर हाल में दूसरा टेस्ट मैच जीतना चाहती थी। 38 रनों के योग पर डेविड वॉर्नर का विकेट निकालकर इंग्लैंड ने कंगारु टीम को तगड़ा झटका दिया। इसके बाद बल्लेबाजी के लिए क्रीज पर स्टीव स्मिथ आए। स्मिथ ने क्रिस रोजर्स के साथ मिलकर 284 रनों की मैराथन साझेदारी की। इससे ऑस्ट्रेलियाई टीम मजबूत स्थिति में पहुंच गई। रोजर्स का विकेट गिरने के बाद भी स्मिथ क्रीज पर डटे रहे और 215 रनों की शानदार मैराथन पारी खेली।
215 रनों की पारी के दौरान स्मिथ ने एडम वोग्स, मिचेल मार्श और मिचेल जॉनसन के साथ मिलकर कई अहम साझेदारियां की। वो ऑस्ट्रेलियाई टीम को 5 विकेट पर 533 रनों के योग तक ले गए लेकिन तेजी से रन बनाने के चक्कर में अपना विकेट गंवा बैठे। स्मिथ की इस पारी से ऑस्ट्रेलियाई टीम को पहली पारी में शानदार बढ़त मिली और उन्होंने इंग्लैंड के सामने जीत के लिए 500 से भी ज्यादा रनों का लक्ष्य रखा। विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लिश टीम पूरी तरह से धराशायी हो गई और मात्र 103 रनों पर ही ढेर हो गई। इस तरह से ऑस्ट्रेलिया ने 405 रनों के विशाल अंतर से जीत हासिल कर सीरीज में बराबरी की। 3. 2015 में ओवल टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ 143 रनों की पारी लॉर्ड्स टेस्ट में इंग्लैंड को बुरी तरह हराकर ऑस्ट्रेलियाई टीम ने एशेज सीरीज में 1-1 से बराबरी कर ली थी। लेकिन अपने अगले दोनों मैच ऑस्ट्रेलियाई टीम हार गई और इस तरह से एशेज पर इंग्लैंड का कब्जा हो गया। लेकिन सीरीज का आखिरी मैच अभी बाकी था जो कि ओवल में खेला जाना था। आखिरी मैच को ऑस्ट्रेलियाई टीम हर हाल में जीतना चाहती थी ताकि वो अपने सम्मान को बचा सके। ओवल की पिच पर स्टीवन फिन और स्टुअर्ट ब्रॉड का सामना करना आसान नहीं था। लेकिन स्टीव स्मिथ ने इंग्लिश गेंदबाजों का डटकर मुकाबला किया और बेहतरीन 143 रनों की पारी खेली। वो इंग्लैंड और उनकी जीत के बीच दीवार बनकर खड़े हो गए। स्मिथ ने पूरे 3 सेशन तक बल्लेबाजी की। वॉर्नर और वोग्स ने अर्धशतकीय पारियां खेलकर उनका साथ देने की पूरी कोशिश की। निचले क्रम में मिचेल स्टार्क ने भी 58 रनों की आक्रामक पारी खेली। इन सब खिलाड़ियों के मिले-जुले प्रयास से ऑस्ट्रेलियाई टीम ने पहली पारी में 481 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया जिसके जवाब इंग्लिश टीम महज 149 रनों पर सिमट गई। फॉलोआन खेलते हुए दूसरी पारी में भी इंग्लिश टीम 286 रन ही बना पाई। इस तरह से ये मुकाबला एक पारी और 46 रन से ऑस्ट्रेलिया के नाम रहा। 2. 2014 में भारत के खिलाफ मेलबर्न टेस्ट में 192 रनों की पारी ये वो सीरीज थी जहां से भारत के एक नए दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली का उदय हुआ। उस सीरीज में देखने को मिला कि विराट कोहली टेस्ट मैचों के कितने लाजवाब प्लेयर हैं। उस दौरे पर भारतीय टीम 48 रनों से पहला टेस्ट मैच हार चुकी थी जबकि महज 4 विकेट से उसे दूसरे टेस्ट मैच में भी हार का सामना करना पड़ा। इन सबके बीच स्मिथ की मेलबर्न टेस्ट में खेली गई उस यादगार पारी को भुलाया नहीं जा सकता है। तीसरा मैच मेलबर्न में था और भारतीय टीम आसानी से हार मानने वाली नहीं थी। वॉर्नर को बिना खाता खोले आउट कर भारतीय टीम ने कंगारुओं को तगड़ा झटका दिया। इसके बाद क्रिस रोजर्स और शेन वॉटसन ने अर्धशतकीय पारियां खेलकर टीम को संभाला। ब्रैड हैडिन और रेयान हैरिस ने भी अर्धशतकीय पारियां खेली। लेकिन काम को असली अंजाम तक पहुंचाया स्टीव स्मिथ ने। 192 रनों की मैराथन पारी खेलकर उन्होंने कंगारु टीम का स्कोर 530 रन कर दिया। जवाब में भारतीय टीम ने भी जोरदार पलटवार किया और 465 रन बनाए। लेकिन इतना रन जीत के लिए काफी नहीं था और भारतीय टीम को ड्रॉ से संतोष करना पड़ा। उस मैच में कोहली और अजिंक्य रहाणे ने भी शानदार शतकीय पारी खेली थी।
सबीना पार्क की पिच पर ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों की हालत खराब हो रही थी। लेकिन स्टीव स्मिथ एक छोर पर जमे हुए थे। उस मैच में उन्होंने बेहतरीन क्लास का नमूना दिखाया। स्मिथ उस वक्त बल्लेबाज के लिए आए जब मैच में महज 3 गेंदें ही डाली गई थी। सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर बिना खाता खोले पवेलियन में थे। ऐसे में स्टीव स्मिथ ने खूबसूरती से पारी को संभाला और खंभे की तरह डटे रहे। उन्होंने अकेले अपने दम पर ऑस्ट्रेलियाई पारी को आगे बढ़ाया और टीम का स्कोर 400 के करीब ले गए। जेरोम टेलर और केमार रोश खतरनाक गेंदबाजी कर रहे थे जबकि जेसन होल्डर को अनियमित बाउंस मिल रहा था। इस सबके बावजूद स्मिथ ने हार नहीं मानी और एक छोर को संभाले रखा। स्मिथ ने पहले अपना शतक पूरा किया, फिर 150 रन और जब लगा कि वो दोहरा शतक भी पूरा कर लगें तभी 199 के स्कोर पर टेलर ने उन्हें पगबाधा आउट कर दिया। स्मिथ भले ही एक रन से अपना दोहरा शतक बनाने से चूक गए लेकिन उनकी इस पारी की बदौलत ऑस्ट्रेलियाई टीम 399 रनों का विशाल स्कोर खड़ा करने में कामयाब रही। दूसरी पारी में भी स्टीव स्मिथ ने 54 रनों की शानदार पारी खेली। अंत में 277 रनों से कंगारु टीम ने मुकाबला अपने नाम किया। स्टीव स्मिथ को उनकी बेहतरीन 199 रनों की पारी के लिए मैन ऑफ द् मैच चुना गया। लेखक- गौरव सशित्तल अनुवादक-सावन गुप्ता