भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक से बढ़कर एक कप्तान आए हैं जिनकी कप्तानी में टीम इंडिया को को कई ऐतिहासिक जीत मिली हैं। यादों के झरोखे से झांका जाए तो कपिल देव, सुनील गावस्कर और मंसूर अली ख़ान सबसे ऊपर दिखाई देते हैं। हाल के सालों में सौरव गांगुली और महेंद्र सिंह धोनी ने भी भारतवासियों को जीत का जश्न मनाने का ख़ूब मौक़ा दिया है, और देश को एक नई ऊंचाई पर ले गए हैं। इन दिग्गज कप्तानों के अलावा भी कई ऐसे क्रिकेटर्स हैं जिन्होंने नियमित कप्तानों की अनुपस्थिति में टीम की कमान संभाली और काफ़ी सफल भी रहे। हालांकि इन कामचलाऊ कप्तानों को कभी टीम का स्थायी कप्तान बनने का मौक़ा नहीं मिला। ये है भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे सफल 5 कामचलाऊ कप्तान #1 गौतम गंभीर हाल के सालों में भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे क़ामयाब सलामी बल्लेबाज़ों में से एक हैं गौतम गंभीर। आईपीएल में भी गौतम बतौर कप्तान कोलकाता नाइट राइडर्स को दो बार चैंपियन बना चुके हैं। गौतम गंभीर ने कुछ मैचों के लिए भारत की भी कप्तानी की है, जहां उनका रिकॉर्ड 100% है। गौतम गंभीर ने 6 एकदिवसीय मैचों में टीम इंडिया के कप्तान रहे हैं और उनकी कप्तानी में भारत 6 में 6 मैच जीता है। गंभीर की कप्तानी में भारत में ही न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ 5-0 से वनडे सीरीज़ में भी टीम इंडिया के सिर जीत का सेहरा बंधा है। गंभीर ने 5 मैचों की इस सीरीज़ में कप्तानी के साथ साथ बल्ले से भी कमाल का प्रदर्शन किया था, बाएं हाथ के इस बल्लेबाज़ ने 2 शतकों के साथ 329 रन बनाए थे और 'मैन ऑफ़ द सीरीज़' का अवार्ड भी जीता था। #2 पॉली उमरीगर भारतीय क्रिकेट इतिहास में पॉली उमरीगर का नाम काफ़ी इज़्ज़त से लिया जाता है, पॉली उमरीगर भारत के स्टार बल्लेबाज़ थे। टेस्ट मैचों में उन्होंने 40 से ज़्यादा की औसत से 3000+ रन बनाए थे। एक कप्तान के तौर पर भी उन्हें कुछ मैचों में मौक़ा मिला था, और वहां भी उनका रिकॉर्ड शानदार था। पूर्व भारतीय कप्तान ग़ुलाम अहमद की जगह 1955-56 में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ टेस्ट सीरीज़ में उन्हें कप्तानी मिली थी। 5 मैचों की सीरीज़ में पहले दो टेस्ट में गुलाम अहमद ही कप्तान और थे बाक़ी के टेस्ट के लिए पॉली उमरीगर को कप्तान बनाया गया, जहां उन्होंने 2-0 से भारत को जीत दिलाई। ऑस्ट्रेलिया के साथ 3 टेस्ट मैचों की अगली सीरीज़ के लिए भी वही कप्तान थे, लेकिन तब भारत को 0-2 से हार मिली थी। और फिर वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ 5 टेस्ट मैचों की सीरीज़ के पहले मैच में भी कप्तानी का ज़िम्मा पॉली उमरीगर के कंधों पर ही था, पहला टेस्ट ड्रॉ रहा था। इसके बाद एक बार फिर कप्तानी दारोमदार ग़ुलाम अहमद को मिल गया। #3 अजय जडेजा अजय जडेजा को वनडे क्रिकेट में एक बेहतरीन बल्लेबाज़ के तौर पर देखा जाता था, क़रीब 200 मैचों में जडेजा ने भारत के लिए 5000 से ज़्यादा रन बनाए हैं जिनमें उनकी औसत 38 के क़रीब है। जडेजा का करियर और भी बड़ा और सुनहरा हो सकता था, लेकिन मैच फ़िक्सिंग के बाद उनके करियर पर विराम लग गया। ज़्यादातर अज़हरउद्दीन की कप्तानी में खेलने वाले जडेजा कई सालों तक टीम इंडिया के वाइस कैप्टन भी रहे, और उस दौरान उन्हें कई बार भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी का मौक़ा भी मिला। अजय जडेजा ने 13 वनडे में भारत की कप्तानी की, जिसमें भारत को 8 में जीत मिली तो 3 में हार का सामना करना पड़ा। अगर जडेजा मैच फ़िक्सिंग स्कैंडल में न फंसते तो अज़हर के बाद वह टीम इंडिया के नियमित कप्तान बन सकते थे। #4 सुरेश रैना सुरेश रैना भले ही टीम इंडिया में जगह बनाने के लिए जद्दोजहद करते दिखाई दे रहे हैं, लेकिन इसमें कोई शक नहीं है कि बाएं हाथ का ये बल्लेबाज़ वनडे स्पेशलिस्ट है। रैना के नाम वनडे में 5568 रन हैं और टी20 में 1000 से ज़्यादा रन। रैना को भी टीम इंडिया की कप्तानी करने का मौक़ा मिला है, जहां उनका रिकॉर् ठीक ठाक रहा है। सुरेश रैना ने 12 वनडे मैचों भारत की कप्तानी है, जिसमें 6 में टीम इंडिया के सिर जीत का सेहरा बंधा है तो 5 में हार झेलनी पड़ी है। रैना ने भारत को वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ 3-2 से जीत दिलाई थी और फिर 2-0 से बांग्लादेश के ऊपर भी जीत हासिल की थी। टी20 में भी रैना का प्रदर्शन बल्ले के साथ साथ कप्तनी में भी शानदार है, रैना ने टीम इंडिया के लिए 2 बार टी20 में कप्तानी की है जिसमें से दोनों ही मुक़ाबलों में जीत भारत की हुई है। #5 वीरेंदर सहवाग भारतीय क्रिकेट इतिहास के विस्फोटक बल्लेबाज़ और दो बार तिहरा शतक लगाने वाले दुनिया के तीसरे और भारत के इकलौते बल्लेबाज़ वीरेंदर सहवाग ने 12 साल के अपने करियर में कुछ मौकों पर कप्तान की भूमिका भी निभाई है। टेस्ट में सहवाग ने 4 मैचों में कप्तानी की है जिसमें से 2 में भारत को जीत मिली है और एक ड्रॉ रहा है। तो वनडे में 12 मैचों में सहवाग के कंधों पर कप्तानी का ज़िम्मा था, जिसमें उन्होंने 7 मैचों में भारत के सिर जीत का सेहरा बंधवाया। अपने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट का सबसे बड़ा स्कोर 219 रन भी सहवाग ने कप्तानी करते हुए वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ जड़ा था और भारत को जीत दिलाई थी। इसके अलावा नजफ़गढ़ के इस नवाब के नाम टी20 की ऐतिहासिक कप्तानी भी दर्ज है, भारत के पहले टी20 के कप्तान वीरेंदर सहवाग ही थे, जिसमें सचिन तेंदुलकर भी टीम का हिस्सा थे और दक्षिण अफ्रीका को उन्हीं के घर में सहवाग की कप्तानी में भारत ने हराया था।