इसी मैदान से स्टीव स्मिथ ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की थी। उस समय उन्होंने नंबर 8 पर बल्लेबाजी की थी लेकिन इस बार वो नंबर 3 के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज थे और कप्तानी की रेस में भी थे। घर के बाहर स्टीव स्मिथ ने उस मैच में अपनी सबसे यादगार पारी खेली। पहला एशेज टेस्ट मैच हारने के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम हर हाल में दूसरा टेस्ट मैच जीतना चाहती थी। 38 रनों के योग पर डेविड वॉर्नर का विकेट निकालकर इंग्लैंड ने कंगारु टीम को तगड़ा झटका दिया। इसके बाद बल्लेबाजी के लिए क्रीज पर स्टीव स्मिथ आए। स्मिथ ने क्रिस रोजर्स के साथ मिलकर 284 रनों की मैराथन साझेदारी की। इससे ऑस्ट्रेलियाई टीम मजबूत स्थिति में पहुंच गई। रोजर्स का विकेट गिरने के बाद भी स्मिथ क्रीज पर डटे रहे और 215 रनों की शानदार मैराथन पारी खेली।
215 रनों की पारी के दौरान स्मिथ ने एडम वोग्स, मिचेल मार्श और मिचेल जॉनसन के साथ मिलकर कई अहम साझेदारियां की। वो ऑस्ट्रेलियाई टीम को 5 विकेट पर 533 रनों के योग तक ले गए लेकिन तेजी से रन बनाने के चक्कर में अपना विकेट गंवा बैठे। स्मिथ की इस पारी से ऑस्ट्रेलियाई टीम को पहली पारी में शानदार बढ़त मिली और उन्होंने इंग्लैंड के सामने जीत के लिए 500 से भी ज्यादा रनों का लक्ष्य रखा। विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लिश टीम पूरी तरह से धराशायी हो गई और मात्र 103 रनों पर ही ढेर हो गई। इस तरह से ऑस्ट्रेलिया ने 405 रनों के विशाल अंतर से जीत हासिल कर सीरीज में बराबरी की।